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    TMC विधायक के बाबरी मस्जिद के जवाब में BJP नेता ने एक और राम मंदिर का रखा प्रस्ताव, चढ़ा सियासी पारा

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 10:10 PM (IST)

    मुर्शिदाबाद में तृणमूल विधायक हुमायूं कबीर की बाबरी मस्जिद बनाने की घोषणा के जवाब में, भाजपा नेता शाखारव सरकार ने राम मंदिर बनाने का प्रस्ताव रखा है। इससे राज्य में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। भाजपा ने तृणमूल पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया है, जबकि तृणमूल ने इन आरोपों को खारिज किया है। दोनों पार्टियां एक दूसरे पर सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का आरोप लगा रही हैं।

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    TMC विधायक के बाबरी मस्जिद के जवाब में BJP नेता ने एक और राम मंदिर का रखा प्रस्ताव (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यरो, जागरण, कोलकाता। मुर्शिदाबाद जिले के भरतपुर के तृणमूल विधायक हुमायूं कबीर घोषणा कर चुके हैं कि वे छह दिसंबर को मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की नींव रखेंगे। इसके जवाब में विधानसभा चुनाव से पहले मुर्शिदाबाद जिले के पूर्व भाजपा अध्यक्ष शाखारव सरकार ने कहा है कि वे इस जिले में राम मंदिर बनाएंगे। चुनाव से पहले मुर्शिदाबाद में मंदिर और मस्जिद को लेकर बंगाल में राजनीति गरमा गई हैं।

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    हुमायूं की बाबरी मस्जिद की घोषणा के बाद भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष ने एक बार फिर बहरमपुर में राम मंदिर बनाने की बात कही है। एक साल पहले हुमायूं कबीर ने बाबरी मस्जिद बनाने की इच्छा जताई थी। उस सम, अंबिकानंद महाराज ने सागरदिघी में राम मंदिर की नींव रखी थी।

    इस बार भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष ने बहरमपुर में राम मंदिर बनाने की घोषणा कर दी। उन्होंने एक भव्य तस्वीर भी दिखाई। यानी हुमायूं की बाबरी मस्जिद की जगह एक जिले में दो राम मंदिर बनाने का की घोषणा हो गई है।

    6 दिसंबर की रैली तृणमूल की वोट बैंक राजनीति- भाजपा

    कोलकाताः भाजपा ने सोमवार को आरोप लगाया कि बाबरी मस्जिद गिराए जाने के विरोध में अगले महीने छह दिसंबर तृणमूल की रैली उसकी वोट-बैंक राजनीति का हिस्सा है। इसका मकसद संप्रदायिक सद्भाव फैलाना नहीं है, बल्कि वोट बैंक एकजुट रखना है।

    छह दिसंबर को सेंट्रल कोलकाता में मेयो रोड पर महात्मा गांधी की मूर्ति के पास अपनी सालाना संहति दिवस तृणमूल मनाएगा, जहां पार्टी एक बड़ी भीड़ जुटाने की योजना बना रही है। भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष सरकार ने दावा किया कि उन्हें सिर्फ मुस्लिम वोट चाहिए। मुस्लिम अब समझ गए हैं कि तृणमूल सिर्फ़ वोट के लिए बोलती और काम करती है। यह रैली उसकी वोट-बैंक पालिटिक्स का हिस्सा है। राज्य सरकार माइनारिटी का विकास नहीं चाहती है।

    उन्होंने कहा कि तृणमूल का प्रस्तावित कार्यक्रम संप्रदायिक सद्भाव फैलाने के मकसद से नहीं है। हालांकि,तृणमूल ने इस आरोप को खारिज करते हुए दावा किया कि यह यह पक्का करने की कोशिश है कि कोई भी संप्रदायिक तनाव न फैला सके या हिंसा न भड़का सके। तृणमूल नेता जय प्रकाश मजूमदार ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। बाबरी मस्जिद गिराए जाने के बाद से ममता बनर्जी छब दिसंबर को संहति दिवस के रूप में मनाती रही हैं। यही हमारे संविधान की भावना है।