Koo Studio- मणिपुर में लगातार दूसरी बार एन बीरेन सिंह बने सूबे के मुखिया
मणिपुर में लगातार दूसरी बार अपनी सरकार बनाकर भारतीय जनता पार्टी ने पूर्वोत्तर के राज्यों में अपनी कड़ी दावेदारी पेश की है। 21 मार्च को एन बीरेन सिंह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। यह एन बीरेन सिंह का लगातार दूसरा कार्यकाल है।
पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों का परिणाम काफी रोचक रहा। खासतौर पर देश के उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। राज्य की 60 विधानसभा सीटों में से 32 सीटों पर भाजपा को विजय प्राप्त हुई। तो वहीं राज्य के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को मात्र 6 सीटें प्राप्त हुई। उत्तर पूर्वी राज्यों में अपनी जगह बनाना भारतीय जनता पार्टी के लिए एक बड़ा लक्ष्य है। मणिपुर में लगातार दूसरी बार अपनी सरकार बनाकर भारतीय जनता पार्टी ने पूर्वोत्तर के राज्यों में अपनी कड़ी दावेदारी पेश की है। 21 मार्च को एन बीरेन सिंह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। यह एन बीरेन सिंह का लगातार दूसरा कार्यकाल है। आइए जानते हैं एन बीरेन सिंह के दूसरे कार्यकाल में क्या है मंत्रालय का स्वरूप।
एन बीरेन सिंह का मंत्रिमंडल
एन बीरेन सिंह के साथ नेमचा किपगेन, वाई. खेमचंद सिंह, बिस्वजीत सिंह, अवगंबौ न्यूमाई व गोविंदास कोंथौजम ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। इन सभी को राज्यपाल एल गणेशन ने पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण का समारोह मणिपुर की राजधानी इंफाल में आयोजित हुआ। जिसमें भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने भी शिरकत की। जिसके बारे में कई लोगों ने अपने विचार Koo करके भी साझा किए।
एक यूजर मनोहर महतो भाजपा का नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में वर्चस्व बढ़ने की बात करते हैं। साथ ही कांग्रेस के भविष्य पर भी प्रश्न चिन्ह खड़ा करते हैं।
एक दूसरे यूजर जीत ने बिना शर्त बाकी दलों के विधायकों का समर्थन भाजपा को मिलने की बात कही है।
#StateElections2022 भाजपा ने मणिपुर में ना केवल बहुत का आँकड़ा पार किया है बल्कि सहयोगी दलों ने भी भाजपा को बिना शर्त अपना समर्थन दिया है। अब भाजपा नेतृत्व का समर्थन करने वाले विधायकों की संख्या 41 हो गई है ये भाजपा के बढते हुए प्रभाव को दिखाता है। @dainikjagran - Jeet (@jeet_2D5) 24 Mar 2022
एन बीरेन सिंह के सामने चुनौतियां
नयी सरकार के गठन के साथ ही नयी चुनौतियां भी सरकार के सामने हैं। जिसमें सबसे प्रमुख है नरेंद्र मोदी के विजन को आगे बढ़ाना। पहले कार्यकाल के समय ही एन बीरेन सिंह ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वो प्रधानमंत्री मोदी के विजन को आगे बढ़ाते हुए इस राज्य का नेतृत्व करेंगे। इसके साथ ही पहाड़ियों को घाटी से जोड़ने की महात्वाकांक्षी योजना पर भी कार्य करना एक प्रमुख चुनौती रहेगी। मणिपुर के पहाड़ी व घाटी वाले भौगोलिक क्षेत्रों के बीच काफी अंतर है। जिसको जोड़ने के लिए अपने पिछले कार्यकाल में गो टू हिल्स नामक एक बेहद खास पहल की शुरूआत भी की थी।
इसके अतिरिक्त जनजातियों की स्थिति को सुधारते हुए बीजेपी के संगठन को और भी सशक्त करना भी एक प्रमुख चुनौती रहेगी। स्वास्थ्य व शिक्षा भी राज्य के लिए बेहद अहम मुद्दे हैं जिनपर राज्य सरकार को काम करने की आवश्यकता है।
पांच राज्यों में चुनावों के नए मंत्रिमंडल व नई सरकार के बारे में लेटेस्ट अपडेट करने के लिए @dainikjagran को Koo App पर फॉलो करें।