Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    NDA के सहयोगी दल के नेताओं को नहीं मिले बड़े मंत्रालय! चिराग, मांझी और ललन सिंह की मिनिस्‍ट्री का काम क्या है?

    Updated: Thu, 13 Jun 2024 10:01 AM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत उनके मंत्रियों ने कामकाज भी शुरू कर दिया है। इधर विपक्ष गठबंधन आईएनडीआईए के नेता पीएम मोदी पर मंत्रालयों व विभागों के बंटवारे में एनडीए के सहयोगी दल के नेताओं के संग भेदभाव करने का आरोप लगा रहा है। आइए यहां जानिए भाजपा ने एनडीए के सहयोगी दल के नेताओं को कौन-से मंत्रालय व विभाग सौंपे हैं और उन मंत्रालयों में क्या काम होता है...

    Hero Image
    चिराग, मांझी, ललन सिंह को मिले मंत्रालय क्या काम करते हैं?

    डिजिटल डेस्‍क, नई दिल्‍ली। भाजपा नेतृत्व एनडीए की सरकार बनने के बाद मंत्रालयों का बंटवारा हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत उनके मंत्रियों ने कामकाज भी शुरू कर दिया है। इधर, विपक्ष गठबंधन आईएनडीआईए के नेता पीएम मोदी पर मंत्रालयों व विभागों के बंटवारे में एनडीए के सहयोगी दल के नेताओं के संग भेदभाव करने का आरोप लगा रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आइए यहां जानिए भाजपा ने एनडीए के सहयोगी दल के नेताओं को कौन-से मंत्रालय व विभाग सौंपे हैं और उन मंत्रालयों में क्या काम होता है...

    1. चिराग पासवान       - लोजपा(रा)   खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय
    2. जीतन राम मांझी    - हम           सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय
    3. ललन सिंह           -जदयू           पंचायती राज मंत्रालय और पशुपालन एवं डेयरी विभाग
    4. राम मोहन नायडू    -टीडीपी       नागरिक उड्डयन मंत्रालय

    चिराग पासवान के मंत्रालय में क्या होता है?

    चिराग पासवान को मिले इस मंत्रालय में खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित नियमों, विनियमों और कानूनों के निर्माण और प्रशासन का कामकाज होता है। डेयरी उत्पाद, दूध, फल और सब्जियों का प्रसंस्करण, पैकेट बंद भोजन और पेय पदार्थ आदि इसी मंत्रालय के अंतर्गत आते हैं।  

    देश की अर्थव्यवस्था में इस मंत्रालय का अहम योगदान है। निर्यात में 13 फीसदी और औद्योगिक निवेश में 6 फीसदी योगदान है। साथ ही इसने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को भी आकर्षित किया है।

    2014 से 2020 तक 4.18 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश आया है। हालांकि, भारत बहुत बड़ी मात्रा में विदेशों से खाद्य प्रसंस्कृत उत्पाद आयात भी करता है। 2023-2024 के बजट में इस मंत्रालय को 3290 करोड़  रुपये आवंटित किए गए थे।

    इस विभाग की प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना प्रमुख है।

    क्‍या फायदा होता है?

    • किसानों को ज्यादा मुनाफा मिलने की संभावनाएं हैं। कृषि उत्पादकता बढ़ने पर किसानों की आय भी बढ़ेगी।
    • खेती करने के बेहतर तरीके,  उद्योगों को उच्च गुणवत्ता वाले कच्चे माल सुलभ करवाएं जाएं तो अन्नदाताओं को उपज का सही दाम मिलेगा।
    • व्यापक स्तर पर कारोबारी निवेश की संभावनाएं हैं, जिससे रोजगार के नए अवसर भी मिलते हैं। फसल कटाई के बाद सुविधाएं, लॉजिस्टिक्स, कोल्ड स्टोरेज चेन श्रृंखला और विनिर्माण आदि।
    •  केंद्र सरकार मेगा फूड पार्क बनवा रही है, जिसका उद्देश्‍य प्रसंस्करणकर्ताओं और खुदरा विक्रेताओं को एक साथ लाते हुए कृषि उत्पादन को बाजार से जोड़ने के लिए एक तंत्र उपलब्ध कराना है। इससे किसानों की आय में वृद्धि और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित करना सुनिश्चित किया जा सके।

    जीतन राम मांझी के मंत्रालय (MSME) में क्‍या होता है?

