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    'वो राम को नहीं मानते और हिंदुओं का ...', परिसीमन विवाद को लेकर एमके स्टालिन पर बरसे केंद्रीय मंत्री

    Updated: Tue, 04 Mar 2025 09:53 AM (IST)

    केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने प्रस्तावित परिसीमन मुद्दे पर तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन पर निशाना साधा है। एसपी सिंह बघेल ने कहा- स्टालिन क्षेत्रवादी हैं और वे सनातन और हिंदुत्व का विरोध करते हैं राम के अस्तित्व में विश्वास नहीं करते और हिंदी का विरोध करते हैं। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा-जबकि हम लोक भाषा भोजन और संस्कृति के समर्थक हैं।

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    एमके स्टालिन पर बरसे केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल

    एएनआई, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने प्रस्तावित परिसीमन मुद्दे पर तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि वे सनातन और हिंदुत्व का विरोध करते हैं और राम के अस्तित्व में विश्वास नहीं करते और हिंदी का भी विरोध करते हैं।

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    एएनआई से बात करते हुए बघेल ने कहा,

    'वे (एमके स्टालिन) क्षेत्रवाद हैं... वे सनातन और हिंदुत्व का विरोध करते हैं, राम के अस्तित्व में विश्वास नहीं करते और हिंदी का विरोध करते हैं। जबकि हम लोक भाषा, भोजन और संस्कृति के समर्थक हैं।'

    'परिसीमन एक संवैधानिक संस्था है'

    इसके अलावा उन्होंने कहा कि परिसीमन एक संवैधानिक संस्था है और इसके लिए गठित आयोग का एक उद्देश्य है और उनकी रिपोर्ट को स्वीकार किया जाना चाहिए।

    उन्होंने आगे कहा, 'परिसीमन एक संवैधानिक संस्था है। संविधान में कहा गया है कि समय-समय पर परिसीमन आयोग का गठन किया जाएगा, जो आरक्षण और क्षेत्रीय विस्तार की देखभाल करेगा... यह इसी उद्देश्य के लिए एक आयोग है और हमें इसकी रिपोर्ट को स्वीकार करना होगा।'

    बच्चों पर टिप्पणी को लेकर AIADMK नेता ने दिया जवाब

    इस बीच, AIADMK के राष्ट्रीय प्रवक्ता कोवई सत्यन ने DMK का मजाक उड़ाया और कहा कि अगर तमिलनाडु में उनके MPS शून्य हो जाते हैं तो इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा।

    इसके अलावा, उन्होंने कहा कि परिसीमन के दौरान जनसंख्या में बढ़ोतरी की मांग करना जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व पाने की एक दूरदर्शी सोच है। उन्होंने एमके स्टालिन को नंबर एक 'अक्षम मुख्यमंत्री' भी कहा।

    'सांसदों की संख्या कम हो या ज्यादा...'

    एक वीडियो में, सत्यन ने कहा

    'अगर तमिलनाडु के सांसदों की संख्या 39 या उससे कम या ज्यादा है तो डीएमके के लिए क्या फर्क पड़ेगा? वैसे भी प्रदर्शन शून्य होने वाला है... परिसीमन 2026 तक शुरू होने वाला है। अब जनसंख्या में वृद्धि की मांग करना, जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व पाने की एक दूरदर्शी सोच है। जनसंख्या एक अभिशाप के साथ-साथ एक वरदान भी है। इसलिए, कोई दूरदर्शिता नहीं है... हम बार-बार यह कहते हैं कि भारत में नंबर एक अक्षम मुख्यमंत्री एमके स्टालिन हैं..."

    'विवाहित कपल ज्यादा बच्चे पैदा करें'

    इससे पहले स्टालिन ने राज्य के कपल से कहा था कि वे संसद में अधिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए 'तुरंत बच्चे को जन्म दें'। स्टालिन ने कहा कि सांसदों की संख्या जनसंख्या पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि अब वे यह नहीं कहेंगे कि बच्चे को जन्म देने में जल्दबाजी न करें।

    'पहले कहा जाता था कि तुरंत बच्चे को जन्म न दें, जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है। लेकिन अब यह जरूरी नहीं है, हमें ऐसा भी नहीं कहना चाहिए।

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