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    शिंदे-फडणवीस सरकार में क्यों शामिल हुए अजित पवार और एनसीपी के नौ नेता, कहीं संजय राउत का दावा सच तो नहीं?

    By Jagran NewsEdited By: Achyut Kumar
    Updated: Mon, 03 Jul 2023 07:24 AM (IST)

    महाराष्ट्र में एक आश्चर्यजनक राजनीतिक घटनाक्रम में अजित पवार और एनसीपी के नौ नेता शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल हो गए। अजित ने पांचवीं बार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता और सांसद संजय राउत ने इस घटना के पीछे आपराधिक मामलों की जांच को वजह बताया है। राउत के दावे में कितनी सच्चाई है आइए जानते हैं...

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    शिंदे-फडणवीस सरकार में क्यों शामिल हुए अजित पवार और एनसीपी नेता, कहीं संजय राउत का दावा सच तो नहीं?

    नई दिल्ली, जेएनएन। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता अजित पवार और उनके आठ सहयोगियों के महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में शामिल होने के पीछे पार्टी अध्यक्ष शरद पवार और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने केंद्रीय एजेंसियों के मामलों को वजह बताया है। आइए जानते हैं कि किस नेता के विरुद्ध कौन-से मामले हैं...

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    अजित पवार

    कोआपरेटिव बैंक घोटाले में आर्थिक अपराध शाखा जांच कर रही थी, लेकिन महाविकास आघाड़ी (MVA) सरकार में उसने अजित के विरुद्ध जांच बंद कर दी थी। इससे ईडी की जांच भी बंद हो गई थी। सरकार बदलने पर जांच एजेंसी का रुख बदल गया और उसने जांच शुरू कर दी। ईडी ने भी अप्रैल में अपना आरोपपत्र दाखिल कर दिया। सिंचाई घोटाले में एसीबी ने उनके विरुद्ध जांच की थी और बांबे हाई कोर्ट में उन्हें क्लीनचिट देते हुए रिपोर्ट दाखिल की थी, लेकिन कोर्ट ने अभी रिपोर्ट स्वीकार नहीं की है।

    छगन भुजबल

    पीडब्ल्यूडी मंत्री रहते हुए 2006 में 100 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का कॉन्ट्रैक्ट देने में अनियमितता के मामले में उनके विरुद्ध मामला दर्ज है। ईडी ने भी अलग से मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था और उनकी गिरफ्तारी भी की थी। दो वर्ष जेल में रहने के बाद उन्हें जमानत मिली थी। मुंबई विश्वविद्यालय भ्रष्टाचार मामले में एक केस एसीबी ने दर्ज किया था, जो विशेष अदालत के समक्ष लंबित है।

    हसन मुशरिफ

    सर सेनापति संताजी घोरपड़े शुगर फैक्ट्री लिमिटेड और उनके परिवार से जुड़ी कंपनियों के कामकाज में अनियमिताओं को लेकर ईडी ने छापेमारी की थी। अप्रैल में विशेष अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी, लेकिन हाई कोर्ट से उन्हें संरक्षण मिल गया था। उनके तीन पुत्रों की अग्रिम जमानत याचिकाएं विशेष अदालत के समक्ष लंबित हैं।