    एनडीए के सहयोगी दल हम के नेता जीतनराम मांझी को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय (MSME) मंत्रालय दिया गया है। हमारे देश की अर्थव्यवस्था  के विकास में छोटे और मध्यम स्तर के व्यवसायों का बड़ा योगदान है। इसलिए इसे आर्थिक विकास का इंजन अथवा रीढ़ की हड्डी के रूप में भी जाना जाता है।

    इसके तहत कम पूंजी निवेश कर उद्यमशीलता को बढ़ावा दिया जाता है। यह न सिर्फ रोजगार के नए अवसर पैदा करता है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में भी इसकी अहम भूमिका है।

     MSME मंत्रालय का काम

    - यह कारीगरों और श्रमिकों की भलाई के लिए काम करता है।

    -बैंकों से क्रेडिट लिमिट या आर्थिक सहायता मुहैया कराता है।

    -एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट यानी नए बिजनेस को बढ़ावा देता है।

    -स्किल अपग्रेडेशन और मैनपावर ट्रेनिंग मुहैया कराने पर काम करता है।

    -पैकेजिंग, प्रोडक्ट डेवलपमेंट और डिजाइन इंटरवेंशन में भी मदद करता है।

    -मॉडर्न टेस्टिंग फैसिलिटी और क्वालिटी सर्टिफिकेशन  देता है।

    -टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और मॉडर्नाइजेशन को सपोर्ट करता है।

    -डोमेस्टिक और एक्सपोर्ट मार्केट तक पहुंच आसान हो, इसके लिए मदद करता है।

    कौन उद्योग किस श्रेणी में आएगा?

    1. सूक्ष्म उद्योग: एक करोड़ रुपये से कम का निवेश किया हो। वार्षिक टर्नओवर पांच करोड़ रुपये से कम हो
    2. लघु उद्योग : 10 करोड़ रुपये से कम का निवेश किया गया है। टर्नओवर 50 करोड़ रुपये तक ही हो।
    3. मध्यम उद्योग: 50 करोड़ रुपये से कम का निवेश किया गया है। इनका टर्नओवर 250 करोड़ तक हो।

    MSME उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की योजनाएं

    • पीएमएमवाई के तहत मुद्रा योजना।
    • क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट
    • क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी योजना
    • क्रेडिट गारंटी योजना
    • राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (NSIC) सब्सिडी
    • प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम
    • प्रधानमंत्री रोजगार योजना

    MSME से 11 करोड़ लोगों को मिल रहा रोजगार

    सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजार के लिए कई तरह के उत्पादों का उत्पादन और निर्माण करता है। 2023-2024 के बजट में इसके लिए 22137.95 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।

    बता दें कि आंकड़ों के मुताबिक, 31 अगस्त 2021  तक भारत में करीब 6.3 करोड़ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग हैं। मौजूदा वक्त में भारत की जीडीपी में करीब 30 प्रतिशत एमएसएमई का योगदान है। इसके जरिये देश में 11 करोड़ से ज्यादा लोगों को मौजूदा वक्त में रोजगार मिल रहा है।

    ललन सिंह के दोनों मंत्रालयों में क्या काम होता है?

    1- पंचायती राज में होता ये काम :

    जदयू के सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को दो मंत्रालय दिए गए हैं, जिनमें से एक पंचायती राज मंत्रालय है। मई, 2004 में ग्रामीण क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर सुधार लाने इसे बनाया गया था। इसे देश की तीन स्तरीय प्रशासनिक संरचना (ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद ) के रूप जाना जाता है।

    यह मंत्रालय ग्रामीण स्थानीय निकायों को नागरिक कार्यक्रमों जैसे-  सड़कों, फुटपाथों, पुलों, जल निकासी सिस्टम, पार्क, पाइप जलापूर्ति, स्ट्रीट लाइट आदि के रखरखाव और निर्माण के लिए अनुदान मुहैया करता है।  2023-2024 के बजट में पंचायती राज मंत्रालय को 1183.64 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।

    2- पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय का काम

    पशुपालन एवं डेयरी विभाग भी जदयू के सांसद ललन सिंह को मिला है। 2023-2024 के बजट में पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के लिए 7105.74 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।

