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    One nation, One election: 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर आगे क्या कदम उठाएगी मोदी सरकार? केंद्रीय मंत्री ने बताया

    By Jagran NewsEdited By: Manish Negi
    Updated: Fri, 01 Sep 2023 12:27 PM (IST)

    One Nation One Election केंद्र सरकार संसद के विशेष सत्र में एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक पेश कर सकती है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर एक समिति का गठन किया गया है। उधर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रामनाथ कोविंद से उनके आवास पर मुलाकात की है। इस मुलाकात की वजह का पता नहीं चला है।

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    'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर आगे क्या कदम उठाएगी मोदी सरकार?

    नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने अहम कदम उठाया है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के जरिए ये जानकारी दी है।

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    'एक राष्ट्र, एक चुनाव' को लेकर केंद्रीय संसदीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बयान दिया है। उन्होंने बताया कि सरकार इसको लेकर आगे क्या करने वाली है। उन्होंने कहा कि फिलहाल एक समिति का गठन किया गया है। कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद इस पर चर्चा होगी।

    संसद परिपक्व है, इस पर चर्चा की जाएगी। भारत को लोकतंत्र की जननी कहा जाता है। संसद के विशेष सत्र के एजेंडा को लेकर मैं चर्चा जरूर करुंगा।

    रामनाथ कोविंद से मिले जेपी नड्डा

    उधर, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रामनाथ कोविंद से मुलाकात की है। रामनाथ कोविंद को 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' को लेकर गठित समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद नड्डा ने उनसे मुलाकात की है। नड्डा शुक्रवार सुबह दिल्ली में स्थित पूर्व राष्ट्रपति के आवास पर उनसे मिलने पहुंचे थे।

    सरकार ने बुलाया पांच दिवसीय विशेष सत्र

    इससे पहले, केंद्र सरकार ने संसद का पांच दिवसीय सत्र बुलाने का एलान किया। संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से 22 सितंबर तक चलेगा। विशेष सत्र के एलान के बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थी कि इस दौरान 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' विधेयक पेश हो सकता है।

    'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के समर्थक पीएम मोदी

    साल 2014 में सत्ता में केंद्र की सत्ता में आने के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के प्रबल समर्थक रह हैं। 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के पीछे कारण है कि इससे वित्तीय बोझ कम होगा, साथ ही मतदान अवधि के दौरान रुकने वाले विकास कार्यों को गति मिलेगी। पीएम मोदी के अलावा 2017 में राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद ने भी 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का समर्थन किया था।