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35 साल पहले बाल ठाकरे ने थामा था भाजपा का हाथ, कुर्सी के लिए शिवसेना ने बदला पाला

मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल करने के लिए शिवसेना के इकलौते मंत्री अरविंद सावंत ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 11:05 PM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 12:43 AM (IST)
35 साल पहले बाल ठाकरे ने थामा था भाजपा का हाथ, कुर्सी के लिए शिवसेना ने बदला पाला
35 साल पहले बाल ठाकरे ने थामा था भाजपा का हाथ, कुर्सी के लिए शिवसेना ने बदला पाला

मुंबई, एजेंसी। महाराष्ट्र में 17 दिन से जारी सत्ता का संग्राम सोमवार को नए मुकाम पर पहुंच गया और भाजपा-शिवसेना का वर्षो पुराना साथ छूट गया। मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल करने के लिए शिवसेना के इकलौते मंत्री अरविंद सावंत ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया।

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दिनभर चली राजनीतिक गहमागहमी और बैठकों के दौर के बाद शाम को आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना नेताओं ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की और सरकार गठन के लिए थोड़ा समय देने की मांग की। इसकी वजह यह थी कि कांग्रेस-एनसीपी ने शिवसेना को समर्थन पत्र नहीं सौंपा था। राज्यपाल ने शिवसेना को सोमवार शाम 7.30 बजे तक का समय दिया था, लिहाजा उन्होंने और समय देने से इनकार कर दिया। इसके बाद राज्यपाल ने राज्य में तीसरी सबसे ब़़डी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया।

दावा अब भी कायम: आदित्य

राज्यपाल से मुलाकात के बाद आदित्य ठाकरे ने राजभवन के बाहर बताया कि उनकी पार्टी का सरकार बनाने का दावा अभी भी बरकरार है क्योंकि दोनों पार्टियां (कांग्रेस-एनसीपी) सैद्धांतिक रूप से शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन करने के लिए राजी हैं। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस-एनसीपी का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों को प्रक्रिया पूरी करने के लिए कुछ और दिनों की जरूरत है इसीलिए हमने राज्यपाल से और समय की मांग की थी। मालूम हो कि 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें हासिल हुई हैं।

शरद पवार की मांग मानी

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शिवसेना को समर्थन से पहले केंद्रीय मंत्री पद से अरविंद सावंत का इस्तीफा दिलाने की मांग की थी। इसके बाद मोदी सरकार में भारी उद्योग मंत्री सावंत ने यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि अब भाजपा पर कोई विश्वास नहीं रह गया है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने विस चुनाव में बराबर-बराबर सीटें देने और सरकार में 50:50 हिस्सेदारी जैसे वादे पूरे नहीं किए इसलिए हमने संबंध तो़ड़ लिए।

होटल में पवार से मिले उद्धव

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ मुंबई के एक होटल में करीब 45 मिनट तक चर्चा की। इसमें उन्होंने अपनी पार्टी की सरकार बनाने के लिए एनसीपी का समर्थन मांगा। दोनों नेताओं ने 'न्यूनतम साझा कार्यक्रम' पर भी बात की। उधर, दिल्ली में कांग्रेस ने भी सोनिया गांधी के घर दो बार बैठक कर हालात पर विचार--विमर्श किया। उद्धव ठाकरे ने भी फोन पर सोनिया से बात की।

35 साल पहले बाल ठाकरे ने थामा था भाजपा का हाथ

- 1984 में शिवसेना के पितृ पुरषष बाल ठाकरे ने भाजपा के तत्कालीन शीषर्ष नेता अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के साथ गठबंधन किया था।

- तब पहली बार शिवसेना प्रत्याशियों ने भाजपा के टिकट पर ही चुनाव ल़़डा था।

- 1989 में दोनों दलों के बीच औपचारिक गठबंधन हुआ था।

- 1995 से 1999 तक शिवसेना के दो मुख्यमंत्री मनोहर जोशी व नारायण राणे सत्ता में रहे।

- 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा-शिवसेना में खटास इस कदर ब़़ढ गई थी कि दोनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। नतीजों के बाद दोनों दल एक साथ आ गए थे।


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