मुकुल रॉय की विधानसभा सदस्यता खारिज करने के विरुद्ध SC जाने की तैयारी, सुवेंदु अधिकारी ने दी थी अर्जी
पश्चिम बंगाल विधानसभा सचिवालय मुकुल रॉय की सदस्यता रद्द करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की सोच रही है। विधानसभा अध्यक्ष ने महाधिवक्ता के साथ बैठक की। अदालत ने दलबदल विरोधी कानून के तहत सदस्यता रद्द की है। सुवेंदु अधिकारी ने मुकुल की सदस्यता खत्म करने की मांग की थी, जिसे अध्यक्ष ने अस्वीकार कर दिया था। बाद में मुकुल पीएसी के अध्यक्ष बने, जिसे कोर्ट ने गलत बताया।

मुकुल रॉय की विधानसभा सदस्यता खारिज करने के विरुद्ध SC जाने की तैयारी (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल विधानसभा सचिवालय मुकुल राय की विस सदस्यता रद करने के कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार कर रहा है। विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने इसे लेकर सोमवार शाम राज्य के महाधिवक्ता किशोर दत्ता के साथ बैठक की।
मालूम हो कि न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक व न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बर रशीदी की खंडपीठ ने विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी और भाजपा विधायक अंबिका राय की याचिकाओं पर यह फैसला सुनाया था। यह देश में अपनी तरह का पहला मामला है, जब किसी अदालत ने दलबदल विरोधी कानून के तहत किसी की विस सदस्यता रद की है।
मालूम हो कि मुकुल राय 2017 में तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे और 2021 में भाजपा के टिकट पर कृष्णानगर उत्तर सीट से विधायक बने थे, लेकिन चुनाव जीतते ही वह अपने बेटे सुभ्रांशु राय के साथ तृणमूल में लौट आए थे, हालांकि उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया था।
सुवेंदु अधिकारी का क्या था तर्क?
सुवेंदु ने विधानसभा अध्यक्ष को मुकुल की सदस्यता खत्म करने को लेकर अर्जी दी थी। उन्होंने दलबदल कानून के तहत सदन में मुकुल की सदस्यता को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी, लेकिन विस अध्यक्ष ने कार्रवाई करने से इन्कार कर दिया था। उनका तर्क था कि मुकुल के दलबदल करने का सौ प्रतिशत सुबूत नहीं है।
मुकुल ने दलबदल को नहीं माना था और कहा था कि वह शिष्टाचार के तौर पर तृणमूल भवन गए थे। बाद में मुकुल को विस की लोक लेखा समिति (पीएसी) का चेयरमैन भी बना दिया गया था। आमतौर पर इस पद पर विपक्षी दल का कोई सदस्य नियुक्त किया जाता है। हाई कोर्ट ने मुकुल को पीएसी अध्यक्ष बनाने के फैसले को भी गलत ठहराया है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।