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    Lok Sabha Election 2024: कर्नाटक में भाजपा की राह में अपने ही बन रहे कांटे, ईश्वरप्पा के बागी होते ही दक्षिण में बने कई 'विभीषण'

    Updated: Tue, 19 Mar 2024 07:34 PM (IST)

    चुनावी रणनीति और टिकट बंटवारे पर निर्णय को लेकर केंद्रीय चुनाव समिति और संसदीय बोर्ड की तीन-चार बैठकें हो चुकी हैं। इसमें कर्नाटक के भी चार-पांच वरिष्ठ नेता शामिल हुए। बताया जाता है कि प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने राज्य में पार्टी की स्थिति को लेकर आकलन दिया संभावित उम्मीदवारों को लेकर अपना जो पक्ष पीएम और अन्य नेताओं के सामने रखा वह बातें लीक कर दी गईं।

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    Lok Sabha Election 2024: कर्नाटक में भाजपा की राह में अपने ही बन रहे कांटे (Photo Jagran)

    जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। पिछले लोकसभा चुनाव में 28 में से 25 सीटें जीतकर दक्षिण भारत के कर्नाटक जैसे महत्वपूर्ण राज्य पर भगवा परचम फहरा चुकी भाजपा फिर उसी रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है, लेकिन इस राह में उसके अपने ही 'कांटे' बनकर उभर रहे हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री केएस ईश्वरप्पा की बगावत के अलावा कुछ अन्य नेता भी 'विभीषण' जैसी भूमिका निभा रहे हैं, जो भाजपा की उच्चस्तरीय बैठक की गोपनीय बातों को सार्वजनिक कर न सिर्फ रणनीति को कमजोर कर रहे हैं, बल्कि संगठन में भी असंतोष के बीज रोपने का षड्यंत्र कर रहे हैं।

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    भाजपा के रणनीतिकार

    पार्टी की परेशानी का सबब यह भी है कि इससे उस कांग्रेस को भी भाजपा के विरुद्ध तैयारी का मौका मिल रहा है, जो खुद तमाम तरह की चुनौतियों से जूझ रही है। राजग की सीटों का आंकड़ा इस बार 400 के पार पहुंचाने के लिए भाजपा के रणनीतिकार एक-एक राज्य के लिए गहरी रणनीति बनाकर काम कर रहे हैं। उत्तर भारत में पहले से मजबूत स्थिति को बनाए रखने के साथ ही पार्टी दक्षिण में भी बढ़त के लिए प्रयासरत है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण राज्य कर्नाटक है।

    पार्टी फिर बड़ी विजय का मंच सजा रही

    इस बार अपनी रणनीति को मजबूत जातीय आधार देते हुए भाजपा ने जेडीएस को भी राजग में शामिल कर लिया। पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे और पार्टी के तेजतर्रार नेता बीवाई विजयेंद्र के हाथ में प्रदेश भाजपा की कमान सौंपकर पार्टी फिर बड़ी विजय का मंच सजा रही है। विधानसभा में सत्ता प्राप्त करने वाली कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में फिर समेट देने की रणनीति पर काम चल रहा है, लेकिन इस बीच भाजपा की आंतरिक चुनौतियों ने सिरदर्द बढ़ा दिया है।

    वरिष्ठ नेता भी अनुशासनहीनता का व्यवहार कर रहे

    बीते दस-पंद्रह दिनों से इस तरह की गतिविधियां तेजी से उभरकर सामने आई हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री केएस ईश्वरप्पा बागी होकर शिवमोगा सीट पर भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। सोमवार को शिवमोगा में आयोजित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली में शामिल न होकर उन्होंने अपने मंसूबे पुष्ट भी कर दिए। सूत्रों ने बताया कि कुछ और वरिष्ठ नेता भी अनुशासनहीनता का व्यवहार कर रहे हैं।

    गोपनीय बातें राज्य में जाकर लीक कर दी गईं

    दरअसल, चुनावी रणनीति और टिकट बंटवारे पर निर्णय को लेकर केंद्रीय चुनाव समिति और संसदीय बोर्ड की तीन-चार बैठकें हो चुकी हैं। इसमें कर्नाटक के भी चार-पांच वरिष्ठ नेता शामिल हुए। बताया जाता है कि प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने राज्य में पार्टी की स्थिति को लेकर आकलन दिया, संभावित उम्मीदवारों को लेकर अपना जो पक्ष पीएम मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के सामने रखा, वह गोपनीय बातें राज्य में जाकर लीक कर दी गईं। साथ ही दावेदारों के बीच यह भी दुष्प्रचारित किया गया कि बीवाई विजयेंद्र और बीएस येदियुरप्पा इन दावेदारों के विरुद्ध हैं, जबकि कुछ का समर्थन कर रहे हैं। इससे पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं, और टिकट के दावेदारों के बीच असंतोष या नाराजगी पनपना स्वाभाविक है।

    कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता चुनाव लड़ने से कतरा रहे

    जैसे-तैसे इन हालात को संभालने का प्रयास कर रही भाजपा इस बात को लेकर परेशान है कि कांग्रेस उसे इस बार चुनाव में भी कमजोर दिखाई दे रही है। यह बात कई बार सामने आ चुकी है कि भाजपा के पक्ष में सकारात्मक माहौल को देखते हुए ही कर्नाटक कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता चुनाव लड़ने से कतरा रहे हैं, लेकिन भाजपा के कुछ नेताओं का यह षड्यंत्र कांग्रेस को भाजपा के विरुद्ध ही दुष्प्रचार या रणनीति में सेंध लगाने का हथियार थमा सकता है।

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