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    Waqf Bill पर एनडीए एकजुट, DM का क्या होगा रोल; JPC के 14 संशोधनों में क्या-क्या शामिल?

    Updated: Tue, 01 Apr 2025 09:18 PM (IST)

    वक्फ संशोधन विधेयक बुधवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक दोपहर 12 बजे विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद है। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में विधेयक को पेश करने की जानकारी दी गई। टीडीपी जदयू हम रालोद जैसे सभी सहयोगी दलों ने विधेयक के समर्थन का एलान कर दिया है और अपने-अपने सांसदों के लिए व्हिप भी जारी कर दिया है।

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    जेपीसी में राजग के सहयोगी दलों द्वारा दिये गए सुझावों को विधेयक में शामिल किया गया।(फोटो सोर्स: जागरण)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में राजग के सहयोगी दलों द्वारा दिये गए सुझावों को विधेयक में शामिल किया गया है। इसी का नतीजा है कि टीडीपी, जदयू, हम, रालोद जैसे सभी सहयोगी दलों ने विधेयक के समर्थन का एलान कर दिया है और अपने-अपने सांसदों के लिए व्हिप भी जारी कर दिया है।

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    इन सुझावों में कलेक्टर की जगह राज्य सरकार द्वारा नामित वरिष्ठ अधिकारी को वक्फ के दावे वाली संपत्तियों की जांच का अधिकार देना, मुस्लिम समाज से दो व्यक्ति के वक्फ बोर्डों में शामिल करना, मुसलमान द्वारा किसी कानून के तहत बनाए गए ट्रस्टों को वक्फ नहीं मानना और पारदर्शिता के लिए सभी वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन एक केंद्रीय पोर्टल के माध्यम से करना शामिल है।

    दरअसल जेपीसी ने मूल वक्फ संशोधन विधेयक में कुल 14 बदलावों का सुझाव दिया था, जिन्हें नए संशोधन विधेयक में शामिल कर लिया गया है।

     जिला कलेक्टर की भूमिका पर उठ रहे थे सवाल

    राजग के सहयोगी दल ही नहीं, विपक्ष के सांसद भी विधेयक में वक्फ संपत्तियों के निर्धारण में जिला कलेक्टर की केंद्रीय भूमिका को लेकर सवाल उठा रहे थे। जेपीसी सुझाव के अनुरूप इसे बदलकर राज्य द्वारा नामित कलेक्टर से ऊपर के किसी वरिष्ठ अधिकारी को इसकी जिम्मेदारी सौंपने का प्रावधान किया गया है।

     इसी तरह से पहले मुसलमानों द्वारा किसी कानून के तहत बनाए गए ट्रस्टों को वक्फ संपत्ति घोषित किये जाने को लेकर भ्रम की स्थिति थी। अब साफ कर दिया गया है कि ऐसे ट्रस्टों को वक्फ नहीं माना जाएगा ताकि गठित करने वालों का इन ट्रस्टों पर पूर्ण नियंत्रण सुनिश्चित हो सके।

    नया कानून सिर्फ नई  वक्फ संपत्तियों पर ही होगा लागू

    नए वक्फ कानून बनने के बाद वक्फ की पुरानी संपत्तियों को लेकर विवाद खड़ा होने की आशंका सहयोगी दलों के सांसदों ने उठाई थी। इसे दूर करने के लिए साफ कर दिया है कि नया कानून पूर्व प्रभाव से लागू नहीं होगा। यानी यह नई वक्फ संपत्तियों पर ही लागू होगा।

    इसी तरह से एक केंद्रीयकृत पोर्टल के माध्यम से सभी वक्फ संपत्तियों को प्रबंधन किया जाएगा, जिनमें पंजीकरण, आडिट, योगदान के साथ-साथ इन संपत्तियों को लेकर जारी मुकदमेबाजी तक की विस्तृत जानकारी होगी। इसी तरह से किसी संपत्ति को वक्फ करने की पात्रता भी सुनिश्चित की गई है।

    इसके तहत केवल वही व्यक्ति अपनी संपत्ति को वक्फ कर सकता है, जो कम से कम पांच साल से मुस्लिम धार्मिक पद्धति से जीवन जी रहा हो (प्रैक्टिसिंग मुस्लिम )। मूल संशोधन विधेयक में वक्फ बोर्डों में किसी भी दो मुसलमान के होने की बात कही गई थी, जिनमें पदेन सदस्य के रूप में शामिल अधिकारी भी हो सकता था।

    अब इसे पदेन सदस्यों को इससे अलग कर दिया गया है। यानी दो सदस्य मुस्लिम समाज से ही इसमें शामिल किये जाएंगे। इसी तरह से अन्य छोटे-छोटे सुझावों को भी बुधवार को शामिल होने वाले विधेयक में शामिल कर लिया गया है।

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