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    बजट से पहले पीएम मोदी की अर्थविदों के साथ बैठक, कहा- जल्द पटरी पर आएगी अर्थव्यवस्था

    By Sanjeev TiwariEdited By:
    Updated: Thu, 09 Jan 2020 08:59 PM (IST)

    विकास दर के घटने के तमाम आंकड़ों के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने जनता व उद्योग जगत को भरोसा दिलाया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत बनी हुई है।

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    बजट से पहले पीएम मोदी की अर्थविदों के साथ बैठक, कहा- जल्द पटरी पर आएगी अर्थव्यवस्था

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था की विकास दर के घटने के तमाम आंकड़ों के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने जनता व उद्योग जगत को भरोसा दिलाया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत बनी हुई है और यह जल्द पटरी पर लौटेगी। गुरुवार को अपने कैबिनेट के प्रमुख सहयोगियों के साथ नीति आयोग के सदस्यों व अर्थविदों के साथ बैठक में पीएम मोदी ने देश की इकोनोमी को पांच ट्रिलियन डॉलर की बनाने के लिए सम्मिलित कोशिश करने को कहा। उन्होंने कहा कि, ''हमें एक राष्ट्र के तौर पर सोचने की शुरुआत करनी चाहिए।''

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    नीति आयोग में प्रधानमंत्री ने बजट से पूर्व अर्थशास्ति्रयों और आयोग के सलाहकारों के साथ यह बैठक की। इससे पहले वह उद्योगपतियों के साथ अलग अलग बैठक कर अर्थव्यवस्था और बजट को लेकर चर्चा कर चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी आर्थिक नीतियों की व्यक्तिगत स्तर पर समीक्षा कर रहे हैं। बजट की तैयारियों से जुड़ी कई बैठकें उन्होंने बिना किसी अधिकारियों की मौजूदगी के की है। इसमें कारोबारी जगत के प्रतिनिधि व पीएम मोदी ही मौजूद होते थे।

    गुरुवार को हुई बैठक इस लिहाज से अलग थी क्योंकि इसमें गृह मंत्री अमित शाह, सड़क यातायात व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, वाणिज्य व रेल मंत्री पीयूष गोयल, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार, पीएम के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देव राय, कृषि व ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र तोमर के अलावा कई वरिष्ठ अर्थविद, प्राइवेट इक्विटी कैप्टिलिस्ट, मैन्यूफैक्चरिंग, पर्यटन, एफएमसीजी उद्योगों के प्रतिनिधि समेत 40 विशेषज्ञ उपस्थित थे।

    सनद रहे कि सरकार की तरफ से जारी आंकडों में ही माना गया है कि वर्ष 2019-20 में देश की आर्थिक विकास दर 5 फीसद रहेगी जो पिछले 11 वर्षो की सबसे नीचली विकास दर है। इस पर कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दलों ने वर्ष 2023-24 तक 5 ट्रिलियन की इकोनोमी बनाने के सरकार के नारे पर सवाल उठाया है। इसका जवाब पीएम नरेंद्र मोदी ने आज यह कहते हुए दिया कि, 5 ट्रिलियन इकोनोमी बनाने की बात सरकार ने अचानक ही नहीं की है बल्कि इसके बारे में काफी सोच विचार करने के बाद फैसला किया गया है। नीति आयोग के तत्वाधान में हुई बैठक का पीएम ने खास तौर पर प्रशंसा की है कि इस तरह की खुली चर्चा से ही सकारात्मक वातावरण बनता है।

    वित्त मंत्री ने भाजपा पदाधिकारियों से ली फीडबैक

    बजट से पूर्व गुरुवार को जब पीएम नरेंद्र मोदी नीति आयोग में अहम बैठक कर रहे थे, ठीक उसी वक्त वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने भाजपा पदाधिकारियों के साथ लंबी बैठक कर फीडबैक लिया। अलग अलग तीन दौर में महासचिवों, प्रवक्ताओं और मोर्चा प्रमुखों के साथ बैठक में निर्मला ने यह जानना चाहा कि जब वह जनता के बीच जाते हैं तो सबसे ज्यादा कौन सा मुद्दा सामने आता है। उन्हें अर्थव्यवस्था की सुस्ती, रोजगार, बाजार मे निवेश के लिए ज्यादा सुविधा, कालाधन घोषित करने के लिए स्कीम जैसे मुद्दों के प्रति लगभग सभी पदाधिकारियों ने जानकारी दी।

    यूं तो नीति आयोग में हुई अहम बैठक में वित्त मंत्री की गैर मौजूदगी पर विपक्षी दल कांग्रेस ने तंज भी कसा है और कहा कि अगले बजट बैठक में सीतारमण को भी आमंत्रित करें। बहरहाल सीतारमण की भाजपा पदाधिकारियों के साथ बैठक इस मायने में अहम थी कि अलग अलग स्तर पर भाजपा नेताओं से पूछे जा रहे है सवाल सामने आ गए। सूत्रों के अनुसार प्रवक्ताओं ने बताया कि उन्हें मुख्यत: रोजगार और अर्थव्यवस्था पर सवाल पूछे जाते हैं।

    ऐसे में सरकार को बजट में कुछ ऐसी घोषणाएं करनी चाहिए जो इस दशा को सुधार सके। बताते हैं कि कुछ पदाधिकारियों ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्टर सेक्टर के लिए टैक्स रिबेट और सिंचाई परियोजनाओं के लिए कुछ खास करने की बात कही। इसी क्रम मे कालाधन का भी मुद्दा आया और सुझाव दिया गया कि कोई ऐसी स्कीम आनी चाहिए कि लोग बेझिझक कालाधन घोषित कर सकें। जबकि एक सदस्य ने कहा कि फिलहाल निवेश को लेकर बहुत आकर्षण इसलिए नहीं है क्योंकिकई क्षेत्रों में बहुत ज्यादा अवरोध हैं। सरकार को इसे सरल बनाने की कोशिश करनी चाहिए।

    वहीं निर्मला ने भी अलग अलग बैठकों में सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी दी और बताया कि ऐसे सवालों के क्या तर्क दिए जा सकते हैं।