Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Delhi Services Ordinance: 'इस बिल में आपको क्या अच्छा लगा?', समर्थन पर BJD और YSR कांग्रेस से चिदंबरम ने पूछा

    By Jagran NewsEdited By: Jagran News Network
    Updated: Wed, 02 Aug 2023 11:01 AM (IST)

    दिल्ली सेवा बिल को 1 अगस्त 2023 को गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में पेश किया. बीजू जनता दल (BJD) और वाईएसआर कांग्रेस (YSRPC) ने इस बिल को अपना समर्थन दिया है. अब कांग्रेस नेता और देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस से पूछा है कि उन्हें इस बिल में क्या अच्छा लगा?

    Hero Image
    कांग्रेस नेता और देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (फाइल फोटो)

    दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली सेवा बिल को 1 अगस्त 2023 को गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में पेश किया. बीजू जनता दल (BJD) और वाईएसआर कांग्रेस (YSRPC) ने इस बिल को अपना समर्थन दिया है. अब कांग्रेस नेता और देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार (2 अगस्त) को दिल्ली सेवा अध्यादेश को बदलने के लिए केंद्र के विधेयक को समर्थन देने का वादा करने वाले बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस से पूछा है कि उन्हें इस बिल में क्या अच्छा लगा? चिदंबरम ने दोनों पार्टियों से एक ट्वीट में एक के बाद एक कई सवाल पूछे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सीनियर कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं दिल्ली सेवा प्राधिकरण विधेयक का समर्थन करने वाले भाजपा सांसदों को समझ सकता हूं, लेकिन मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि बीजेडी और वाईएसआरसीपी पार्टियों को विधेयक में क्या चीज अच्छी लगी?

    अधिकारियों के मुकाबले सिर्फ एक होगा मुख्यमंत्री ?

    उन्होंने कहा कि "क्या दोनों दलों (ओडिशा और आंध्र प्रदेश में रूलिंग पार्टी) को 3 सदस्यीय प्राधिकरण में यह ठीक लग रहा है, जहां मुख्यमंत्री केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त दो अधिकारियों के मुकाबले सिर्फ एक होगा? क्या उन्हें उस प्रावधान में अच्छाई दिख रही है जहां दो अधिकारी कोरम का गठन कर सकते हैं और बैठक आयोजित कर सकते हैं और मुख्यमंत्री की भागीदारी के बिना निर्णय ले सकते हैं?"

    अधिकारी मुख्यमंत्री को खारिज कर सकते हैं?

    पूर्व वित्त मंत्री ने आगे कहा, "क्या उन्हें उस प्रावधान में अच्छाई दिख रही है जहां दो अधिकारी मुख्यमंत्री को खारिज कर सकते हैं? क्या उन्हें उस प्रावधान में अच्छाई दिख रही है जहां लेफ्टिनेंट गवर्नर प्राधिकरण के सर्वसम्मत निर्णय को भी खारिज कर सकते हैं?

    ...तो अधिकारी मालिक होंगे और मंत्री अधीनस्थ?

    अपने ट्वीट में चिदंबरम ने बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस से पूछा कि "क्या उन्हें उस प्रावधान में अच्छाई दिख रही है जो केंद्र सरकार को दिल्ली सरकार के मंत्रियों को छोड़कर दिल्ली सरकार में काम करने वाले अधिकारियों की "शक्तियों और कर्तव्यों" को परिभाषित करने का अधिकार देता है? क्या दोनों पार्टियों को यह एहसास हो गया है कि यदि विधेयक पारित हो गया तो अधिकारी मालिक होंगे और मंत्री अधीनस्थ?"

    इसके अलावा चिदंबरम ने मणिपुर हिंसा पर सवाल किया कि मणिपुर सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के अभियोग को दिल्ली में पीएमओ और इंफाल में सीएमओ तक पहुंचने में कितना समय लगेगा? अगर मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह में संवैधानिक नैतिकता की थोड़ी भी समझ है, तो उन्हें तुरंत पद छोड़ देना चाहिए।