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कोलकाता नगर निगम चुनाव : राज्य चुनाव आयोग कार्यालय में धरने पर बैठे सुवेंदु अधिकारी, ममता की तुलना किम जोंग-उन से की

कोलकाता नगर निगम चुनाव का फिर से मतदान कराने को लेकर विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने ने भाजपा प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्य चुनाव आयोग के कार्यालय में धरना दे दिया है।अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की।

By TaniskEdited By: Published: Mon, 20 Dec 2021 12:00 AM (IST)Updated: Mon, 20 Dec 2021 02:45 AM (IST)
कोलकाता नगर निगम चुनाव : राज्य चुनाव आयोग कार्यालय में धरने पर बैठे सुवेंदु अधिकारी, ममता की तुलना किम जोंग-उन से की
राज्य चुनाव आयोग कार्यालय में धरने पर बैठे सुवेंदु अधिकारी।

कोलकाता, एजेंसियां। कोलकाता नगर निगम चुनाव का फिर से मतदान कराने को लेकर विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने ने भाजपा प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्य चुनाव आयोग के कार्यालय में धरना दे दिया है। इससे पहले अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की और चुनावों को 'बड़े पैमाने पर हिंसा और धांधली के मद्देनजर' अमान्य घोषित करने का आग्रह किया। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तुलना उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन से की।

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भाजपा ने रविार को हुए चुनावों के दौरान कथित 'बड़े पैमाने पर' हिंसा को देखते हुए यह मांग की। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के कार्यालय ने ट्वीट करके कहा कि विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से बड़े पैमाने पर हिंसा, धांधली और सत्तारूढ़ दल के लिए कोलकाता पुलिस की कार्रवाई को देखते हुए केएमसी चुनाव को अमान्य घोषित करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है। विपक्षी विधायकों  को हास्टल में बंद करने को लेकर गहन जांच की मांग की गई ।

प्रतिनिधिमंडल ने अधिकारी की बिधाननगर पुलिस द्वारा वर्चुअल हाउस अरेस्ट की जांच की भी मांग की। बिधाननगर पुलिस आयुक्तालय से पुलिसबलों की एक टीम दोपहर में साल्ट लेक आवास के बाहर तैनात थी और अधिकारी और अन्य को कोलकाता जाने से रोकने के लिए कथित तौर पर मुख्य द्वार को बंद कर दिया था। राज्यपाल के कार्यालय ने ट्वीट करके कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी और कई विधायकों के वर्चुअल हाउस अरेस्ट की जांच की भी मांग की, जो आपातकाल की याद दिलाते हैं। उनके अनुसार, सत्तारूढ़ पार्टी के मंत्रियों और विधायकों को कोलकाता पुलिस से मदद मिल रही थी।

राज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वह स्थिति को काफी चिंतित हैं और अपनी ओर से सभी आवश्यक कदम उठाएंगे। राज्यपाल के कार्यालय ने कहा, 'उन्होंने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि ममता बनर्जी की सरकार को कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए।' इसके विपरीत, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को कहा कि वह खुश हैं कि कोलकाता नगर निगम चुनाव के दौरान लोगों ने शांतिपूर्ण मतदान किया।


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