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    Maharashtra: फिर बाहर आया 70000 करोड़ के सिंचाई घोटाले का जिन्न, खुद के आरोपों पर 'चाचा शरद' को घसीटने लगे अजित पवार

    Updated: Wed, 30 Oct 2024 01:14 PM (IST)

    Maharashtra Politics महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान खुद उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने उस 70000 करोड़ के सिंचाई घोटाले का जिन्न बाहर निकाल दिया है जिसके आरोप स्वयं उनपर लगते रहे हैं। अब अजित पवार ने अपने एक बयान में आर.आर.पाटिल का नाम लेते हुए निशाना अपने चाचा शरद पवार पर साधा है जो इस समय उनके प्रबल राजनीतिक विरोधी बन चुके हैं।

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    Maharashtra Politics शरद पवार पर अजित का अटैक।

    ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। Maharashtra Politics चुनाव के दौरान नेताओं द्वारा अपने राजनीतिक विरोधियों के घपलों-घोटालों के गड़े मुर्दे उखाड़ना सामान्य बात है। लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान खुद उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने उस 70,000 करोड़ के सिंचाई घोटाले का जिन्न बाहर निकाल दिया है, जिसके आरोप स्वयं उनपर लगते रहे हैं।

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    अजित पर लगे थे घोटाले के आरोप

    अजित पवार पर 70,000 करोड़ रुपयों के सिंचाई घोटाले का आरोप करीब डेढ़ दशक पहले से लगता आ रहा है। वह 1999 में पहली बार बनी कांग्रेस-राकांपा गठबंधन सरकार में सिंचाई मंत्री बने, और लगातार 10 वर्षों तक इसी पद पर रहे। उन पर सिंचाई घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के आरोप तब लगे, जब 2012 के आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया कि पिछले दशक के दौरान राज्य की सिंचाई क्षमता में सिर्फ 0.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि विभिन्न परियोजनाओं पर 70,000 करोड़ रुपए खर्च किए गए। तब महाराष्ट्र सरकार ने सफाई दी कि 0.1 प्रतिशत की वृद्धि केवल कुएं की सिंचाई पर विचार करके बताई जा रही है, जबकि सिंचाई सुविधाओं में कुल वृद्धि 28 प्रतिशत की हुई है।

    2012 में जिस समय यह घोटाला बाहर आया, उस समय राज्य के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण एवं गृहमंत्री आर.आर.पाटिल थे। मंगलवार को सिंचाई घोटाले का डेढ़ दशक पुराना जिन्न तब पुनः बाहर आ गया, जब अजित पवार ने सांगली में अपनी पार्टी के उम्मीदवार संजय काका पाटिल की प्रचार सभा में कहा कि उक्त सिंचाई घोटाले की फाइल पर खुली जांच के आदेश तब के गृहमंत्री आर.आर.पाटिल ने देकर उनके साथ विश्वासघात किया था। अजित पवार यह बात सांगली में ही इसलिए निकाली, क्योंकि सांगली स्वर्गीय आर.आर.पाटिल का गृह जनपद है, और वह अजित पवार के चाचा शरद पवार के करीबी माने जाते थे।

    चाचा शरद पवार पर निशाना

    वास्तव में अजित पवार ने अपने वक्तव्य में आर.आर.पाटिल का नाम लेते हुए निशाना अपने चाचा शरद पवार पर साधा है, जो इस समय उनके प्रबल राजनीतिक विरोधी बन चुके हैं। अब दिवंगत आर.आर.पाटिल पर निशाना साधकर अजित पवार यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके चाचा शरद पवार के इशारे पर 2012 में पाटिल ने उनके विरुद्ध खुली जांच के आदेश दिए थे। अजित पवार ने कहा कि इस बात की जानकारी उन्हें भी नहीं थी। लेकिन 2014 में भाजपा की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें अपने घर बुलाकर उस फाइल पर आर.आर.पाटिल के हस्ताक्षर दिखाए। अजित पवार के इस आरोप की पुष्टि तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण के बयान से भी हो रही है। चव्हाण ने कहा है कि उन्हें स्वयं भी इस सिंचाई घोटाले की फाइल के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, ना ही उन्होंने कभी 70,000 करोड़ के सिंचाई घोटाले का नाम ही लिया है।

    पीएम मोदी ने भी किया था घोटाले का जिक्र

    बता दें कि इस सिंचाई घोटाले का मुद्दा उठाकर अक्सर अजित पवार को घेरने की कोशिश की जाती है। करीब सवा साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान 70,000 करोड़ के सिंचाई घोटाले का जिक्र करते हुए पवार परिवार पर निशाना साधा था। लेकिन उनके उस वक्तव्य के चंद दिनों बाद ही अजित पवार ने महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन सरकार का दामन थाम लिया था। अजित पवार के इस प्रकार भाजपानीत गठबंधन में शामिल होने को भाजपा और संघ के कार्यकर्ता भी हजम नहीं कर पाए हैं। भाजपा-संघ के कार्यकर्ता आज भी अजित पवार को साथ लेने के लिए अपने नेतृत्व की आलोचना करते दिखाई देते हैं।