अजित पवार को 17 मामलों में मिल चुकी है क्लीन चिट, भाजपा नेता के बयान से बढ़ गई होगी चिंता!
अजित पवार पर सिंचाई घोटाले का आरोप था। महाराष्ट्र में हुए करीब 70 हजार करोड़ के कथित सिंचाई घोटाले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने नवंबर 2018 में अजित पवार को जिम्मेदार ठहराया था। अब मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलें में फंस सकते हैं अजित!

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। क्या राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता, पार्टी सुप्रीमो शरद पवार के भतीजे और महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार जेल जा सकते हैं? महाराष्ट्र भाजपा नेता मोहित कंबोज ने बड़े एनसीपी नेता के जल्द जेल जाने की बात कर इस सवाल को खड़ा कर दिया है। वैसे बता दें कि अजित पवार को 17 मामलों में क्लीन चिट मिल चुकी है।
एसीबी ने नहीं ठहराया था जिम्मेदार
अजित पवार पर सिंचाई घोटाले का आरोप था। इस घोटाले के 17 मामलों में अजित को क्लीन चिट मिल गई है। भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (ACB) ने बॉम्बे हाईकोर्ट में क्लीन चिट को लेकर हलफनामा दायर किया था। एसीबी के हलफनामे के अनुसार, विदर्भ सिंचाई विकास निगम के चेयरमैन रहे अजित पवार को एजेंसियों के कार्यों के लिए जिम्मेदार नहीं माना जा सकता। इसका मुख्य कारण ये है कि अजित के पास कोई भी कानूनी जिम्मेदारी नहीं है। अब इसी सिंचाई घोटाले को लेकर मोहित कंबोज ने जांच फिर से शुरू होने की बात कही है।
70 हजार करोड़ का सिंचाई घोटाला
इससे पहले भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने ही अजित को जिम्मेदार ठहराया था। महाराष्ट्र में हुए करीब 70 हजार करोड़ के कथित सिंचाई घोटाले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने नवंबर 2018 में अजित पवार को जिम्मेदार ठहराया था। महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया था कि करोड़ों रुपये के कथित सिंचाई घोटाला मामले में उसकी जांच में अजित पवार और अन्य सरकारी अधिकारियों की ओर से भारी चूक की बात सामने आई है। बता दें कि अजित पवार के पास महाराष्ट्र में 1999 से 2014 के दौरान कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सरकार में सिंचाई विभाग की जिम्मेदारी थी।
मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलें में फंस सकते हैं अजित!
एनसीपी नेता अजित पवार और उनके परिवार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय की जांच चल रही है। ईडी के मुताबिक, कई बेनामी संपत्तियों के लिए गैर-कानूनी तौर पर पैसे लगाए गए, जिन्हें हाल ही में कुर्क किया गया है। इस मामले में ईडी का शिकंजा अजित पवार पर और कस सकता है।
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