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    राहुल के MP में घुसते ही कमलनाथ का भाजपा में हो सकता है प्रवेश, मध्य प्रदेश के छह कांग्रेस विधायकों ने दिल्ली में डाला डेरा

    By Agency Edited By: Piyush Kumar
    Updated: Sun, 18 Feb 2024 09:13 PM (IST)

    पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फिलहाल कांग्रेस पार्टी को बाय-बाय बोलने का फैसला ले लिया है। यह बात अलग है कि भाजपा की ओर से अब तक हरी झंडी न मिलने के चलते यह साफ नहीं हो पा रहा है कि उन्हें कब शामिल कराया जाएगा। वह प्रदेश की सभी 29 सीटों पर जातिगत समीकरण के हिसाब से टिकट बंटवारे की योजना पर काम कर रहे है।

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    कमलनाथ ने करीबी विधायकों व पार्टी पदाधिकारियों को दिल्ली में जुटाना शुरू कर दिया है।(फोटो सोर्स: जागरण)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव के बाद से ही हाशिए पर धकेल दिए गए कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फिलहाल कांग्रेस पार्टी को बाय-बाय बोलने का फैसला ले लिया है। उन्होंने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। अपने करीबी विधायकों व पार्टी पदाधिकारियों को दिल्ली में जुटाना भी शुरू कर दिया है।

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    न्याय यात्रा 22 या 23 फरवरी को पहुंच सकती है मध्य प्रदेश

    यह बात अलग है कि भाजपा की ओर से अब तक हरी झंडी न मिलने के चलते यह साफ नहीं हो पा रहा है कि उन्हें कब शामिल कराया जाएगा। जानकारों की मानें तो उन्हें राहुल गांधी की न्याय यात्रा के मध्य प्रदेश में दाखिल होने से ठीक पहले या यात्रा पहुंचने वाले दिन ही शामिल कराया जा सकता है। जिसके 22 या 23 फरवरी को मध्य प्रदेश पहुंचने का अनुमान है।

    सज्जन सिंह वर्मा ने पाला बदलने की अटकलों को खारिज किया

    हालांकि, इस बीच रविवार को दिल्ली पहुंचे कमलनाथ के करीबी व पूर्व केंद्रीय मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कमलनाथ से मुलाकात के बाद उनके पाला बदलने से जुड़ी अटकलों को खारिज किया और कहा कि वह लोकसभा चुनाव से जुड़ी तैयारियों में जुटे हुए है।

    वह प्रदेश की सभी 29 सीटों पर जातिगत समीकरण के हिसाब से टिकट बंटवारे की योजना पर काम कर रहे है। वहीं उनसे जब यह पूछा गया कि क्या माना जाए कि वह भाजपा में शामिल होने नहीं जा रहे थे, उन्होंने कहा कि जब तक वह अपने मुंह से कुछ नहीं कहते तब तक यही माना जाना चाहिए।

    अपने करीबी विधायकों और पदाधिकारियों से बातचीत कर रहे कमलनाथ

    वहीं सूत्रों का दावा है कि दिल्ली में डेरा डाले कमलनाथ अपने करीबी विधायकों और पदाधिकारियों से बातचीत कर रहे है। उन्होंने इस संबंध में ग्वालियर- चंबल अंचल के अपने करीबी विधायकों व पार्टी पदाधिकारियों से चर्चा की है। यह बात अलग है कई विधायकों ने मजबूत भरोसे के बगैर पाला बदलने से इंकार किया है।

    एमपी के करीब छह विधायक दिल्ली में मौजूद

    वहीं कमलनाथ के करीबियों की मानें तो उन्होंने इसकी योजना तैयार कर रखी है। जिसमें उनके सांसद बेटे नकुल नाथ के साथ ही पार्टी के करीब दर्जन भर विधायक और पदाधिकारी भी उनके साथ कांग्रेस को बाय- बाय बोलेंगे। भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन के चलते उनकी पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ चर्चा नहीं हो पायी है। जो संभवत एक- दो दिनों में अंतिम रूप ले लेगी। करीबियों की मानें तो उनके करीबी छह विधायक दिल्ली में ही जमे है।

    इनमें तीन विधायक छिंदवाड़ा के भी है, बाकी और करीबियों विधायकों को दिल्ली लाने की तैयारी है। गौरतलब है कि ऐसे ही घटनाक्रम के चलते कुछ समय पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी अपने समर्थक विधायकों के साथ कांग्रेस पार्टी छोड़ी थी। इसके चलते प्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिर गई थी।

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