Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अखिलेश यादव के कार्यकाल में हुआ था उत्तर प्रदेश में करीब सौ करोड़ का खनन घोटाला

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Sun, 06 Jan 2019 12:00 PM (IST)

    हमीरपुर में अवैध खनन को लेकर विजय द्विवेदी ने याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट के मौरंग खदानों पर पूरी तरह से रोक लगाने के बाद भी जिले में अवैध खनन खुलेआम ...और पढ़ें

    Hero Image
    अखिलेश यादव के कार्यकाल में हुआ था उत्तर प्रदेश में करीब सौ करोड़ का खनन घोटाला

    लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में खनन के लिए स्वर्ग माने जाने वाले हमीरपुर के साथ ही सोनभद्र में बड़ी मात्रा में हो रहे अवैध खनन के मामले में आज सीबीआइ ने 12 जगह पर पड़ताल की है। अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान गायत्री प्रसाद प्रजापति की सरपरस्ती में यह अवैध खनन का घोटाला सौ करोड़ से अधिक का था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हमीरपुर में अवैध खनन को लेकर विजय द्विवेदी ने याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट के मौरंग खदानों पर पूरी तरह से रोक लगाने के बाद भी जिले में अवैध खनन खुलेआम किया गया। 28 जुलाई 2016 को तमाम शिकायतें व याचिका पर सुनवाई करते हुये हाईकोर्ट ने अवैध खनन की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। इसके बाद से जांच चल रही है। अवैध खनन करने को लेकर सीबीआइ की उस समय हमीरपुर में डीएम रह चुके भारतीय प्रशासनिक सेवा(आईएएस) के तीन वरिष्ठ अधिकारियों बी चंद्रकला के साथ ही संध्या तिवारी और भवनाथ से पूछताछ की योजना थी।

    अखिलेश यादव की सरकार में बी, चंद्रकला की बतौर जिलाधिकारी पोस्टिंग हमीरपुर जिले में हुई थी। आरोप है कि जुलाई 2012 के बाद हमीरपुर जिले में 50 मौरंग के खनन के पट्टे किए थे। ई-टेंडर के जरिए मौरंग के पट्टों पर स्वीकृति देने का प्रावधान था लेकिन बी.चन्द्रकला ने सारे प्रावधानों की अनदेखी की थी। वर्ष 2015 में अवैध रूप से जारी मौरंग खनन को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने 16 अक्टूबर 2015 को हमीरपुर में जारी किए गए सभी 60 मौरंग खनन के पट्टे अवैध घोषित करते हुए रद कर दिया था। इसके बाद भी यहां पर बड़ी मात्रा में खनन किया गया। इसमें खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति ने भी जमकर लूट की थी। प्रदेश में कम समय में ही लंबी छलांग लगाने वाले गायत्री प्रसाद प्रजापति कैबिनेट मंत्री के रूप में भूतत्व एवं खनिकर्म मंत्रालय संभाल रहे थे।

    सौ करोड़ का खनन घोटाला

    गायत्री प्रजापति अखिलेश यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। इस दौरान खनन घोटाला सामने आया था। गायत्री प्रजापति के खिलाफ सौ करोड़ के अवैध खनन के भ्रष्टाचार की लोकायुक्त को शिकायत की गई थी। हमीरपुर जिले में अवैध मौरंग खनन और सिंडीकेट के नेटवर्क से कई सौ करोड़ की वसूली किये जाने के मामले में एमएलसी सहित तमाम मौरंग व्यवसायी सीबीआई के रडार पर आ गये हैं।

    गायत्री के पास अकूत दौलत

    राजनीति का सफर शुरू करने के दौरान बीपीएल कार्ड धारक गायत्री प्रजापति के पास आज 942 करोड़ की संपति है। हमीरपुर, फतेहपुर, शामली, सिद्धार्थनगर और देवरिया में हुए अवैध खनन के मामले में सीबीआई ने इन जिलों के अधिकारियों के साथ ही खनन विभाग के कुछ अधिकारियों समेत नेताओं को भी नामजद किया गया है। इस जांच के दायरे में गायत्री प्रजापति भी हैं। सितम्बर 2016 में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश में हुये खनन घोटाले में मंत्री गायत्री प्रजापति का नाम आने पर उन्हें खनन मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था।

    दो डीएम को निलंबित करने का भी आदेश

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रामपुर में कोसी नदी से अवैध खनन को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए दो तत्कालीन डीएम राकेश कुमार सिंह व राजीव रौतेला को सस्पेंड करने का आदेश दिया। साथ ही इनपर अनुशासनिक कार्रवाई करने का आदेश भी जारी किया। दोनों डीएम पर ठेकेदार को अवैध तरीके से लाइसेंस देने और हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन न करने का आरोप है।

    सीबीआई की जांच जारी

    हमीरपुर जिले में अवैध मौरंग खनन के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बीते वर्ष मौरंग पट्टाधारकों एवं व्यवसायियों का खाता खंगालने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) एमएलसी रमेश मिश्रा के भाई से पूछताछ के बाद उनके मुनीम एवं पूर्व महाधिवक्ता से लम्बी पूछताछ की। सीबीआई का लगातार शिकंजा कसते देख अवैध मौरंग खनन करने वाले लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। वहीं अवैध मौरंग खनन वाले स्थान की जांच टीम ने पूरी तरह फोटोग्राफी करा ली है।

    बसपा नेता संजय दीक्षित तलब

    खनन घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ टीम ने दो मई 2017 को जिले के बड़े मौरंग कारोबारी व बसपा नेता संजय दीक्षित को तलब किया। संजय दीक्षित की माता-पिता सहित अन्य परिजनों के नाम करीब एक दर्जन खनन के पट्टे थे। इसी के साथ वह सिंडीकेट के भी हिस्सेदार थे। सीबीआइ ने करीब तीन घंटे तक उनसे पूछताछ कर बयान दर्ज किया। सिंडीकेट संचालक सपा एलएलसी रमेश मिश्रा के मुनीमों को भी तलब कर सिंडीकेट की जानकारी की गई।

    इसके अलावा तीन बार जिले के खनन अधिकारी व इसके बाद भू-वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत रह चुके मुईनउद्दीन को सीबीआइ ने तलब कर चार घंटे की लंबी पूछताछ की थी। इसी के साथ जिला पंचायत के अपर मुख्य विकास अधिकारी जेपी मौर्या को भी तलब कर जिला पंचायत के बैरियर व जिला पंचायत की ओर से कराए गए विकास कार्यों में प्रयोग हुई मौरंग की पूछताछ की गई।

    इसके बाद बसपा शासनकाल से चला मौरंग सिंडीकेट की जड़ों को सीबीआइ खोजने में लगी है। सीबीआइ की जांच सिंडीकेट पर आधारित है। वह सिंडीकेट चलाने वाले व उसकी जड़ें कहां तक फैली हैं उसकी खोज कर रही है। सूत्रों की मांने तो सीबीआइ को सिंडीकेट से जुटी पूरी जानकारी हो सकती है। इसमें पूर्व खनिज मंत्री गायत्री प्रजापति से लेकर अन्य अधिकारी व नेता लपेटे में हैं। इस कड़ी में आज फिर सीबीआइ ने संजय दीक्षित व एमएलसी रमेश मिश्रा के घर छापेमारी की है।

     आगे पढें-अवैध खनन को लेकर दिल्‍ली-यूपी में CBI की बड़ी कार्रवाई, IAS चंद्रकला के घर भी छापेमारी_