मसूद अजहर के छोटे भाई मौलाना अम्मार ने माना, बालाकोट में हुई बड़ी बर्बादी
जैश ए मुहम्मद की तरफ से यह स्वीकारोक्ति आ गई है कि भारतीय वायु सेना की तरफ से बालाकोट में जो हमला किया गया था उससे इस आतंकी संगठन का एक बड़ा ट्रेनिंग सेंटर नष्ट हो गया है ।
जयप्रकाश रंजन/ नीलू रंजन, नई दिल्ली।पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी ट्रेनिंग कैंप पर भारतीय वायुसेना के हमले से हुई तबाही ने जैश ए मुहम्मद की कमर तोड़ दी है। इसकी स्वीकारोक्ति खुद जैश सरगना मसूद अजहर के छोटे भाई मौलाना अम्मार ने की है। उसका एक ऑडियो सामने आया है, जिसमें वह भारतीय वायुसेना के हमले से हुई तबाही का रोना रो रहा है। दूसरी ओर पाकिस्तान पर भी भारत की अगुआई में पड़ रहे चौतरफा अंतरराष्ट्रीय दबाव का असर दिख रहा है।
बालाकोट में है जिहाद की फैक्ट्री
एक दिन पहले ही उसके विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने स्वीकार किया था कि जैश ए मुहम्मद का सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान में पनाह लिए हुए है। मसूद अजहर का भाई अम्मार जैश की जिहादी गतिविधियों का हिस्सा है। बालाकोट में चल रही जिहाद की फैक्ट्री की देखरेख में भी अम्मार की अहम भूमिका होती थी। वह जैश के तमाम आतंकी ट्रेनिंग कैंप में कश्मीर के नाम पर युवकों में भारत के प्रति नफरत भरने का काम भी करता है।
बालाकोट में आतंकी ट्रेनिंग कैंप पर भारतीय वायुसेना के हमले के दो दिन बाद यानी 28 फरवरी को पेशावर में एक जलसे में अम्मार ने अपना दुखड़ा रोया। भारतीय खुफिया एजेंसियों को मौलाना अम्मार के इस भाषण को उन बलूची लोगों ने उपलब्ध कराया है, जो वहां मौजूद थे।
अम्मार ने भारतीय वायुसेना के हमले को दुश्मन की तरफ से एलान ए जंग करार दिया है। उसने यह भी कहा है कि भारतीय वायुसेना ने जैश के हेडक्वार्टर पर हमला नहीं किया बल्कि यह हमला उस जगह पर किया गया जहां जैश के अधिकारियों की बैठक हुआ करती थी और जिहाद की तालीम दी जाती थी।
कश्मीर के नाम जिहादी होते हैं इकट्ठा
उसने यह भी पोल खोल दी है कि उस केंद्र पर जिहादी कश्मीर के नाम पर ही इकठ्ठे होते थे। उसके भाषण से साफ है कि कश्मीर के हालात को लेकर बालाकोट स्थित आतंकी प्रशिक्षण केंद्र में वहां आये लोगों को खूब भड़काया जाता था।
भारत के प्रति बेहद नफरत भरे भाषण मे उसने यह भी धमकी दी है कि अब चींटी के पर निकल आए हैं और यह बालाकोट तक पहुंच गई है। ऐसे में अब इस चींटी को अपने पैरों तल कुचलने का वक्त आ गया है। इसके अलावा भी उसने भारत को सीधे तौर पर चुनौती देने वाले अंदाज में कहा है कि अब जैश के कारकून हिंदुस्तान में घुस कर उनके सैनिकों पर हमला करेंगे और लाल किले पर अपना झंडा लहराएंगे।
खुफिया एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि भारत को यह ऑडियो एक दिन पहले ही स्थानीय लोगों ने उपलब्ध कराये हैं। पेशावर में जैश का यह जलसा पाकिस्तान की सैन्य एजेंसियों की सुरक्षा में किया गया है। इसका मकसद भारत की तरफ से हुए हमले के बाद जैश के आतंकियों के बीच भरोसे को कायम करना है। जहां पर इस जलसे का आयोजन किया गया था, वहां पर मौलाना मसूद अजहर भी पूर्व में कई बार संबोधित कर चुका है।
उल्लेखनीय तथ्य यह भी है कि यह ऑडियो उसी दिन मिला है जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री यह स्वीकार कर रहे हैं कि जैश का मुखिया पाकिस्तान में है लेकिन बेहद बीमार है। यही नहीं, शनिवार को उन्होंने यह भी कहा है कि पाकिस्तान अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी भी दूसरे देश के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल होने नहीं देगा।
उन्होंने स्वीकार किया है कि दो दिन पहले भारत की तरफ से जैश की गतिविधियों पर एक डोजियर पाकिस्तान को सौंपा गया है। जैश लीडर मौलाना अम्मार के ऑडियो टेप ने साफ कर दिया है कि भारत जो कुछ भी जैश के बारे में कहता रहा है वे सच हैं।