Election 2024: संदेशखाली का बड़ा संदेश, ममता बनर्जी के लिए सिरदर्द; तो BJP के लिए चुनावी मुद्दा
संदेशखाली बंगाल की महिलाओं के लिए सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है। नंदीग्राम से भी आवाजें उठ रही हैं जहां की महिलाओं ने वाममोर्चा के 34 वर्षों के शासन का सफाया करने के लिए ममता के साथ कदम से कदम मिलाया था। मालूम हो कि 2007-08 में वाममोर्चा के शासनकाल में नंदीग्राम में जबरन भूमि अधिग्रहण हुआ था जिसका विरोध करने पर स्थानीय लोगों को काफी प्रताड़ित किया गया था।
विशाल श्रेष्ठ, कोलकाता। बंगाल के पावर हब और जहां खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी निवास करती हैं, उस कोलकाता से महज 75 किलोमीटर दूर संदेशखाली में महिलाओं के यौन उत्पीड़न की वारदात ने सबको झकझोर दिया है।
महिलाओं में इसे लेकर भारी रोष दिख रहा है। इसे लेकर राजनीति भी गर्म है। बंगाल में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस इसे जहां 'सजाई हुई घटना' करार दे रही है, वहीं भाजपा इसे लेकर ममता बनर्जी की सरकार पर लगातार निशाना साध रही है। इस बीच संदेशखाली कड़ा संदेश दे रही है।
अत्याचार को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता
संदेशखाली बंगाल की महिलाओं के लिए सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है। नंदीग्राम से भी आवाजें उठ रही हैं, जहां की महिलाओं ने वाममोर्चा के 34 वर्षों के शासन का सफाया करने के लिए ममता के साथ कदम से कदम मिलाया था। मालूम हो कि 2007-08 में वाममोर्चा के शासनकाल में नंदीग्राम में जबरन भूमि अधिग्रहण हुआ था, जिसका विरोध करने पर स्थानीय लोगों को काफी प्रताड़ित किया गया था। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी थीं।
इसके खिलाफ आंदोलन करने वाली 66 साल की राधा रानी ने कहा- हमें पता चल गया है कि जब जो सत्ता में होता है, वही अत्याचार करने लग जाता है। संदेशखाली की महिलाएं हमारी तरह ही विरोध-प्रदर्शन कर रही हैं। हम उनका समर्थन करते हैं।
नंदीग्राम के आंदोलन में शामिल रहीं कल्पना मुनियान ने कहा- बंगाल में महिलाएं हमेशा ही सत्ताधारी पार्टी के निशाने पर रहती हैं, पर अत्याचार को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। हम संदेशखाली की प्रताड़ित मां-बहनों के साथ हैं।
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