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राहुल गांधी से पहले भी गई है कई जनप्रतिनिधियों की सदस्यता, लिस्ट में कई दिग्गज नेताओं के नाम शामिल

मानहानि के एक मामले में सूरत की एक अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता चली गई है। राहुल से पहले भी कई जन प्रतिनिधि इस कानून के तहत सदस्यता गंवा चुके हैं। इस लिस्ट में दिग्गज नेताओं के नाम भी शामिल हैं।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaPublished: Fri, 24 Mar 2023 10:27 PM (IST)Updated: Fri, 24 Mar 2023 10:27 PM (IST)
राहुल गांधी से पहले भी गई है कई जनप्रतिनिधियों की सदस्यता, लिस्ट में कई दिग्गज नेताओं के नाम शामिल
राहुल गांधी से पहले भी गई है कई जनप्रतिनिधियों की सदस्यता। फोटो- एपी।

नई दिल्ली, पीटीआई। मानहानि के एक मामले में सूरत की एक अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता चली गई है। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति को किसी मामले में दो साल या उससे अधिक कारावास की सजा सुनाई जाती है, तो वह दोषी करार दिए जाने की तारीख से सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाएगा। सजा की अवधि पूरी होने के छह साल बाद तक उसके चुनाव लड़ने पर भी रोक रहेगी।

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राहुल से पहले भी गई है कई जनप्रतिनिधि की सदस्यता

राहुल से पहले भी कई जनप्रतिनिधि इस कानून के तहत सदस्यता गंवा चुके हैं। सजा सुनाए जाने के कारण सदस्यता गंवाने वाले कुछ प्रमुख मामलों पर एक नजर:

लालू प्रसाद यादव 

सितंबर, 2013 में चारा घोटाले के एक मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की लोकसभा की सदस्यता चली गई थी। उस समय वह बिहार के सारण से सांसद थे।

जे.जयललिता

अन्नाद्रमुक की तत्कालीन प्रमुख जयललिता को आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में चार साल के कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद सितंबर, 2014 में तमिलनाडु विधानसभा की सदस्यता गंवानी पड़ी थी।

पीपी मोहम्मद फैजल

लक्षद्वीप से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सांसद पीपी मोहम्मद फैजल को जनवरी, 2023 में हत्या के प्रयास के एक मामले में 10 साल के कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद स्वत: ही उनकी संसद सदस्यता चली गई थी। हालांकि, केरल हाई कोर्ट ने बाद में फैजल की दोषसिद्धि और सजा को निलंबित कर दिया। सांसद का कहना है कि अभी तक पुन: उनकी योग्यता के संबंध में लोकसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी नहीं की है।

आजम खान

समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता आजम खान को 2019 में नफरत भरे भाषण के एक मामले में अदालत ने तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद अक्टूबर, 2022 में उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता गंवानी पड़ी। वह रामपुर सदर विधानसभा सीट से विधायक थे।

अनिल कुमार सहनी

राजद विधायक सहनी को धोखाधड़ी के एक मामले में तीन साल कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद अक्टूबर, 2022 में बिहार विधानसभा की सदस्यता से हाथ धोना पड़ा था।

विक्रम सिंह सैनी

भाजपा विधायक सैनी को उत्तर प्रदेश विधानसभा से अक्टूबर, 2022 में अयोग्य करार दिया गया था। उन्हें 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के एक मामले में दो साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी। सैनी खतौली सीट से विधायक थे।

प्रदीप चौधरी

कांग्रेस विधायक चौधरी को जनवरी, 2021 में हरियाणा विधानसभा की सदस्यता गंवानी पड़ी थी। उन्हें हमले के एक मामले में तीन साल जेल की सजा सुनाई गई थी। वह कालका से विधायक थे।

कुलदीप सिंह सेंगर

सेंगर को दुष्कर्म के एक मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद फरवरी, 2020 में उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था।

अब्दुल्ला आजम खां

सपा विधायक अब्दुल्ला आजम खां को फरवरी, 2023 में उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य करार दिया गया था। एक अदालत ने 15 साल पुराने एक मामले में उन्हें दो साल कारावास की सजा सुनाई है। आजम खां के बेटे अब्दुल्ला रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से विधायक थे।

अनंत सिंह

राजद विधायक अनंत सिंह को जुलाई, 2022 में बिहार विधानसभा की सदस्यता से हाथ धोना पड़ा था। उन्हें उनके आवास से हथियार और गोला-बारूद जब्त होने से जुड़े मामले में दोषी करार दिया गया था। सिंह पटना जिले की मोकामा सीट से विधायक थे।


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