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    'मुंबई में आंदोलनों पर लगाओ रोक', मिलिंद देवरा की मांग पर मराठी संगठनों ने साधा निशाना

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 11:45 PM (IST)

    शिवसेना (शिंदे) के राज्यसभा सदस्य मिलिंद देवरा ने एक पत्र लिखकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मांग की है कि दक्षिण मुंबई को आंदोलनों की भूमि न बनने दिया जाए। उन्होंने यह पत्र हाल ही में मराठा आंदोलनकारियों द्वारा पांच दिन तक दक्षिण मुंबई को पंगु बनाए रखने के फलस्वरूप लिखा है। लेकिन उनके इस पत्र पर शिवसेना (यूबीटी) एवं कुछ अन्य मराठी संगठनों ने आपत्ति जताई है।

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    राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा ने विरोध प्रदर्शनों पर सवालिया निशान खड़ा किया (फाइल फोटो)

     राज्य ब्यूरो, मुंबई। शिवसेना (शिंदे) के राज्यसभा सदस्य मिलिंद देवरा ने एक पत्र लिखकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मांग की है कि दक्षिण मुंबई को आंदोलनों की भूमि न बनने दिया जाए।

    उन्होंने यह पत्र हाल ही में मराठा आंदोलनकारियों द्वारा पांच दिन तक दक्षिण मुंबई को पंगु बनाए रखने के फलस्वरूप लिखा है। लेकिन उनके इस पत्र पर शिवसेना (यूबीटी) एवं कुछ अन्य मराठी संगठनों ने आपत्ति जताई है।

    मिलिंद देवरा ने पत्र में लिखी ये बात

    मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में मिलिंद देवरा ने कहा है कि दक्षिण मुंबई न सिर्फ हमारे राज्य प्रशासन का हृदय स्थल है, बल्कि इसी क्षेत्र में महाराष्ट्र सरकार का सचिवालय, विधानसभा, मंत्रालय, बृहन्मुंबई महानगरपालिका का मुख्यालय, मुंबई और महाराष्ट्र पुलिस के मुख्यालय एवं नौसेना की पश्चिमी कमान का मुख्यालय सहित कई निजी कंपनियों के मुख्यालय भी है। इसलिए राजनीतिक विरोध प्रदर्शनों को इस क्षेत्र से दूर रखा जाना चाहिए।

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    लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन एक जरूरी लोकतांत्रिक अधिकार

    देवरा ने लिखा है कि हालांकि लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन एक जरूरी लोकतांत्रिक अधिकार है। लेकिन इसे आम जनों के जीने एवं काम करने के अधिकार के साथ संतुलन बनाकर ही चलाया जाना चाहिए। दुनिया की कोई राजधानी अपने प्रशासनिक, सुरक्षा एवं आर्थिक संस्थानों को आंदोलनकारियों के द्वारा बाधित नहीं होने देती। इसलिए महाराष्ट्र सरकार को भी दक्षिण मुंबई को इस प्रकार के आंदोलनों से बचाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाना चाहिए।

    बता दें कि मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने 29 अगस्त को दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में अपना अनशन शुरू किया था। उनके साथ आए कई हजार समर्थकों ने पांच दिन तक छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) एवं मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के सामने की सड़कों को जाम करके रखा।

    आंदोलनकारियों के विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज की गई हैं

    आंदोलनकारियों ने भारी बरसात के बीच सीएमएमटी रेलवे स्टेशन सहित आसपास की दुकानों के बरामदों में डेरा जमाए रखा। जिसके कारण वाहनों का आवागमन ठप पड़ गया था।

    इस असुविधा को लेकर एक अधिवक्ता गुणरत्न सदावर्ते ने मुंबई उच्चन्यायालय में एक याचिका दायर की थी एवं आसपास के कई पुलिस थानों में आंदोलनकारियों के विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज की गई हैं।

    हालांकि सरकार अपनी ओर से इस मामले को तूल नहीं देना चाहती है। उसकी ओर से कोर्ट में कहा गया है कि मराठा आंदोलनकारियों ने दक्षिण मुंबई की सड़कों को जाम जरूर किया, लेकिन कोई तोड़फोड़ नहीं की है।

    राठी संगठनों द्वारा निशाना बनाया जा रहा

    लेकिन अब इसी मुद्दे पर दक्षिण मुंबई के ही सांसद रहे मिलिंद देवरा द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र लिखे जाने के बाद शिवसेना (यूबीटी) सहित कुछ मराठी संगठनों द्वारा उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। उनके पत्र को मराठी अस्मिता एवं मराठीभाषियों के अधिकारों से जोड़कर दिखाने की कोशिश की जाने लगी है।

    संजय राउत ने मिलिंद देवरा पर साधा निशाना

    शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता संजय राउत ने मिलिंद देवरा के बहाने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए अपने एक्स एकाउंट पर लिखा है कि अमित शाह प्रायोजित शिंदे गुट का असली चेहरा यही है।

    न्याय की मांग के लिए एकजुट हो रहे मराठी लोगों पर इनके पेट का दर्द उजागर हो गया है। यही कारण है कि उनकी पार्टी के सांसद मिलिंद देवरा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मराठी लोगों के आंदोलन को अनुमति न देने की मांग की है।

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