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    लखीमपुर कांड पर महाराष्ट्र में सियासत, 11 अक्टूबर को बुलाया गया राज्य में बंद

    By Arun Kumar SinghEdited By:
    Updated: Wed, 06 Oct 2021 09:42 PM (IST)

    सभी दल अपने आप को किसानों का रहनुमा साबित करने में जुट गए हैं। महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने बताया कि लखीमपुर खीरी हिंसा की घटना के खिलाफ महाविकास अघाड़ी (एनसीपी कांग्रेस और शिवसेना गठबंधन) ने 11 अक्टूबर को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया।

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    11 अक्टूबर को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया।

    मुंबई, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में हुई हिंसक घटनाओं के बाद वहां तो सियासत चालू ही है, महाराष्ट्र में भी सियासी उबाल आने लगा है। आज उद्धव मंत्रिमंडल की बैठक शुरू होने से पहले लखीमपुर में मारे गए किसानों की याद में दो मिनट का मौन रखकर शोक व्यक्त किया गया, और 11 अक्तूबर को महाविकास आघाड़ी की ओर से महाराष्ट्र बंद का आयोजन किया गया है। महाराष्ट्र में कांग्रेस, राकांपा एवं शिवसेना की मिलीजुली सरकार चल रही है। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में हुए संघर्ष के बाद मंगलवार को राकांपा नेता शरद पवार ने दिल्ली में प्रेस से बात करते हुए इस घटना की तुलना जलियांवाला बाग कांड से की थी।

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    दूसरी ओर दिल्ली में ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से शिवसेना नेता संजय राऊत ने मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान ही मामले को महाराष्ट्र में भी सियासी रंग देने की योजना बन गई थी। बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक से पहले लखीमपुर में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। दूसरी ओर राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने महाविकास आघाड़ी द्वारा 11 अक्तूबर को महाराष्ट्र बंद की घोषणा की।

    शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था कि लखीमपुर खीरी में दुखद घटना हुई है। राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं। देश में ऐसी ऐसी घटनाएं हो रही है। प्रियंका गांधी जी को गिरफ्तार किया है, ऐसे समय में उनसे मिलना बहुत जरूरी है। अगर कानून सबके लिए समान है तो प्रियंका गांधी जेल में क्यों हैं और मंत्री खुले घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर यही घटना किसी और राज्य में हुई होती तो अब तक भाजपा के लोग कोहराम मचा रहे होते। संजय राउत ने कहा कि अगर कोई किसानों के दुखों में शरीक होना चाहता है तो सरकार उसको क्यों रोकना चाहती है? लोकतंत्र में ये अधिकार सबको है। किसी ने किसानों की आवाज उठाई तो उसको रोका क्यों जा रहा है?

    उधर, लखीमपुर खीरी मामले पर एनसीपी सु्प्रीमो शरद पवार ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा कि जलियांवाला बाग में जैसी स्थिति थी, वैसी ही आज यूपी में हो गई है। किसान ये कभी नहीं भूलेगा। केंद्र सरकार को असंतोष का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के काफिले ने किसानों की हत्या की है। किसानों की हत्या के लिए यूपी सरकार और केंद्र सरकार जिम्मेदार है। शरद पवार ने इस घटना की जांच सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की कमेटी से करवाने की मांग की है। उन्होंने लखीमपुर खीरी की घटना को सत्ता का दुरुपयोग बताया।