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    Lok Sabha Speaker Seat: नई लोकसभा में स्पीकर की भूमिका अहम, गैर-भाजपा चेहरे को लेकर कौन सा सियासी दांव चलेगा विपक्ष?

    Updated: Fri, 07 Jun 2024 10:00 PM (IST)

    18वीं लोकसभा में भाजपा को अकेले बहुमत नहीं मिलने से उत्साहित विपक्षी आईएनडीआईए गठबंधन ने आगे के राजनीतिक समीकरणों को साधने की बिसात बिछाने के विकल्पों पर चर्चा शुरू कर दी है। संकेत मिल रहे हैं कि TDP या JDU जैसे एनडीए के सहयोगी दलों का कोई उम्मीदवार नई लोकसभा के अध्यक्ष पद के लिए सामने आता है तो उस पर आम सहमति बनाने का विकल्प खुला है।

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    गैर-भाजपा चेहरे को नई लोकसभा का स्पीकर बनाने का सियासी दांव चलेगा विपक्ष। फाइल फोटो।

    संजय मिश्र, नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा में भाजपा को अकेले बहुमत नहीं मिलने से उत्साहित विपक्षी आईएनडीआईए गठबंधन ने आगे के राजनीतिक समीकरणों को साधने की बिसात बिछाने के विकल्पों पर चर्चा शुरू कर दी है। विपक्ष की सबसे पहली नजर लोकसभा में गैर-भाजपा चेहरे को स्पीकर बनाने के लिए जोर लगाने पर है।

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    विपक्ष इन चेहरों पर बना सकता है आम सहमति

    इस क्रम में विपक्षी खेमे से इसके संकेत मिल रहे हैं कि तेलुगु देसम (TDP) या जनता दल यूनाइटेड (JDU) जैसे एनडीए के सहयोगी दलों का कोई उम्मीदवार नई लोकसभा के अध्यक्ष पद के लिए सामने आता है तो उस पर आम सहमति बनाने का विकल्प खुला है। मगर भाजपा ने अपनी पार्टी के चेहरे के साथ स्पीकर पद की दावेदारी ठोकी तो फिर चुनावी मुकाबले के पूरे आसार हैं और आईएनडीआईए अपना उम्मीदवार उतारेगा।

    गठबंधन की क्या है प्लानिंग?

    विपक्षी खेमे के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि कि आईएनडीआईए गठबंधन के शीर्ष नेताओं की पांच जून को हुई बैठक में चुनाव नतीजों से उभरी राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा के क्रम में जिन कुछ अहम बिंदुओं पर बात हुई उसमें नए स्पीकर का चुनाव भी शामिल था। हालांकि, अभी इसको लेकर अभी गठबंधन की साझा रणनीति तय नहीं हुई है मगर यह तय है कि विपक्ष यह पद भाजपा के हाथ में जाने से रोकने के लिए राजनीतिक दांव-पेंच का हर प्यादा चलने की कोशिश करेगा।

    नई लोकसभा में स्पीकर की भूमिका अहम

    विपक्ष की अगुवाई कर रही कांग्रेस के एक वरिष्ठ रणनीतिकार ने अनौपचारिक बातचीत में इस बारे में कहा कि पिछली लोकसभा में स्पीकर के सहारे जिस तरह संसद में विपक्ष की आवाज बंद करने की तमाम कोशिशें हुई और आखिर में आते-आते 150 से अधिक सांसदों को निलंबित करने का काला इतिहास लिखा गया उसे देखते हुए नई लोकसभा में स्पीकर की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो गई है।

    TDP और JDU पर क्या बोले?

    उनका यह भी कहना था कि खासतौर पर तब जब भाजपा के पास 240 सीटें है तो छोटी पार्टियों में तोड़-फोड़ के जरिए इसे बढ़ाने के उसके प्रयासों से इनकार नहीं किया जा सकता और इसलिए भाजपा से इतर दल से नए स्पीकर बनाए जाने की कोशिश विपक्ष की रहेगी। तेलुगु देसम की ओर से स्पीकर पद की मांग किए जाने की अटकलों के संदर्भ में कहा कि एनडीए की ओर से जदयू या टीडीपी के किसी सांसद को लोकसभा अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया जाता है तो विपक्षी आईएनडीआईए गठबंधन आम सहमति बनाने को लेकर सकारात्मक रूख अपनाएगा।

    I.N.D.I.A से होगा डिप्टी स्पीकरः विपक्ष

    विपक्षी सूत्रों ने यह भी कहा कि स्पीकर पद की रणनीति में सतर्कता बरतने के साथ ही इस बार तय है कि नई लोकसभा में डिप्टी स्पीकर का पद तो आईएनडीआईए गठबंधन हासिल करेगा ही।

    संसदीय परंपरा के अनुसार विपक्ष के सबसे बड़े दल को यह पद दिया जाता रहा है मगर 17वीं लोकसभा में सरकार ने डिप्टी स्पीकर का चुनाव कराया ही नहीं, जबकि 2014 में 16वीं लोकसभा में भाजपा ने अपने ही सहयोगी दल अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरूई को डिप्टी स्पीकर बनाया था।

    विपक्ष का मानना है कि पिछली दो लोकसभा के मुकाबले इस बार संख्या बल में आईएनडीआईए गठबंधन एनडीए से बहुत पीछे नहीं है और ऐसे में डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को देना ही पड़ेगा।

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