'ममता बनर्जी बनेंगी I.N.D.I.A ब्लॉक की अध्यक्ष', इस सांसद ने किया बड़ा दावा
लोकसभा और कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद इंडी गठबंधन के भीतर ही सवाल उठने लगे हैं। गठबंधन के नेतृत्व में बदलाव की मांग भी समय-समय पर उठती रही है। लालू यादव और शरद पवार के बाद अब टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद ने बड़ा बयान दिया है। आजाद ने भरोसा जताया कि दीदी INDIA ब्लॉक की अध्यक्ष बनेंगी।
एएनआई, दुर्गापुर। तृणमूल कांग्रेस सांसद कीर्ति आजाद ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी I.N.D.I.A ब्लॉक की अध्यक्ष बनेंगी। उन्होंने कहा कि जो भी ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ने पश्चिम बंगाल आएगा, उसे हार का सामना करना पड़ेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में दीदी I.N.D.I.A ब्लॉक की अध्यक्ष बनेंगी। वह देश का नेतृत्व भी करेंगी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर भी कीर्ति आजाद ने प्रतिक्रिया दी। भागवत ने कहा था कि हिंदू भारतीय समाज को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस पर टीएमसी सांसद ने कहा कि आरएसएस और बीजेपी के पास सिर्फ जुमले हैं और उनका काम लोगों को गुमराह करना है।
'अंग्रेजों के साथ थे आरएसएस के लोग'
कीर्ति आजाद ने कहा, "आरएसएस के लोग शुरूआत से ही अंग्रेजों के साथी थे। उन्होंने देश के बंटवारे में भूमिका निभाई। दुनिया उनके बारे में जानती है। वे धर्म के नाम पर एकजुट होते हैं। मगर जब आप उनसे पूछें कि आरएसएस या बीजेपी ने क्या किया तो उनके पास सिर्फ जुमले हैं। लोगों को गुमराह करना उनका काम है।"
क्या कहा था भागवत ने?
पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्धमान जिले में रविवार को मोहन भागवत ने संघ के स्वयंसेवकों को संबोधित किया। यहां उन्होंने हिंदू समाज की विविधता और स्वभाव पर जोर दिया और सभी से इस विविधता को स्वीकार कर आगे बढ़ने की अपील की। संघ प्रमुख ने कहा कि संघ क्या करना चाहता है? अगर इस सवाल का जवाब एक वाक्य में देना है तो संघ पूरे हिंदू समाज को एकजुट करना चाहता है। हिंदू समाज को एकजुट क्यों करें? क्योंकि हिंदू इस देश के समाज के लिए जिम्मेदार हैं।
भारत के स्वभाव को न मानने वालों ने अलग देश बनाया
भागवत ने कहा कि भारत का स्वभाव अलग है। भारत की अलग प्रकृति को न मानने वाले लोगों ने अपना अलग देश (पाकिस्तान) बना लिया है। उन्होंने कहा कि जो लोग नहीं गए। वह सभी भारत के स्वभाव के पक्षधर थे। भारत का यह स्वभाग आज का नहीं है। न ही यह 15 अगस्त 1947 में बना। यह उससे भी अधिक प्राचीन है।
भागवत ने कहा कि दुनिया को आखिरकार यह एहसास हो गया है कि हिंदुओं ने हमेशा दुनिया की विविधता को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि जब दुनिया के इतिहास ने इस भूभाग की ओर देखा तो पूरे क्षेत्र में एक समान स्वभाव मिला, जो यह है कि हिंदू दुनिया की विविधता को स्वीकार करके आगे बढ़ते हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।