    इस विभाग का काम

    • पशुधन उत्पादन, संरक्षण, बीमारियों से सुरक्षा, पशुधन में सुधार और डेयरी विकास के मामलों को संभालना।
    • दिल्ली दुग्ध योजना (DMS) और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) से संबंधित मामलों को देखना है।
    • पशुपालन और डेयरी विकास के क्षेत्र में नीतियों और कार्यक्रम तैयार करना।
    • पशुपालन एवं डेयरी को लेकर राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह देना।
    • पशु उत्पादकता में सुधार के लिए राज्यों/केंद्र शासित क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास करना।  

    पशुपालन एवं डेयरी की योजनाएं

    • राष्ट्रीय गोकुल मिशन
    • राष्ट्रीय पशुधन मिशन
    • पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण
    •  राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम
    • पशुधन जनगणना और एकीकृत नमूना सर्वेक्षण
    • राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम
    • डेयरी अवसंरचना विकास निधि
    • पशुपालन अवसंरचना विकास निधि

    पशुधन का देश में क्या योगदान है?

    हमारे देश कृषि प्रधान देश है और पशुधन क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का एक महत्वपूर्ण उपक्षेत्र है। पशुधन के क्षेत्र में  2014-15 से 2020-21 के दौरान (स्थिर कीमतों पर) 7.93%  की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) हुई है।  कुल कृषि और संबद्ध क्षेत्र में पशुधन का योगदान सकल मूल्य वर्द्धन (GVA) (स्थिर कीमतों पर) 24.38% (वर्ष 2014-15) से बढ़कर 30.87% (वर्ष 2020-21) हुआ है।

    डेयरी के क्षेत्र में भारत किस पायदान पर है?

    डेयरी का राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 5% योगदान है। साथ ही  8 करोड़ से अधिक किसानों को इससे रोजगार मिलता है। भारत दूध उत्पादन के मामले में पहले नंबर पर है। साथ ही वैश्विक दुग्ध उत्पादन में 23%  का योगदान अकेले भारत का है।  पिछले आठ सालों में दूध  उत्पादन में 51.05% की वृद्धि हुई। यह 2021-22 में 221.06 मिलियन टन तक पहुंच गई।

    राम मोहन नायडू के मंत्रालय में क्या होता है?

    टीडीपी सांसद राम मोहन नायडू नागरिक उड्डयन मंत्रालय मिला है। देश विमानन उद्योग में वैश्विक तौर पर सबसे तेज गति से विकास करने वाला सेक्टर है। इसमें तेजी से बदलाव आया है।  बढ़ती अर्थव्यवस्था, बढ़ती आय और एयरलाइंस के बीच प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। 2023-2024 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय का बजट 2300 करोड़ रुपये था।

    यह भी पढ़ें - आंध्र प्रदेश के 'CEO मुख्यमंत्री' की चौथी बार वापसी, चंद्रबाबू नायडू के सामने पहले के मुकाबले कितनी चुनौतियां?

    मंत्रालय का क्या काम है?

    • नागरिक उड्डयन मंत्रालय पर देश में नागरिक उड्डयन क्षेत्र के विकास की जिम्मेदारी है।
    • नागरिक उड्डयन महानिदेशालय, नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी और संबद्ध सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम जैसे एयर इंडिया लिमिटेड, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और पवन हंस हेलीकॉप्टर लिमिटेड पर प्रशासनिक नियंत्रण रखता है।

    नागरिक उड्डयन उद्योग में भारत कहां?

    भारत में नागरिक उड्डयन उद्योग पिछले चार सालों के दौरान देश में सबसे तेजी से बढ़ते उद्योगों में से एक बन गया है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू नागरिक उड्डयन बाजार बन चुका है।

    नागरिक उड्डयन मंत्रालय के मुताबिक, मार्च 2023 में घरेलू हवाई वाहकों ने 13 मिलियन यात्रियों को हवाई सेवा दी। सिर्फ 2024 में ही भारत में 140 मिलियन से अधिक यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाना होगा। भारत को भविष्य में हर साल 1.3 बिलियन से अधिक यात्रियों को संभालना है।

    यह भी पढ़ें -ओडिशा को मिला पहला भाजपाई सीएम: किस राज्‍य में बनी थी पहली बार BJP की सरकार; 1984 में जीतने वाले दो सांसद कौन थे?

    comedy show banner
    comedy show banner