पीएम मोदी की सांसदों संग अहम बैठक रणनीति और उपराष्ट्रपति चुनाव पर मंथन!
मानसून सत्र में विपक्ष के हंगामे के बीच राजग संसदीय दल की महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है जिसे प्रधानमंत्री मोदी संबोधित करेंगे। यह बैठक उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले हो रही है और इसका महत्व इसलिए भी है क्योंकि 5 अगस्त की तारीख पीएम मोदी और भाजपा के लिए विशेष है।

अरिंवद शर्मा, जागरण, नई दिल्ली। मानसून सत्र के दौरान सदन में विपक्ष के लगातार हंगामे के बीच मंगलवार को राजग संसदीय दल की महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है, जिसे प्रधानमंत्री मोदी संबोधित करेंगे।
उपराष्ट्रपति के चुनाव से पहले प्रस्तावित इस बैठक को कई मायनों में बेहद महत्वपूर्ण इसलिए माना जा रहा है कि बैठक की निर्धारित तिथि पांच अगस्त है, जो पीएम मोदी और भाजपा के सियासी एजेंडे में विशेष महत्व रखती है।
वर्ष 2019 में इसी तारीख को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया था और एक वर्ष बाद 2020 में इसी दिन पीएम मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन का नेतृत्व भी किया था। इसलिए माना जा रहा है कि यह बैठक सिर्फ संसदीय रणनीति तक सीमित नहीं रह सकती है।
क्या है बैठक का एजेंडा?
हालांकि बैठक के एजेंडा के बारे में कुछ स्पष्ट नहीं किया गया है, किंतु भाजपा की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि बैठक मंगलवार की सुबह 9:30 बजे संसद भवन परिसर के जीएमसी बालयोगी ऑडिटोरियम में होगी, जिसमें दोनों सदनों के राजग सदस्यों से मौजूद रहने का आग्रह किया गया है।
बहरहाल, लगभग एक वर्ष बाद राजग संसदीय दल की यह बैठक होने जा रही है। पिछली बार दो जुलाई 2024 को तब हुई थी, जब मोदी तीसरी बार पीएम पद की शपथ लेने के बाद पहली बार राजग सांसदों से मिले थे। इस बार यह बैठक ऐसे वक्त में बुलाई गई है जब दोनों सदनों की कार्यवाही लगभग ठप पड़ी हुई है।
SIR को लेकर विपक्ष का आरोप
ऑपरेशन सिंदूर पर विमर्श के बाद भी बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के मुद्दे पर विपक्ष लगातार चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाकर हंगामा कर रहा है।
बैठक का दूसरा बड़ा एजेंडा उपराष्ट्रपति का चुनाव हो सकता है। इस पद के लिए सात अगस्त से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है, जो 21 अगस्त तक चलेगी। विपक्ष की ओर से भी प्रत्याशी उतारने की स्थिति में मतदान नौ सितंबर को हो सकता है।
इस बीच राजग को प्रत्याशी की घोषणा करनी है। हालांकि दोनों सदनों में उसे बहुमत प्राप्त है। इसलिए उसकी जीत पक्की मानी जा रही है। बैठक को प्रधानमंत्री मोदी संबोधित करने वाले हैं। जाहिर है, वह न सिर्फ सदन में गतिरोध को लेकर सांसदों को दिशा-निर्देश देंगे, बल्कि हाल की घटनाओं जैसे पहलगाम में आतंकी हमला के बाद ऑपरेशन सिंदूर पर भी बात कर सकते हैं।
राजग में एकजुटता का संकेत
हालांकि ऐसी बैठकों में सामान्य तौर पर प्रधानमंत्री सांसदों को अपने-अपने क्षेत्रों में उठाए जाने वाले मुद्दों पर मार्गदर्शन देते आए हैं। साथ ही, जनता से संवाद के लिए उन्हें आवश्यक 'टिप्स' भी देते आए हैं।
केंद्र में सहयोगी दलों के साथ सरकार चला रहे भाजपा को उपराष्ट्रपति के चुनाव से पहले राजग की एकजुटता का भी संदेश देना है। बैठक में जदयू, तेदेपा और एलजेपी (रामविलास) को भी आमंत्रित किया गया है। इसलिए इस दौरान भविष्य की रणनीतियों को भी साझा किया जा सकता है।
बैठक खास होने का संकेत इसलिए भी है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की, जिसके तुरंत बाद गृह मंत्री अमित शाह ने भी राष्ट्रपति से फोन पर बात की।
सोमवार को भी हुई बैठक
सोमवार को संसद भवन में भी सरकार के शीर्ष मंत्रियों की परस्पर कई बैठकें हुईं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की, जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से विमर्श किया। फिर उन्होंने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल एवं किरेन रिजिजू से भी चर्चा की।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और गृह सचिव गोविंद मोहन ने भी अमित शाह से मुलाकात की। शीर्ष स्तर की सियासी हलचलों को देखते हुए अटकलें तेज हैं कि सरकार किसी फैसले की ओर बढ़ सकती है। ऐसे में बैठक संसद और सरकार दोनों के स्तर पर अहम साबित हो सकती है।
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