Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के साथ हुआ खेला! इस कमेटी से किया गया बाहर, अजीत पवार की एंट्री
Maharashtra Politics महाराष्ट्र सरकार में नाराजगी को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। एकनाथ शिंदे को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से बाहर किए जाने के बाद सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में दरार की अटकलें तेज हो गई हैं। 2005 में मुंबई में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद गठित ये प्राधिकरण मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आपातकालीन प्रतिक्रियाओं के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

पीटीआई, मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) से बाहर रखे जाने से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।
महायुति में दरार की अटकलें
शिंदे को इस कमेटी से बाहर किए जाने के बाद सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में दरार की अटकलें तेज हो गई हैं। 2005 में मुंबई में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद गठित आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आपातकालीन प्रतिक्रियाओं के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अजीत पवार की एंट्री, शिंदे हुए बाहर
हाल ही में जारी एक आदेश के अनुसार महाराष्ट्र सरकार ने एसडीएमए का पुनर्गठन किया है। राज्य की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक प्राधिकरण की सीईओ हैं, जिसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हैं। उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजीत पवार को एसडीएमए में शामिल किया गया है।
हालांकि, शहरी विकास विभाग के प्रमुख पूर्व सीएम शिंदे को नौ सदस्यीय निकाय से बाहर रखा गया है।
फडणवीस और शिंदे के बीच सत्ता संघर्ष!
शहरी विकास विभाग आपदा प्रतिक्रिया प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अधिकारी और बुनियादी ढांचा राहत और पुनर्वास कार्य के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके बावजूद, शिंदे को प्रमुख एजेंसी में जगह नहीं दी गई है, जिससे महायुति सरकार के भीतर दरार की अटकलों को बल मिला है, जिसमें भाजपा, शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी शामिल हैं।
राजनीतिक पर्यवेक्षक इसे फडणवीस और शिंदे के बीच सत्ता संघर्ष की अटकलों के बीच एक और टकराव के बिंदु के रूप में देखते हैं।
महायुति में असंतोष की खबरें
एक राजनीतिक विश्लेषक ने सोमवार को पीटीआई को बताया, "शिंदे को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से बाहर रखा जाना दोनों नेताओं (शिंदे और फडणवीस) के बीच बढ़ती असहजता का संकेत हो सकता है।" पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनावों के बाद सरकार गठन के बाद से ही महायुति में असंतोष की खबरें आ रही हैं।
भाजपा के एक वरिष्ठ मंत्री ने हाल ही में तनाव की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि फडणवीस और शिंदे के बीच कोई बड़ा मतभेद नहीं है। हालांकि, एक राजनीतिक पर्यवेक्षक ने दावा किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से शिंदे भाजपा और फडणवीस से परेशान महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शिंदे ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने का फैसला करने से पहले "काफी समय" लिया, इसके बाद कैबिनेट मंत्रियों के नाम तय करने और जिला संरक्षक मंत्रियों को जिम्मेदारी आवंटित करने में देरी हुई।
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