National Herald Case: ईडी के अधिकांश प्रश्नों पर राहुल गांधी ने साधी चुप्पी, जानें क्या-क्या सवाल पूछे गए?
नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से सोमवार को ईडी आफिस में लंबी पूछताछ हुई। राहुल गांधी के जवाब से असंतुष्ट प्रवर्तन एजेंसी ने आज फिर उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया है। आइए जानें- कल दिनभर क्या हुआ? राहुल गांधी से क्या सवाल पूछे गए ?
नई दिल्ली, जेएनएन। नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लांडिंग मामले में ईडी ने सोमवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से दो दौर में लगभग साढ़े आठ घंटे पूछताछ की। राहुल से रात साढ़े नौ बजे तक पूछताछ हुई, लेकिन ईडी के दफ्तर से वह दो घंटे बाद रात 11:30 बजे बाहर निकले। ईडी ने राहुल को मंगलवार यानी आज फिर पूछताछ के लिए बुलाया है। पहली बार ईडी की पूछताछ का सामना करने वाले राहुल ने अधिकांश सवालों पर चुप्पी साध ली। ईडी के नियम के मुताबिक राहुल को खुद अपने हाथों से सभी सवालों का जवाब कागज पर लिखने को कहा गया। गौरतलब है कि ईडी के सवालों का जवाब लिखने के बाद कागज के ऊपर बाईं ओर और नीचे भी दस्तखत करने होते हैं। इसी कारण ईडी में दिए गए बयान को अदालत में पुख्ता सुबूत माना जाता है।
राहुल से यंग इंडिया व एजेएल से जुड़े सवाल पूछे गए। इसमें सोनिया गांधी की यंग इंडिया के कामकाज में भागीदारी से जुड़े सवाल भी थे। ईडी ने राहुल से यंग इंडिया की परिसंपत्तियों की जानकारी मांगी। सवालों के जरिए ईडी उस साजिश का पता लगाने की कोशिश कर रही थी, जिससे एजेएल की हजारों करोड़ की संपत्ति को गांधी परिवार की एक कंपनी के हवाले कर दिया गया।
ऐसे चला पूछताछ का दौर
- राहुल गांधी कल सुबह लगभग 11.10 बजे दिल्ली स्थित ईडी दफ्तर पहुंचे, 20 मिनट बाद पूछताछ शुरु हुई।
- लगभग तीन घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने दोपहर 2.10 बजे राहुल को लंच के लिए घर जाने दिया।
- लंच ब्रेक में राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी से मिलने सर गंगा राम अस्पताल पहुंचे।
-दोपहर बाद 3.30 बजे राहुल दोबारा पूछताछ के लिए ईडी के दफ्तर पहुंचे।
-दूसरे दौर में रात लगभग 9.30 बजे तक राहुल से ईडी ने पूछताछ की। पूछताछ के लगभग 2 घंटे बाद रात - 11.30 बजे राहुल ईडी दफ्तर से बाहर निकले।
जानें- ईडी ने राहुल क्या सवाल किया?
- यंग इंडिया में उनका पद क्या है, इसकी मीटिंग में भाग लेते हैं या नहीं?
- यंग इंडिया की मीटिंग कौन बुलाता है और उसमें कौन-कौन शामिल होते हैं?
-सोनिया गांधी की यंग इंडिया के कामकाज में कितनी भागीदारी होती है?
-एजेएल के अधिग्रहण के बारे में उन्हें जानकारी थी या नहीं और उनकी सहमति ली गई थी या नहीं?
-यंग इंडिया को चलाने वाला अधिकृत व्यक्ति और उसके खाते का लेखा-जोखा रखने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट कौन है?
-क्या एजेएल को कांग्रेस की ओर से 90 करोड़ रुपये कर्ज देने के फैसले पर उनसे सहमति ली गई थी?
-क्या उन्हें लगता है कि एजेएल की माली हालत जानबूझकर खराब की गई थी?
राहुल ने इनमें से ज्यादा सवालों के जवाब नहीं दिए, जिनके जवाब दिए भी उनसे ईडी संतुष्ट नहीं हुई।
यह है नेशनल हेराल्ड मामला
पांच हजार से अधिक स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर जवाहर लाल नेहरू ने 1938 में नेशनल हेराल्ड अखबार शुरू किया था। एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) इसका प्रकाशन करती थी। अखबार की माली हालत खराब होने पर कांग्रेस ने उसे 90.25 करोड़ रुपये का कर्ज दिया। 2008 में अखबार बंद हो गया। 2010 में कांग्रेस ने यंग इंडिया प्रा. लिमिटेड (वाईआइएल) नामक कंपनी बनाई और मात्र 50 लाख रुपये लेकर उसे एजेएल से 90.25 करोड़ रुपये कर्ज वसूली का अधिकार दे दिया। यंग इंडिया में सोनिया और राहुल की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस सौदे को लेकर भाजपा नेता सुब्रहमण्यम स्वामी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने गांधी परिवार पर यंग इंडिया के जरिये एजेएल की हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति हथियाने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी।