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    शरद पवार 2015 में अपनी आत्मकथा ‘लोक माझे सांगाती’ में कर चुके हैं अदाणी की प्रशंसा, बताया जमीन से जुड़ा शख्स

    By AgencyEdited By: Mohd Faisal
    Updated: Sun, 09 Apr 2023 12:20 PM (IST)

    NCP प्रमुख शरद पवार भले ही अदाणी मुद्दे को लेकर अन्य विपक्षी दलों से अलग हो गए हैं लेकिन गौतम अदाणी के साथ उनकी दोस्ती करीब दो दशक पुरानी है जब वह कोयला क्षेत्र में विस्तार की संभावनाएं तलाश रहे थे। (फाइल फोटो)

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    शरद पवार 2015 में अपनी आत्मकथा ‘लोक माझे सांगाती’ में कर चुके हैं अदाणी की प्रशंसा (फाइल फोटो)

    नई दिल्ली, एजेंसी। NCP प्रमुख शरद पवार भले ही अदाणी मुद्दे को लेकर अन्य विपक्षी दलों से अलग हो गए हैं, लेकिन गौतम अदाणी के साथ उनकी दोस्ती करीब दो दशक पुरानी है, जब वह कोयला क्षेत्र में विस्तार की संभावनाएं तलाश रहे थे।

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    आत्मकथा ‘लोक माझे सांगाती’ में किया जिक्र

    दरअसल, 2015 में प्रकाशित अपनी मराठी आत्मकथा ‘लोक माझे सांगाती’ (Lok Maze Sangati) में पवार ने अदाणी की प्रशंसा करते हुए उन्हें कड़ी मेहनत करने वाला और जमीन से जुड़ा हुआ सरल इंसान बताया है। दिग्गज नेता ने यह भी लिखा है कि उनके आग्रह पर ही अदाणी ने थर्मल पावर सेक्टर में कदम रखा था।

    पवार ने अपनी किताब में किया अदाणी का जिक्र

    पवार ने किताब में बताया है कि कैसे अदाणी ने मुंबई के स्थानीय लोगों में एक सेल्समैन के रूप में अपना कॉर्पोरेट साम्राज्य बनाया और हीरा उद्योग में अपनी किस्मत आजमाने से पहले छोटे उद्यमों में काम किया। पवार की आत्मकथा में आगे लिखा है कि वह हीरा उद्योग में अच्छी कमाई कर रहे थे, लेकिन गौतम को इसमें कोई दिलचस्पी नहीं थी। इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में प्रवेश करने की उनकी महत्वाकांक्षा थी। उनके गुजरात के मुख्यमंत्री चिमनभाई पटेल के साथ अच्छे संबंध थे और उन्होंने मूंदड़ा में एक बंदरगाह विकसित करने का प्रस्ताव पेश किया था।

    पवार के सुझाव पर थर्मल पावर क्षेत्र में रखा कदम

    उन्होंने याद किया कि पटेल ने अदाणी को चेतावनी दी थी कि बंदरगाह पाकिस्तान की सीमा के करीब और एक शुष्क क्षेत्र में है, लेकिन इसे बावजूद उन्होंने चुनौती स्वीकार की। पवार ने लिखा कि बाद में अदाणी ने कोयला क्षेत्र में कदम रखा और उनके सुझाव पर ही उन्होंने बाद में थर्मल पावर क्षेत्र में कदम रखा।

    अदाणी स्थापित किया 3,000 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट

    पवार ने किताब में बताया कि प्रफुल्ल पटेल के पिता की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित एक समारोह के दौरान उन्होंने अदाणी को सुझाव दिया था। जिसका गौतम ने अपने भाषण में जिक्र किया। आमतौर पर मंच से दिए गए बयानों पर कुछ खास नहीं होता है, लेकिन गौतम ने मामले को आगे बढ़ाया और 3,000 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट स्थापित किया। पवार ने बताया कि कैसे उन्होंने अपने दशकों लंबे राजनीतिक करियर के दौरान महाराष्ट्र में विकास की शुरुआत करने के लिए कई व्यापारियों के साथ घनिष्ठ संबंध विकसित किए।

    उद्योगपती के साथ नियमित रुप से संपर्क में रहे पवार

    राकांपा प्रमुख ने कहा कि वह उद्योगपती के साथ नियमित रुप से संपर्क में रहे। मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान वह रोजाना दोपहर दो बजे से चार बजे के बीच बिना समय लिए उनसे मिलते भी थे। पवार ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री चिमनभाई पटेल के साथ अपनी संबंधों को भी याद किया। पवार ने कहा कि उन्होंने कुछ छोटी परियोजनाओं को गुजरात भेजा, जिससे दोनों राज्यों को आर्थिक मोर्चे पर और अधिक ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सके।

    अदाणी मामले में सुप्रीम कोर्ट की समिति ज्यादा उपयोगी- पवार

    पवार ने यह भी लिखा है कि कैसे उन्होंने कोरियाई कार निर्माता को शिवसेना-भाजपा शासन के दौरान महाराष्ट्र में व्यवसाय स्थापित करने में कुछ बाधाओं का सामना करने के बाद हुंडई मोटर्स को तमिलनाडु में एक विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने में मदद की। बता दें कि शरद पवार ने शनिवार को कहा था कि वे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने के पूरी तरह खिलाफ नहीं हैं। हालांकि, उन्होंने इस बात को दोहराया कि सुप्रीम कोर्ट की समिति ज्यादा उपयोगी और प्रभावशाली होगी।