'सबका फोन ट्रैक हो रहा...' महाराष्ट्र के मंत्री के बयान पर सियासी बवाल; बाद में दी सफाई
महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के 'सबके फोन पर निगरानी' रखने वाले बयान से विवाद खड़ा हो गया है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने गिरफ्तारी की मांग की। बावनकुले ने सफाई देते हुए कहा कि भाजपा के व्हाट्सऐप ग्रुपों पर नजर रखी जाती है ताकि चुनावी कामकाज बेहतर हो सके। उन्होंने महायुति को 51% वोट मिलने का दावा किया और कहा कि कांग्रेस में संवाद की कमी है, जिससे कई नेता भाजपा में आना चाहते हैं।
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बावनकुले ने कहा सबके फोन पर रखी जा रही निगरानी (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में होने वाले स्थानीय और निकाय चुनावों से पहले राज्य के राजस्व मंत्री और बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने एक बयान देकर हलचल मचा दी है। उन्होंने 23 अक्टूबर को भाजपा के एक कार्यक्रम में कहा कि सबके मोबाइल और व्हाट्सऐप पर निगरानी रखी जा रही है।
इस बयान के बाद विपक्ष खासकर शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राउत भड़क गए। उन्होंने कहा कि बावनकुले के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
विवाद बढ़ने पर दी सफाई
विवाद बढ़ने के बाद बावनकुले ने शुक्रवार को सफाई दी कि उन्होंने जो कहा था, उसका मतलब गलत समझा गया। उन्होंने बताया कि बीजेपी के एक लाख व्हाट्सऐप ग्रुप पार्टी के वॉर रूम से जुड़े हैं, जहां से कार्यकर्ताओं की गतिविधियों और संवाद पर नजर रखी जाती है, ताकि चुनावी कामकाज बेहतर हो सके।
बावनकुले ने कहा, "हमारे वर्करों के काम, उनकी टिप्पणियां और प्रतिक्रियाएं पार्टी के वॉर रूम में देखी जाती हैं। इससे यह पता चलता है कि सरकार की योजनाएं कितनी असरदार हैं और लोगों तक कैसे पहुंच रही हैं।"
भाजपा नेता ने आगे कहा कि पार्टी अपने ग्रुपों में आने वाले संदेशों से माहौल समझती है और उसी आधार पर निर्णय लेती है। उन्होंने कहा, "अगर कोई नकारात्मक टिप्पणी आती है कि उसे हटाया जाता है और सकारात्मक माहौल बनाया जाता है। यह हमारे संगठन के काम का हिस्सा है। राउत कौन होते हैं यह तय करने वाले कि हम पार्टी में क्या करें?"
बावनकुले का बड़ा दावा
स्थानीय और नगर निकाय चुनावों पर बात करते हुए बावनकुले ने दावा किया कि महायुति (बीजेपी, शिवसेना, एनसीपी) गठबंधन 51% वोट हासिल करेगा। उन्होंने कहा, "महा विकास आघाड़ी चाहे जितनी एकजुट हो जाए, उसे एक भी जिला परिषद या नगर परिषद नहीं मिलेगी।"
उन्होंने बताया कि हर जिले में तीन नेताओं की कमेटी बनाई गई है ताकि टिकट बंटवारे को लेकर कोई विवाद न हो। साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि गठबंधन के भीतर आपसी मतभेद से बचें और विपक्ष को असली प्रतिद्वंदी मानें।
'कांग्रेस में संवाद की कमी'
बावनकुले ने यह भी कहा कि कई कांग्रेस नेता बीजेपी में आने के इच्छुक हैं, क्योंकि उन्हें पार्टी में संवाद की कमी महसूस होती है। उन्होंने कहा, "कांग्रेस में अच्छे पदाधिकारी किनारे कर दिए जाते हैं, जबकि बीजेपी में कोई भी कार्यकर्ता वरिष्ठ नेताओं से सीधे मिल सकता है। यह हमारी ताकत है।"

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