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    Maharashtra Politics: 'शरद पवार का करियर खत्म करने की अजित पवार को मिली है सुपारी', अनिल देशमुख ने लगाया आरोप

    By AgencyEdited By: Mahen Khanna
    Updated: Fri, 01 Dec 2023 03:47 PM (IST)

    Maharashtra Politics शरद पवार गुट से ताल्लुक रखने वाले अनिल देशमुख ने कहा कि पूरा महाराष्ट्र और भारत जानता है कि भोपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के बाद अजित पवार और उनके साथ आए लोग जल्दबाजी में सरकार में शामिल हो गए। देशमुख ने कहा कि अजित को शरद पवार का राजनीतिक करियर खत्म करने की भी सुपारी दी गई है।

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    Maharashtra Politics: अनिल देशमुख ने अजित पवार को घेरा।

    पीटीआई, वर्धा। Maharashtra Politics महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर तंज कसा है। देशमुख ने कहा कि राकांपा संस्थापक शरद पवार का राजनीतिक करियर खत्म करने के लिए 'सुपारी' दी गई है।

    पीएम मोदी के भाषण के बाद अजित का बदला मन

    राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के शरद पवार गुट से ताल्लुक रखने वाले देशमुख ने कहा कि पूरा महाराष्ट्र और भारत जानता है कि भोपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के बाद अजित पवार और उनके साथ आए लोग जल्दबाजी में सरकार में शामिल हो गए।

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    अजित पवार ने इस कारण अलग रास्ता अपनाया

    देशमुख ने कथित भ्रष्टाचार मामले में अपनी गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए कहा कि क्या आप जानते हैं कि अजित पवार ने अलग रास्ता क्यों अपनाया? उन्होंने कहा कि अजित उस परेशानी का सामना नहीं करना चाहते थे जिससे मैं गुजरा। देशमुख ने कहा एनसीपी में विभाजन से कुछ दिन पहले पीएम मोदी ने पार्टी पर 70,000 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिससे वो डर गए।

    शरद पवार का राजनीतिक करियर खत्म करने की साजिश

    एनसीपी नेता ने कहा कि भाजपा ने शरद पवार का राजनीतिक करियर खत्म करने के लिए अजित पवार को 'सुपारी' दी है।

    अजित पवार के समर्थकों द्वारा उन्हें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में देखने की इच्छा के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए देशमुख ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि राज्य में सत्तारूढ़ सहयोगियों के बीच क्या तय हुआ है। हालांकि, अजित पवार को सरकार की बैठकों से अलग रखा जा रहा है।

    बता दें कि अजित पवार और पार्टी के आठ अन्य विधायकों के भाजपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना सरकार में शामिल होने के बाद जुलाई में राकांपा विभाजित हो गई थी।