'मेरी सारी मेहनत बेकार चली गई', 1999 की घटना को अब तक न भूल पाए खरगे; CM की कुर्सी से जुड़ा है मामला
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपनी 25 साल पुरानी राजनीतिक पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि 1999 में कर्नाटक में कांग्रेस को सत्ता में लाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने मुख्यमंत्री पद के लिए एसएम कृष्णा को चुने जाने पर निराशा जताई जो चुनाव से ठीक पहले पार्टी में शामिल हुए थे।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लकार्जुन खरगे ने एक ऐसा टिप्पणी जिससे सियासी हलचल मच सकती है। दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष ने 25 साल पुरानी अपनी राजनीतिक कसक को बयां किया है।
उन्होंने कहा कि साल 1999 में कर्नाटक में कांग्रेस को सत्ता में लाने में उनका अहम योगदान था। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की जीत में मैंने अहम भूमिका निभाई थी। मैंने कड़ी मेहनत की थी, लेकिन जब बात आई मुख्यमंत्री की कुर्सी की तो वो SM कृष्ण को मिल गई। चुनाव से ठीक चार महीने पहले ही एसएम कृष्ण कांग्रेस ज्वाइन किया था।
खरगे ने आगे कहा कि, मुझे लगा कि मेरी सारी सेवा बेकार चली गई। मुझे लगा कि मैंने पांच साल तक अथक परिश्रम किया। लेकिन जो व्यक्ति सिर्फ चार महीने पहले पार्टी में आया था, उसे मुख्यमंत्री का पद मिल गया।" बता दें कि एस.एम. कृष्णा 1999 से 2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे।
मैंने कभी सत्ता की लालसा नहीं की: खरगे
बेली मठ के स्वामीजी से बातचीत करते हुए खरगे ने कहा, स्वामीजी, मैंने जो सेवा दी थी, वह व्यर्थ गई। हालांकि, उन्होंने ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी सत्ता की लालसा नहीं की, बल्कि पार्टी और जनसेवा में विश्वास रखा।
उन्होंने कहा, मैं कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष से लेकर AICC अध्यक्ष तक पहुंचा, लेकिन कभी पद के लिए नहीं दौड़ा, जो मिला, वह अपने आप मिला।
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