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Budget 2023-24: चुनावी साल में मोदी सरकार ने दिया जनता को तोहफा! क्या नए टैक्स स्लैब का मिलेगा सियासी फायदा?

इस साल 9 राज्यों के विधानसभा और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के अंतिम पूर्णबजट में जनता को बड़ा तोहफा दिया है ऐसे में सवाल उठता है कि क्या आगामी चुनावों में मिलेगा फायदा?

By Jagran NewsEdited By: Anil PandeyPublished: Wed, 01 Feb 2023 01:25 PM (IST)Updated: Wed, 01 Feb 2023 01:25 PM (IST)
Budget 2023-24: चुनावी साल में मोदी सरकार ने दिया जनता को तोहफा! क्या नए टैक्स स्लैब का मिलेगा सियासी फायदा?
लोकसभा में केंद्रीय बजट 2023-24 पेश करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। PTI

जागरण ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली: बजट सत्र 2023 के दूसरे दिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जिस बजट की रुपरेखा जनता के सामने रखी उसमें चुनावों की झलक को साफ देखा जा सकता है। अगर बजट की बड़ी बातों का विश्लेषण किया जाए तो उसमें नई टैक्स व्यवस्था का उल्लेख सबसे पहले आता है, जिसका असर देश के सबसे बड़े नौकरी पेशा वर्ग पर पड़ेगा।

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सरकार ने नई टैक्स व्यवस्था का ऐलान किया है, जिसके तहत सात लाख तक की कमाई वाले टैक्स फ्री हो गए। नए टैक्स सिस्टम के अनुसार नए टैक्स स्लैब के मुताबिक, तीन लाख तक की सालाना आय वाले लोगों को टैक्स नहीं देना होगा। 3-6 लाख की सालाना इनकम वालों को 5 फीसदी, 6-9 लाख की सालाना आय वालों को 10 फीसदी, 9-12 लाख रुपये सालाना कमाने वालों को 15 फीसदी आयकर देना होगा।

अब जरा इसके सियासी पहलू को भी समझ लेते हैं, इस साल 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसके बाद अगले साल मार्च-अप्रैल तक लोकसभा चुनावों की तारीखें आ जाएंगी। जिसके कारण अगले साल सरकार पूर्ण बजट पेश नहीं कर पाएगी इसीलिए इसे मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट माना जा रहा है, कुल मिलाकर समझा जाए तो सरकार के पास आम जनता को तोहफा देने का यह आखिरी मौका था।

सरकार ने भी इस मौके पर फायदा उठाया और नई टैक्स व्यवस्था का ऐलान कर दिया। जिसका असर देश के सबसे बड़े वर्ग पर पड़ेगा। ऐसे में सवाल पैदा होता है कि क्या बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को आगामी विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनाव में फायदा मिलेगा।

देश की राजनीति पर पैनी नजर रखने वाले सियासी पंडितों की मानें तो इससे फर्क तो पड़ेगा। अब यह फर्क कितना बड़ा होगा वह पार्टियों की गतिविधियों पर भी निर्भर करेगा, क्योंकि पिछले कुछ महीनों में देश के राजनीतिक समीकरणों में कुछ बदलाव देखने को मिला है। विपक्षी दलों के एकजुट होने की संभावनाएं बढ़ रही है, क्षेत्रीय दलों ने भी अपनी ताकतों के अनुसार रणनीति में बदलाव किया है।

अब से पहले पिछले चार बजटों में कोई बदलाव नहीं किया गया था। कोरोना काल के बाद से जनता टकटकी लगाए किसी राहत की उम्मीद कर रही थी, सरकार भी सही समय आने का इंतजार करती रही और आखिर में जो फैसला किया, उसका सीधा असर मिडिल क्लास पर पड़ेगा।

पीएम आवास योजना के फंड में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी

टैक्स स्लैब के अलावा सरकार ने जनता को डायरेक्ट फायदा पहुंचाने वाली जिस दूसरी योजना पर फोकस किया, वह पीएम आवास योजना है। पीएम आवास योजना का आवंटन 66% बढ़ाकर 79,000 करोड़ कर दिया गया है। इस बार के बजट में सरकार ने जिन योजनाओं का आवंटन बढ़ाया है, उसमें पीएम आवास सबसे ऊपर रही।

पिछले कुछ सालों में जनता ने इसका भरसक फायदा उठाया, सरकार भी इसे रोककर या बदलाव करके कोई जोखिम नहीं लेना चाहती थी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार ने PMAY की शुरुआत 2015 में की थी।


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