Exit Poll 2024: 'चुनाव पर संदेह खड़ा करना विपक्ष की साजिश', भाजपा ने लगाया अराजकता फैलाना का आरोप, चुनाव आयोग को सौंपा ज्ञापन
Lok Sabha Election 2024 भाजपा ने विपक्ष पर हार की हताशा में पूरे देश में अराजकता फैलाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। चुनाव आयोग से वोटों की गिनती प्रक्रिया की पूरी तरह पारदर्शी रखने और इसमें लगे अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग करते हुए भाजपा ने 28 मई के दिल्ली रिजोल्युशन नाम से जारी एक टूलकिट का हवाला दिया है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भाजपा ने विपक्ष पर हार की हताशा में पूरे देश में अराजकता फैलाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। चुनाव आयोग से वोटों की गिनती प्रक्रिया की पूरी तरह पारदर्शी रखने और इसमें लगे अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग करते हुए भाजपा ने 28 मई के ''दिल्ली रिजोल्युशन'' नाम से जारी एक टूलकिट का हवाला दिया है।
भाजपा के अनुसार इस प्रस्ताव का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया पर संदेह खड़ा कर देश में अराजकता फैलाना है। भाजपा ने यह भी साफ किया कि वह इस प्रस्ताव की प्रमाणिकता के बारे में नहीं जानती, लेकिन आम लोगों में बड़े पैमाने पर इसके वितरण को देखते हुए इसके प्रति चुनाव आयोग को सजग करना जरूरी है।
चुनाव आयोग को सौंपा ज्ञापन
भाजपा के वरिष्ठ नेता निर्मला सीतारमण, पीयुष गोयल, ओम पाठक और संजय मयूख की ओर चुनाव आयोग को सौंपे गए ज्ञापन में विपक्ष पर भारत की संवैधानिक संस्थाओं और चुनाव प्रक्रिया पर लगातार संदेह खड़ा करने का आरोप लगाया।
भाजपा के अनुसार इसके लिए विभिन्न सिविल सोसाइटीज के नाम पर सुप्रीम कोर्ट तक में मनगढ़ंत शिकायतों के साथ याचिका दाखिल की गई। लेकिन बार-बार सुप्रीम कोर्ट ने उनकी मनगढ़ंत याचिकाओं को खारिज करते हुए चुनाव आयोग की निष्पक्षता और चुनावी प्रक्रिया पर भरोसा जताया। सुप्रीम कोर्ट के इन स्पष्ट आदेशों के बाद भी विपक्ष और उनके फ्रंट के रूप में काम करने वाली सिविल सोसाइटीज का चुनाव आयोग और चुनावी प्रक्रिया पर झूठे आरोप लगाने का सिलसिला जारी है।
'हार स्वीकारने को तैयार नहीं विपक्ष'
भाजपा के अनुसार 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सत्ता में आने के बावजूद विपक्ष भाजपा की जीत को स्वीकारने को तैयार नहीं है। जबकि इसी चुनावी प्रक्रिया के तहत उनकी कई राज्यों में जीत हो चुकी है। भाजपा ने आरोप लगाया कि इन झूठे आरोपों से अपार जनसमर्थन के कारण सत्ता में आने वाले प्रधानमंत्री मोदी की छवि को देश के भीतर और विदेश में क्षति पहुंचाने की भी कोशिश हो रही है।
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