आडवाणी मिशनरी स्कूल गए थे, क्या उनके हिंदुत्व पर भी संदेह करेंगे? भाषा विवाद पर राज ठाकरे ने दागा सवाल
Maharashtra Politics महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल के बीच राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे बीस साल बाद एक मंच पर साथ दिखे। आवाज मराठीचा रैली में राज ठाकरे ने भाषा विवाद पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और पूछा कि क्या लालकृष्ण आडवाणी की मिशनरी स्कूल में शिक्षा से उनके हिंदुत्व पर संदेह किया जा सकता है।
एजेंसी, मुंबई। Maharashtra Politics महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज है। बीस साल बाद राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे आज एक मंच पर दिखे। दोनों ने भाजपा पर जमकर हमला बोला। 'आवाज मराठीचा' नामक विजय रैली में बोलते हुए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने भाषा विवाद का मु्ददा उठाया।
भाषा विवाद पर केंद्र पर साधा निशाना
महाराष्ट्र (Maharashtra Politics) सहित पूरे देश में हिंदी थोपने के आरोप में केंद्र पर निशाना साधते हुए राज ठाकरे ने पूछा कि क्या भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी की मिशनरी स्कूल में शिक्षा उनके हिंदुत्व पर कोई संदेह पैदा करती है।
राज ने मनसे और शिवसेना (यूबीटी) कार्यकर्ताओं की एक विशाल संयुक्त रैली में कहा कि यहां तक कि शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने भी अंग्रेजी स्कूल में पढ़ाई की और अंग्रेजी अखबार के लिए काम किया, लेकिन "मराठी की स्थिति से कभी समझौता नहीं किया"।
क्या आडवाणी के हिंदुत्व पर कोई संदेह करेगा
करीब 20 साल बाद अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे के साथ मंच साझा कर रहे राज ठाकरे ने दोनों पर हिंदुत्व को लेकर उठ रहे सवालों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि हमारे बच्चे अंग्रेजी में पढ़ते हैं।
मेरे पिता और चाचा अंग्रेजी माध्यम से पढ़े थे। क्या आप उन पर संदेह कर सकते हैं?
राज ने आगे कहा कि लालकृष्ण आडवाणी ने सेंट पैट्रिक्स हाई स्कूल में पढ़ाई की, जो एक मिशनरी स्कूल है। क्या हमें उनके हिंदुत्व पर संदेह करना चाहिए?
क्या है हिंदी भाषा विवाद?
दरअसल, भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार द्वारा अंग्रेजी और मराठी माध्यम के स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों के लिए हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बनाने का निर्देश को लेकर बवाल मचा है। सरकार ने 16 अप्रैल के अपने आदेश में हिंदी को अनिवार्य बनाया था, हालांकि विरोध के बाद 17 जून को हिंदी को वैकल्पिक भाषा बना दिया गया।
20 साल बाद ठाकरे ब्रदर्स एकसाथ
करीब 20 साल बाद ठाकरे ब्रदर्स एकसाथ एक मंच पर आए हैं। दोनों नेताओं के साथ आने को आगामी निगम चुनाव में दोनों पार्टियों के साथ चुनाव लड़ने की संभावना के रूप में देखा जा रहा है।
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