Manipur Foundation Day: 'ट्वीट करते हैं दौरा नहीं...', पीएम मोदी ने मणिपुरवासियों को दी बधाई तो कांग्रेस नेता ने यूं कसा तंज
पीएम मोदी ने मणिपुर स्थापना दिवस पर एक संदेश साझा किया और राज्यवासियों को बधाई दी। पीएम मोदी के संदेश पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रतिक्रया साझा की है। कांग्रेस नेता ने कहा कि मणिपुर में राज्य में हिंसा जारी है और सामाजिक सद्भाव नष्ट हो गया है लेकिन पीएम मोदी ने चुप्पी साध रखी है। वहीं उन्होंने राज्य के राजनीतिक दलों से मिलने से इनकार कर दिया है।
पीटीआई, नई दिल्ली। Manipur Foundation Day। मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा के स्थापना दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने इन राज्य के लोगों को बधाई दी। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स के जरिए तीनों राज्यों के लोगों के लिए संदेश साझा किया।
मणिपुर में पिछले एक साल से हिंसक घटनाएं घट रही है। इन घटनाओं को लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमलावर रही है। पीएम मोदी के पोस्ट पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रतिक्रिया साझा की।
कांग्रेस ने मणिपुर को लेकर पीएम मोदी पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता ने कहा कि मणिपुर में राज्य में हिंसा जारी है और सामाजिक सद्भाव नष्ट हो गया है, लेकिन पीएम मोदी ने चुप्पी साध रखी है। वहीं, उन्होंने राज्य के राजनीतिक दलों से मिलने से इनकार कर दिया है।
जयराम रमेश ने आगे कहा," प्रधानमंत्री मणिपुर राज्य दिवस पर ट्वीट करते हैं, लेकिन उन्हें उस राज्य का दौरा करने का समय नहीं मिला और न ही उन्होंने जरूरी समझा। राज्य 3 मई, 2023 से बहुत दर्द और पीड़ा से गुजर रहा है। जयराम रमेश ने कहा,"सोशल मीडिया के माध्यम से उन्होंने जो शुभकामनाएं व्यक्त की हैं, वह उनके पाखंड का एक और प्रदर्शन है।"
पीएम मोदी ने मणिपुर स्थापना दिवस पर साझा किया पोस्ट
पीएम मोदी ने मणिपुर स्थापना दिवस पर पोस्ट किया,"राज्य के लोगों को मेरी शुभकामनाएं। मणिपुर ने भारत की प्रगति में एक मजबूत योगदान दिया है। हमें राज्य की संस्कृति और परंपराओं पर गर्व है। मैं मणिपुर के निरंतर विकास के लिए प्रार्थना करता हूं।"
मैतेई और कुकी समुदाय के बीच चल रही झड़प
पिछले साल 3 मई को मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित की थी। इसी दौरान मैतई समुदाय और कुकी समुदाय के बीच झड़प शुरू किया।
मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं।
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