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कांग्रेस ने कहा- पीएम का कच्चातिवु द्वीप का मुद्दा उठाना गैर-जिम्मेदाराना, बिगड़ सकते हैं श्रीलंका से रिश्ते

Katchatheevu issue कच्चातिवु द्वीप मुद्दे पर कांग्रेस ने अब प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि चुनाव के दौरान इस मुद्दे को उठाना गैर-जिम्मेदाराना था। इससे श्रीलंका के साथ रिश्ते बिगड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की जनता ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया है। बता दें कि चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया था।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Mon, 10 Jun 2024 10:40 AM (IST)
कांग्रेस ने कहा- पीएम का कच्चातिवु द्वीप का मुद्दा उठाना गैर-जिम्मेदाराना, बिगड़ सकते हैं श्रीलंका से रिश्ते
कच्चातिवु द्वीप मुद्दा: कांग्रेस नेता जयराम रमेश। (फोटो- फाइल)

पीटीआई, नई दिल्ली। कच्चातिवु द्वीप एक बार फिर चर्चा में है। इस मुद्दे पर अब कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि इससे श्रीलंका के साथ भारत के रिश्ते बिगड़ने का खतरा है। कांग्रेस ने पूछा कि क्या वह (प्रधानमंत्री) और उनके सहयोगी पड़ोसी देश के साथ इतना बड़ा डर पैदा करने के लिए माफी मांगेंगे।

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मुद्दे को उठाना गैर-जिम्मेदाराना

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि इस मुद्दे को उठाना "बेहद गैरजिम्मेदाराना" और "इतिहास को बुरी तरह से तोड़-मरोड़ कर पेश करना है। रमेश ने अपने एक्स पोस्ट पर लिखा कि श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे रविवार के शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे।

उन्होंने आगे लिखा कि, "कच्चातिवु मुद्दे को याद कीजिए जिसे चुनाव प्रचार के दौरान 'एक तिहाई प्रधानमंत्री' ने 'निर्मित' किया था और तमिलनाडु में भाजपा के लिए समर्थन जुटाने के लिए उनके सहयोगियों ने यह मुद्दा उठाया था। यह अत्यधिक गैर-जिम्मेदाराना और इतिहास को गंभीर रूप से विकृत करने वाला कदम था।"

रमेश बोले- क्या माफी मांगेंगे?

रमेश ने कहा कि इससे श्रीलंका के साथ भारत के रिश्ते पटरी से उतरने का खतरा पैदा हो गया है। तमिलनाडु के लोगों ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया है। रमेश ने पूछा, " क्या मोदी और उनके सहयोगी हमारे पड़ोसी के साथ इतना बड़ा डर पैदा करने के लिए माफी मांगेंगे, खासकर तब जब वे 'पड़ोसी पहले' की नीति का दावा करते हैं।

पीएम मोदी और एस जयशंकर ने उठाया था मुद्दा

चुनाव से पहले तमिलनाडु में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एस जयशंकर ने दावा किया था कि कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्रियों ने कच्चातिवु द्वीप के प्रति उदासीनता दिखाई और कानूनी दृष्टिकोण के खिलाफ भारतीय मछुआरों के अधिकारों को छीना था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मीडिया रिपोर्ट के हवाले से दावा किया था कि नए तथ्यों से पता चला है कि कांग्रेस ने कच्चातिवु द्वीप को श्रीलंका को "बेरहमी'' से दिया।

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