निर्मला सीतारमण ने SBI प्रमुख को लगाई फटकार, कहा- लोग बैंक से निराश, वीडियो वायरल
पिछले महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को देश के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) के प्रमुख को कथित तौर पर सार्वजनिक रूप से खरी-खोटी सुनानी पड़ी।
नई दिल्ली, जेएनएन। ग्रामीण और सुदूर इलाकों में वित्तीय समावेशन के लिए सरकारी बैंक देश की जरूरत हैं। वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के वरिष्ठ अधिकारी समेत जानेमाने अर्थशास्त्री भी समय-समय पर इसी वजह से देश में बड़े सरकारी बैंकों की जरूरत पर बल देते रहे हैं। लेकिन सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद बैंकों के कामकाज का सरकारी अंदाज कई बार गरीबों और जरूरतमंदों के वित्तीय समावेशन के आड़े आ ही जाता है। शायद यही वजह है कि पिछले महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को देश के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) के प्रमुख को कथित तौर पर सार्वजनिक रूप से खरी-खोटी सुनानी पड़ी।
एसबीआइ चेयरमैन को सरेआम फटकार
हाल ही में वित्त मंत्री का एसबीआइ चेयरमैन को कथित तौर पर सरेआम फटकार लगाता एक वीडियो वायरल हुआ है। समाचार एजेंसियों की ओर से यह वीडियो 27 फरवरी का बताया जा रहा है, जब सीतारमण गुवाहाटी में एसबीआइ द्वारा ही वित्तीय समावेशन पर आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत कर रही थीं। इसमें सीतारमण एसबीआइ के चेयरमैन रजनीश कुमार को सरेआम कहती सुनाई देती हैं कि बैंक ने खासतौर पर असम के चाय बागान मजदूरों के वित्तीय समावेशन पर ठीक से ध्यान नहीं दिया और सरकार को नीचा दिखाया है। वित्त मंत्री ने एसबीआइ को संवेदनहीन बैंक तक कह डाला और आरोप लगाया कि कर्ज बांटने में विफलता की पूरी जिम्मेदारी एसबीआइ की है। इस कार्यक्रम में कई और बैंकों के अधिकारियों समेत राज्य सरकार के भी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन ने जताई आपत्ति
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (एआइबीओसी) ने वित्त मंत्री द्वारा देश के सबसे बड़े बैंक के चेयरमैन को सार्वजनिक रूप से फटकार लगाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। संगठन ने 13 मार्च को जारी बयान में कहा है कि एसबीआइ चेयरमैन रजनीश कुमार को इस तरह सार्वजनिक रूप से फटकार लगाने की वह निंदा करता है। कन्फेडरेशन के मुताबिक जन प्रतिनिधि को संयम बरतना चाहिए और सरकारी बैंकों के किसी भी शीर्ष अधिकारी को सार्वजनिक रूप से नीचा नहीं दिखाना चाहिए।
हालांकि उसी कार्यक्रम में मौजूद असम के वित्त मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने शनिवार रात को एक के बाद एक ट्वीट में असम के हाशिए पर खड़े लोगों का दर्द समझने के लिए सीतारमण का आभार व्यक्त किया है।
सोशल मीडिया में दो खेमों में बंटे लोग
उन्होंने एआइबीओसी द्वारा वित्त मंत्री की निंदा का तीखा विरोध करते हुए लिखा कि संगठन पूरे मामले को ठीक से समझ नहीं पाया है। उनके इस ट्वीट पर जवाब देने वाले भी दो खेमों में बंटे दिख रहे हैं। कुछ यूजर्स का कहना है कि सरकारी अधिकारियों को सरेआम खरी-खोटी सुनाना अच्छी बात नहीं है। वहीं कई यूजर्स ने यह भी कहा कि सरकारी बैंकों को समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
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