पुतिन को गीता भेंट करने पर कांग्रेस नेता ने जताई आपत्ति, हुसैन दलवई पर बरस पड़े मुस्लिम विद्वान
पीएम मोदी द्वारा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को उनकी दो दिवसीय भारत यात्रा के दौरान रूसी भाषा में गीता की प्रति भेंट किए जाने पर आपत्ति जताने वा ...और पढ़ें

पुतिन को गीता भेंट करने पर आपत्ति जताने वाले कांग्रेस नेता पर बरसे मुस्लिम विद्वान (फोटो- एक्स)
आइएएनएस, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को उनकी दो दिवसीय भारत यात्रा के दौरान रूसी भाषा में गीता की प्रति भेंट किए जाने पर आपत्ति जताने वाले कांग्रेस नेता हुसैन दलवई की मुस्लिम धर्मगुरुओं ने शनिवार को कड़ी आलोचना की।
उन्होंने कहा कि इस कदम को लेकर विवाद पैदा करने की कोशिश अनुचित है और यह गलत आलोचना को दर्शाता है। गौरतलब है कि दलवई ने कहा था, ''मुझे गीता भेंट करने का उद्देश्य समझ में नहीं आता। धार्मिक ग्रंथों का इस्तेमाल राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए। अगर यही उद्देश्य है तो कुरान, बाइबिल और गुरु ग्रंथ साहिब भी भेंट किया जाना चाहिए था।''
इस पर अखिल भारतीय इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ''आज कांग्रेस के पतन का असली कारण ऐसे ही लोग हैं, जो ऐसे बेतुके और निरर्थक सवाल पूछते हैं। मैं हुसैन दलवई से पूछना चाहता हूं - अगर आप दूसरों को किताबें दे रहे हैं, तो क्या आप गीता देंगे? नहीं, आप कुरान देंगे, है ना? क्योंकि आप कुरान का प्रचार करना चाहते हैं, आप चाहते हैं कि लोग कुरान पढ़ें। लेकिन, एक हिंदू अपनी आस्था के अनुसार गीता ही देगा; वह कुरान क्यों देगा?''
ऑल इंडिया शिया पर्सनल ला बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने भी दलवई की आलोचना करते हुए कहा कि एक राष्ट्रीय पार्टी के नेता को ''मानवता को गुमराह करने के लिए धर्म का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। मेरे विचार से, इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। यह हिंदू-मुस्लिम का मामला नहीं है। जिम्मेदार अधिकारियों को इस पर गौर करने की जरूरत है।''
भाजपा बोली, आइएनडीआइए ब्लॉक 'निराधार' व 'निरर्थक' बयान दे रहा
उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर ¨सह ने दलवई की टिप्पणी को लेकर आइएनडीआइए ब्लाक पर निशाना साधा और कहा, ''कांग्रेस के नेता और आइएनडीआइए ब्लाक के सदस्य लगातार निराधार और निरर्थक बयान देते रहते हैं।
इस ब्लॉक ने पूरे देश का विश्वास खो दिया है। कभी वे भगवान राम को काल्पनिक बताते हैं, कभी सनातन संस्कृति पर हमला करते हैं, और कभी बेतुके, निरर्थक बयान देते हैं। यही कारण है कि इस देश की जनता ने उन्हें अलग-थलग कर दिया है और सत्ता से बेदखल कर दिया है।''
भाजपा विधायक सरोज पाढ़ी ने भी दलवई की आलोचना करते हुए कहा कि भारत सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण ''हिंदुस्तान'' है। ''राष्ट्रपति पुतिन को रूसी भाषा में गीता भेंट किए जाने से उन्हें क्या परेशानी है? क्या मुसलमानों को यह सवाल करने का अधिकार है कि प्रधानमंत्री क्या और किसे भेंट करते हैं?'

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