करुणानिधि कभी नहीं हारे चुनाव, 1969 में पहली बार बने थे मुख्यमंत्री
करुणानिधि ने 1957 में सफलतापूर्वक पहला चुनाव लड़ा था और उसके बाद से 2016 तक उन्होंने 13 चुनावों में कभी भी हार का सामना नहीं किया।
चेन्नई (आइएएनएस)। तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम. करुणानिधि का 94 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने मंगलवार शाम चेन्नई के कावेरी अस्पताल में आखिरी सांस ली। इस खबर के आते ही तमिलनाडु समेत पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। डीएमके समर्थकों में मातम पसर गया।
करुणानिधि का राजनीतिक करियर काफी शानदार रहा है। वह चुनाव में कभी पराजित नहीं हुए। 1957 में उन्होंने कुलिथालाई से सफलतापूर्वक पहला चुनाव लड़ा था और उसके बाद से 2016 तक उन्होंने 13 चुनावों में कभी भी हार का सामना नहीं किया। 1969 में उन्होंने पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री का पद संभाला था। 2006 में वह आखिरी बार मुख्यमंत्री बने थे। द्रमुक अध्यक्ष पद पर भी वह 1969 से अब तक बने रहे। वर्ष 1967 में द्रमुक ने राज्य से कांग्रेस को बाहर कर दिया, जिसके बाद से तमिलनाडु में या तो द्रमुक या तो अन्नाद्रमुक का शासन रहा है।
करुणानिधि ने तमिलनाडु से बाहर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा कभी नहीं दर्शाई, लेकिन उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति में कई बार महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह बैंकों के राष्ट्रीयकरण के मुद्दे पर इंदिरा गांधी के साथ थे। उसके बाद उन्होंने वीपी सिंह, एचडी देवेगौड़ा, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिह के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
1971 में करुणानिधि ने इंदिरा गांधी का साथ दिया था, लेकिन 1975 से 1977 के दौरान देश पर लगे आपातकाल का उन्होंने विरोध किया था। उस समय उनकी सरकार भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त कर दी गई थी। फिल्म अभिनेता से नेता बने एमजी रामचंद्रन से उनका रिश्ता कभी बेहतर नहीं हो सका।
कर्नाटक के सीमावर्ती जिलों में चौकसी बढ़ी
करुणानिधि के निधन होने के बाद तमिलनाडु से सटे कर्नाटक के जिलों में चौकसी बढ़ा दी गई है। कर्नाटक के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कमल पंत ने एक बयान में कहा, तमिलनाडु की सीमा से सटे बेंगलुरु ग्रामीण, कोलार, कामराजनगर और मैसुरु जिलों के पुलिस अधीक्षकों को सतर्क रहने के लिए आदेश जारी कर दिया गया है।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि किसी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए एहतियातन यह कदम उठाया गया है। राज्य से चेन्नई जाने वाले वाहनों को सीमा पर नियंत्रित किया जा रहा है। कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) ने तमिलनाडु के शहरों को जाने वाली बसों को मंगलवार शाम से रोक दिया है। एक निगम कर्मी ने कहा कि मंगलवार को कर्नाटक से तमिलनाडु के लिए गईं बसें बुधवार तक पुलिस अभिरक्षा में रहेंगी।
समर्पण भाव ने बनाया जननायक
एम करुणानिधि अपनी पार्टी डीएमके के प्रति वफादारी के लिए जाने जाते थे। एक वाकया है जो उनकी पार्टी के प्रति वफादारी को उचित ठहराता है। दरअसल, करुणानिधि के जीवन में एक समय ऐसा भी आया, जब उनकी पहली पत्नी पद्मावती मृत्युशैया पर थीं, लेकिन वो उनके पास ठहरने की बजाय पार्टी की बैठक के लिए चले गए थे।
उनके इस कदम ने पार्टी कार्यकर्ताओं में उन्हें काफी लोकप्रिय बना दिया था और पार्टी में उनका कद काफी बढ़ गया था।म्यूजियम में बदला घरएक सफल लेखक, कवि, विचारक और वक्ता कलैगनार एम. करुणानिधि भारत के वरिष्ठतम नेताओं में से एक थे। वह वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों की वजह से लगभग एक साल से सक्रिय राजनीति से दूर थे। थिरुक्कुवालाई गांव में जन्मे करुणानिधि के घर को म्यूजियम में बदल दिया गया है। इसी घर में उनका जन्म हुआ था। यहां पोप से लेकर इंदिरा गांधी तक के साथ उनकी तस्वीरें लगी हैं।
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