Delhi Chunav Result: कौन हैं BJP के वो 5 नेता जो निकले छुपे रुस्तम, जोरदार प्लान से ढहाया केजरीवाल का किला
Delhi Chunav Result 2025 दिल्ली चुनाव में भाजपा को बंपर जीत मिली है। दिल्ली में जीत के लिए भाजपा ने अलग-अलग नेताओं को जिम्मेदारियां सौंपी और AAP के वोट बैंक में सेंध लगाने का काम किया गया। पार्टी को 27 साल बाद सत्ता में लाने के लिए 5 ऐसे छुपेरुस्तम नेता भी जमीन पर जुटे रहे जिन्होंने भाजपा और मोदी की गारंटियों को हर दूसरे वोटर तक पहुंचाया।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Delhi Chunav Result 2025 दिल्ली चुनाव में भाजपा ने बंपर जीत हासिल की है। पार्टी ने 48 सीट जीतकर आम आदमी पार्टी के लगातार चौथी बार सरकार बनाने के सपनों पर भी पानी फेर दिया। भाजपा की जीत में जहां एक ओर पीएम मोदी को श्रेय दिया जाता है, वहीं पार्टी की चुनावी रणनीति भी इसमें कारगर रही।
चुनाव से तीन साल पहले ही भाजपा ने इसकी रणनीति बना ली थी और 2024 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद ही पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी थी।
दिल्ली में जीत के लिए भाजपा ने अलग-अलग नेताओं को जिम्मेदारियां सौंपी और AAP के वोट बैंक में सेंध लगाने का काम किया गया। पार्टी को 27 साल बाद सत्ता में लाने के लिए 5 ऐसे छुपेरुस्तम नेता भी जमीन पर जुटे रहे जिन्होंने भाजपा और मोदी की गारंटियों को हर दूसरे वोटर तक पहुंचाया।
रमेश पोखरियाल निशंक
रमेश पोखरियाल उत्तराखंड भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री के साथ ही केंद्र में भी शिक्षा मंत्री रहे हैं। पार्टी ने उन्हें दिल्ली की पांच सीटों को जिताने की जिम्मेदारी दी थी। इनमें नई दिल्ली की भी सीट शामिल है। जहां आप संयोजक अरविंद केजरीवाल उम्मीदवार थे। इसके साथ ही उन्हें जिन चार और सीटों की जिम्मेदारी दी गई थी, उनमें आरकेपुरम, कस्तूरबा नगर, मालवीय नगर व ग्रेटर कैलाश है। इन पांचों ही सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है।
मोहन यादव का दिल्ली में भी चला जादू
मोहन यादव मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। इन्हें भी पार्टी ने दिल्ली चुनाव में उतारा था। साथ ही उन्हें दिल्ली की 12 विधानसभाओं की जिम्मेदारी दी गई और प्रचार में लगाया। इन 12 सीटों में 11 पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। एक सीट सीलमपुर पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।
पार्टी ने उन्हें जिन 12 विधानसभा सीटों पर लगाया था, उनमें हरीनगर, मादीपुर, रोहनी, मुस्तफाबाद, सीलमपुर, बादली, त्रिनगर, विकासपुरी, नागलोई जाट, उत्तम नगर, नजफगढ़ व मालवीय नगर सीट है।
सिद्धार्थनाथ सिंह
इलाहाबाद के विधायक व उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को पार्टी ने नवीन शहादरा क्षेत्र में पांच सीटों की जिम्मेदारी दी थी। वह पिछले डेढ़ महीने से यहीं जुटे रहे। तत्परता इतनी थी कि उनके क्षेत्र में कुंभ था फिर भी वह किसी अमृत स्नान में नहीं जा पाए। हालांकि उनकी सिर्फ दो सीटों पर जीत मिली, लेकिन ये बहुत अहम साबित हुईं क्योंकि कई सीटें मुस्लिम बहुल थीं।
मुख्तार अब्बास नकवी ने दिलाई बड़ी बढ़त
नरेन्द्र मोदी सरकार एक और दो में केंद्रीय मंत्री रह चुके। नकवी भाजपा की कोर रणनीतिक टीम में अक्सर भूमिका निभाते रहे हैं। बताया जाता है कि उनके कार्यक्षेत्र में आने वाली सीटों में 90 प्रतिशत पर भाजपा ने जीत दर्ज की।
शाहनवाज हुसैन के प्रचार से भाजपा को फायदा
भाजपा के लोकप्रिय मुस्लिम चेहरा तो हैं, लेकिन बिहार चुनाव उनकी उपयोगिता एक पूर्वांचली नेता के रूप में थी। मोतीनगर, मालवीयनगर, मुस्तफाबाद, बल्लीमारान, कृष्णानगर समेत सात सीटों पर वह कई बार गए। सामान्य जनसंपर्क में भी उनकी भूमिका थी। भाजपा को इसका लाभ मिला।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।