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    Kharge Vs Dhankhar: 'कई बार खून का घूंट पीकर रह जाता हूं, लेकिन अब और बर्दाश्त नहीं', धनखड़ का खरगे पर तीखा प्रहार

    Updated: Tue, 02 Jul 2024 10:22 PM (IST)

    Kharge Vs Dhankhar मंगलवार को राज्यसभा में उस समय तीखी नोकझोंक देखने को मिला जब सभापति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस सांसद को अनुशासित करने के प्रयास में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की सीट पर जयराम रमेश को बैठने के लिए कहा। कांग्रेस के अध्यक्ष खड़गे ने पलटवार करते हुए कहा कि सभापति वर्ण व्यवस्था लाने की कोशिश कर रहे हैं।

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    राज्यसभा में जगदीप धनखड़ के साथ खड़गे की तीखी बहस हुई। (File Photo)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संसद सत्र के दौरान मंगलवार को राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बीच तीखी तकरार देखने को मिली। खरगे की टिप्पणी से आहत सभापति ने उनके बर्ताव के लिए न सिर्फ अपनी नाखुशी दर्ज कराई, बल्कि यह भी कहा कि उनके पास सहनशक्ति बहुत है, वह कई बार खून का घूंट पीकर रह जाते है, लेकिन अब और बर्दाश्त नहीं।

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    धनखड़ और खरगे के बीच तकरार

    इतिहास गवाह है कि खरगे ने इस पीठ का और उनका अब तक कितनी बार अपमान किया है। सभापति धनखड़ और कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के बीच यह तकरार तब हुई, जब राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सदन में चर्चा चल रही थी। इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी बोल रहे थे। उन्होंने सरकार पर जनता को लूटने और अपने मित्रों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया।

    धनखड़ का जयराम पर तंज

    इस पर धनखड़ ने उन्हें टोका और कहा कि वह जो भी कह रहे हैं उसका कोई प्रमाण है। वह कोई जवाब देते इससे पहले जयराम रमेश ने खड़े होकर सभापति को इसके लिए टोका। इस पर सभापति ने व्यंगात्मक लहजे में कहा कि मुझे लगता है कि जयराम ज्यादा बुद्धिमान और ऊर्जावान है। उनका शीर्ष नेतृत्व यहां मौजूद हैं, ऐसे में उन्हें खरगे जी की जगह ले लेनी चाहिए।

    खरगे पर झूठ का आरोप

    उनके यह कहते ही खरगे तिलमिलाकर अपनी सीट से उठे और कहा कि आप मुझे क्या कहना चाह रहे हैं। मैं कमजोर हूं, थका हुआ हूं। किसी को नीचा दिखाने के लिए ऐसी टिप्पणी ठीक नहीं है। इसके बाद विवाद बढ़ गया। सभापति धनखड़ ने इस पर खरगे पर शब्दों को तोड़ मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया और कहा कि किसी को लेकर कुछ भी कहना ठीक नहीं है।

    खरगे और सभापति में नोकझोंक

    इसके बाद खरगे फिर खड़े हुए और कहा कि मैं जहां हूं, वह न तो मुझे जयराम रमेश बना सकते हैं और न ही आप। मुझे बनाने वाली यहां बैठी हैं, वह सोनिया गांधी हैं। सोनिया गांधी बगल वाली सीट पर ही बैठी थीं। इस पर सभापति ने कहा कि मैं आपका इतना आदर करता हूं, लेकिन आप उसका एक प्रतिशत भी नहीं करते। मैंने कई मौकों पर आपकी प्रतिष्ठा को बचाने का काम किया है।

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