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1984 Anti Sikh Riot Case: जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे सज्जन कुमार को नहीं मिली राहत

1984 Anti Sikh Riot Caseदिल्ली से लोकसभा सांसद रह चुके कांग्रेस नेता सज्जन कुमार पर हत्या साजिश दंगा भड़काने और भड़काऊ भाषण देने का आरोप था।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 08:51 AM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 12:34 PM (IST)
1984 Anti Sikh Riot Case: जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे सज्जन कुमार को नहीं मिली राहत
1984 Anti Sikh Riot Case: जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे सज्जन कुमार को नहीं मिली राहत

नई दिल्ली [माला दीक्षित]। 1984 anti-Sikh riot case: दिल्ली सिख दंगा मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे कांग्रेस के पूर्व सांसद और दिल्ली के दिग्गज नेता सज्जन कुमार की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली।

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जमानत याचिका पर सुनवाई जुलाई महीने तक टालते हुए कोर्ट ने सज्जन कुमार को फिलहाल जमानत देने से इनकार कर दिया है। बता दें कि मंंडोली जेल में सिख दंगा मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सज्जन कुमार ने खराब स्वास्थ्य के आधार पर जमानत की गुहार लगाई थी।

पिछले साल दिल्ली हाई कोर्ट की डबल बेंच ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। साथ ही पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।

दिल्ली से लोकसभा सांसद रह चुके कांग्रेस नेता सज्जन कुमार पर हत्या, साजिश, दंगा भड़काने और भड़काऊ भाषण देने का आरोप था।

दिल्ली की राजनीति में गहरी दखल रखने वाले 1980 में अपने जीवन का पहला लोकसभा चुनाव लड़ा और पहले ही चुनाव में इतिहास रचते हुए दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री चौधरी ब्रह्म प्रकाश को ही हरा दिया था। इससे चलते वह आलाकमान की नजर में आ गए थे। लोकसभा चुनाव में इस जीत ने उन्हें तत्कालीन कांग्रेस नेता संजय गांधी की नजरों में ला लिया था।

सज्जन कुमार का दिल्ली की राजनीति में कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने 1991 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा और भारतीय जनता पार्टी के साहब सिंह वर्मा को शिकस्त देते हुए बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद बने थे। साहिब सिंह वर्मा वही नेता हैं, जो बाद में दिल्ली के मुख्यमंत्री भी बने थे। वहीं, सज्जन कुमार को 2004 में भी कांग्रेस पार्टी ने टिकट दिया था और उन्होंने लोकसभा का चुनाव भी जीता था। इसके बाद उन्हें 2004 और 2009 में कांग्रेस ने सिखों की नाराजगी के मद्देनजर टिकट नहीं दिया था।

सज्जन कुमार को कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ आने के लिए भी मना कर दिया जाता था। यहां तक कि दो साल पहले जब कांग्रेस के राहुल गांधी ने दिल्ली में धरना दिया था, तो उसमें भी सज्जन कुमार शिरकत करने नहीं आए।


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