'शीश महल बनाने की न सोचते तो...', AAP की हार के बाद अरविंद केजरीवाल को लेकर क्या बोले अन्ना हजारे?
अन्ना हजारे ने आम आदमी पार्टी की हार के बाद कहा कि अरविंद केजरीवाल ने सत्ता में आने के बाद शराब के लाइसेंस दिए। वह समाज सेवा की अवधारणा को नहीं समझ सके। वह यह नहीं समझ सके कि समाज के लिए अच्छा कार्य करने से खुशी मिलती है। जो लोग पैसे के लिए राजनीति में आते हैं वे गलत हैं।

एएनआई, अहमदनगर। सामाजिक कार्यकर्ता और साल 2011 से 2013 के बीच इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन के अगुवा रहे अन्ना हजारे ने कहा है कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल समाज सेवा की अवधारणा को नहीं समझ सके। वह यह नहीं समझ सके कि समाज के लिए अच्छा कार्य करने से खुशी मिलती है। अगर वह इसे ठीक से समझ पाते तो वह 'शीश महल' बनाने के बारे में नहीं सोचते।
अरविंद केजरीवाल ने सत्ता में आने के बाद शराब के लाइसेंस दिए। जब वह हमारे साथ थे तो उन्हें शराब पसंद नहीं थी। शराब से सब कुछ नष्ट हो जाता है। अन्ना ने कहा कि राजनीति खराब नहीं होती, लेकिन जो लोग पैसे के लिए राजनीति में आते हैं वे गलत हैं। राजनीति में बहुत से लोग अच्छे हैं। वे समाज और देश के बारे में सोचते हैं। अन्ना हजारे
"Doing good work for society makes one happy from within, he did not understand this": Anna Hazare takes jibe at Arvind Kejriwal
— ANI Digital (@ani_digital) February 9, 2025
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अन्ना के साथ भष्ट्राचार आंदोलन में थे केजरीवाल
गौरतलब है कि अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के विरोध में हुए देशव्यापी आंदोलन का अरविंद केजरीवाल अहम हिस्सा थे। उन्होंने इस आंदोलन में अपने साथियों के साथ बढ़-चढ़कर भाग लिया था। बाद में उन्होंने अन्ना हजारे का साथ छोड़कर अपनी एक अलग से राजनीतिक पार्टी बनाई और दिल्ली की सत्ता पर दस साल तक काबिज रहे। इस दौरान उनके ऊपर शराब घोटाले सहित कई आरोप लगे।
हाल ही में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा और भाजपा ने आम आदमी पार्टी को पटखनी देकर दिल्ली की सत्ता में वापसी कर ली।
संजय राउत ने अन्ना हजारे पर उठाए सवाल
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की हार से खुश हैं। उन्होंने केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ पिछले कुछ सालों में लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर अन्ना हजारे की चुप्पी पर भी सवाल उठाए।
राउत ने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि जब पीएम मोदी के शासन में भ्रष्टाचार हुआ, तब हजारे कहां थे। देश को लूटा जा रहा है और धन एक ही उद्योगपति के हाथों में जा रहा है। कहा कि महाराष्ट्र और दिल्ली में मतदाता सूची में गड़बड़ी के बारे में एक समान पैटर्न था। हजारे ने ऐसे मुद्दों पर चुप रहने का विकल्प चुना।
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