नई दिल्ली, जेएनएन। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर अपने हमलों को लेकर नवाब मलिक इन दिनों काफी चर्चाओं में हैं। एक्टर शाह रुख खान के बेटे आर्यन खान के क्रूज ड्रग्स मामले को लीड कर रहे समीर वानखेड़े लगातार नवाब मलिक के निशान पर हैं। नवाब मलिक के बारे में ये बात तो सब जानते हैं कि वो महाराष्ट्र सरकार में अल्पसंख्यक, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री हैं और एनसीपी की सीट से उन्हें महाराष्ट्र सरकार में जगह मिली है। अब हम आपको नवाब मलिक का पूरा बैकग्राउंड बताने जा रहे हैं। कैसे उनकी राजनीति में एंट्री हुई और इससे पहले वो क्या करते थे?

यूपी के बलरामपुर में हुआ जन्म

नवाब मलिक का जन्म 20 जून 1959 को उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के उतरौला तहसील क्षेत्र के धुसवा गांव में हुआ था। 1970 में उनका परिवार मुंबई शिफ्ट हो गया और उन्होंने 10वीं, 12वीं और ग्रेजुएशन की पढ़ाई यहीं पूरी की। उन्होंने अंजुमन हाईस्कूल से 10वीं और बुरहानी कालेज से 12वीं की पढ़ाई की। उनके परिवार में पत्नी महजबीन, दो बेटे- फराज एवं आमीर और दो बेटियां- निलोफर एवं सना हैं। नवाब मलिक राजनीति से पहले एक कामयाब बिजनेसमैन थे। उन्होंने पहले व्यापार में करियर बनाया और फिर राजनीति में भी दिलचस्पी होने के चलते सियासत के मैदान में अपनी किस्मत आजमाई।

कब आए राजनीति में

महाराष्ट्र में पांच बार के विधायक नवाब मलिक ने अपना सियासी सफर समाजवादी पार्टी के साथ शुरू किया। उन्होंने दो बार सपा के टिकट पर चुनाव लड़ जीत हासिल की। उन्होंने 1996 और 1999 में महाराष्ट्र के नेहरू नगर सीट पर सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज कराई। इसके बाद 2004 में उन्होंने सपा का साथ छोड़ शरद पवार की एनसीपी में एंट्री ले ली और फिर एनसीपी के टिकट पर चुनाव लड़कर नेहरू नगर सीट पर अपनी जीत दर्ज कराई। 2009 में विधानसभा में परिसीमन के बाद उन्होंने अणुशक्ति नगर सीट पर चुनाव लड़ा और लगातार चौथी बार विधायक बने। हालांकि, 2014 के चुनाव में मलिक को हार का सामना करना पड़ा। 2019 विधानसभा चुनाव में मलिक ने फिर से चुनाव लड़ा और पांचवीं बार विधायक बने। महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की गठबंधन वाली सरकार में नवाब मलिक मंत्री बनाए गए।

Edited By: Neel Rajput