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कांग्रेस ने यूं ही नहीं चला सिद्धारमैया पर दांव, इन खूबियों के कारण मिला कर्नाटक का ताज

Karnataka New CM सिद्धारमैया आज शपथ लेने के बाद कर्नाटक के नए सीएम बन गए हैं। सिद्धारमैया को सीएम पद सौंप कांग्रेस ने 2024 के चुनाव को साधने की कोशिश की है। आइए जानें क्यों कांग्रेस ने उनके सिर सजाया सीएम का ताज।

By Mahen KhannaEdited By: Mahen KhannaPublished: Sat, 20 May 2023 03:01 PM (IST)Updated: Sat, 20 May 2023 03:01 PM (IST)
कांग्रेस ने यूं ही नहीं चला सिद्धारमैया पर दांव, इन खूबियों के कारण मिला कर्नाटक का ताज
Karnataka New CM सिद्धारमैया बने कर्नाटक के नए सीएम।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Karnataka New CM कर्नाटक में कांग्रेस राज कायम हो गया है। सरकार के शपथ ग्रहण के साथ ही सिद्धारमैया राज्य के नए मुख्यमंत्री और डीके शिवकुमार उपमुख्यमंत्री बन गए हैं। इनके साथ 8 विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली है।

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सिद्धारमैया को सीएम बनाने के पीछे कई कारण थे जिसके कारण पार्टी नें डीके शिवकुमार समेत कई नेताओं को ये पद नहीं सौंपा। आइए, जानें क्या है सिद्धारमैया का राजनीतिक इतिहास और क्यों पार्टी उन्हें नजरअंदाज नहीं कर पाई।

किसान परिवार से आते हैं सिद्धारमैया 

कर्नाटक के नए सीएम बने सिद्धारमैया 12 अगस्त 1948 को मैसूर स्थित वरुणा के सिद्धारमनहुंडी में जन्मे थे। वे एक किसान परिवार से आते हैं और उन्होंने काफी गरीबी में अपना बचपन बिताया है। सिद्धारमैया कुरुबा समुदाय से आते हैं जो राज्य में तीसरी सबसे बड़ी आबादी है। 

OBC और SC समुदाय पर पकड़

2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक के सीएम का फैसला किया है। सिद्धारमैया को कर्नाटक के ओबीसी, एससी और मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच लोकप्रिय नेता माना जाता है। इसी के चलते पार्टी उनकी जगह किसी दूसरे को सीएम बनाने के लिए नहीं मानी। पार्टी का मानना है कि सिद्धारमैया पर चला ये दांव भविष्य में कारगर साबित हो सकता है।

1983 में पहली बार बने विधायक

सिद्धारमैया ने 1983 में पहली बार लोकदल की टिकट पर 1983 में चामुंडेश्वरी विधानसभा सीट से चुनाव जीता था। सिद्धारमैया ने इसके बाद जनता पार्टी का दामन थाम लिया और कई बार मंत्री भी बनाए गए।   

2006 में कांग्रेस का थामा हाथ

जनता दल 1999 में बंट गई थी और सिद्धारमैया ने जनता दल सेक्युलर का दामन थाम लिया था। इसके बाद 2004 में चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस और जेडीएस की सरकार में उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया। हालांकि, जेडीएस से नाराजगी के बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। जिसके बाद उन्होंने 2006 में कांग्रेस का हाथ थामा।

बेहतर प्रशासक माने जाते हैं सिद्धारमैया

सिद्धारमैया 2013 से 2018 तक कांग्रेस की सरकार में सीएम रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने जनता के बीच अच्छी जमीनी पकड़ भी बनाई। सिद्धारमैया को बेहतर प्रशासक भी माना जाता है और उन्होंने इस चुनाव को अपना आखिरी चुनाव भी बताया था।  इसी कारण कांग्रेस ने इस बार भी उन्हें डीके शिवकुमार के ऊपर माना और सीएम पद सौंपा।


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