Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मार्कंडेय नदी पर कर्नाटक की बांध परियोजना; मामले को केंद्र के समक्ष उठाए तमिलनाडु सरकार, वाइको ने की मांग

    एमडीएमके नेता और सांसद वाइको ने रविवार को तमिलनाडु सरकार से मार्कंडेय नदी पर कर्नाटक सरकार द्वारा बनाए जा रहे बांध पर तुरंत कार्रवाई करने और इस मुद्दे को केंद्र के समक्ष इस मुद्दे को उठाने का आह्वान किया।

    By TaniskEdited By: Updated: Sun, 04 Jul 2021 12:51 PM (IST)
    Hero Image
    एमडीएमके नेता और सांसद वाइको । (फाइल फोटो)

    चेन्नई, आइएएनएस। एमडीएमके नेता और सांसद वाइको ने रविवार को तमिलनाडु सरकार से मार्कंडेय नदी पर कर्नाटक सरकार द्वारा बनाए जा रहे बांध पर तुरंत कार्रवाई करने और केंद्र के समक्ष इस मुद्दे को उठाने का आह्वान किया। उन्होंने  कहा कि पेन्नार की सहयाक नदी मार्कंडेय में बांध का निर्माण तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले के कृषि समुदाय को प्रभावित करेगा और इससे लगभग 870 हेक्टेयर कृषि भूमि बंजर हो जाएगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रविवार को जारी एक बयान में, वाइको ने कहा कि सरकार को इस मामले के खिलाफ गंभीरता से कार्रवाई करनी चाहिए, क्योंकि इससे तमिलनाडु के कई लोगों का जीवन प्रभावित होगा। वरिष्ठ नेता ने कहा कि कृष्णागिरी जिले के कुड्डापल्ली और बेमांडापल्ली गांव के लोग इस बांध से काफी तरह प्रभावित होंगे। वे अपनी सिंचाई और पीने के पानी की जरूरतों के लिए पूरी तरह से पेन्नार नदी पर निर्भर हैं।

    इस बीच, तमिलनाडु के जल संसाधन मंत्री और द्रमुक के वरिष्ठ नेता एस. दुरईमुर्गन ने कहा कि राज्य सरकार ने कर्नाटक सरकार द्वारा बांध निर्माण से उत्पन्न मुद्दे को हल करने के लिए एक ट्रिब्यूनल का गठन करने को लेकर केंद्र को पहले ही एक पत्र भेजा जा चुका है। मंत्री ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय जल आयोग ने 2017 में ही काम की समीक्षा की थी। कर्नाटक सरकार ने यह भी बताया था कि उसने पेयजल की जरूरतों को पूरा करने और जल स्तर को रिचार्ज करने के लिए 0.5 टीएमसीएफटी क्षमता का बांध बनाया था।

    दुरई मुरुगन ने बयान में कहा कि तमिलनाडु सरकार ने बांध के निर्माण का लगातार विरोध किया है। साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी और शीर्ष अदालत ने 2019 में एक ट्रिब्यूनल के गठन का आदेश दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि तमिलनाडु इस मुद्दे को ट्रिब्यूनल के माध्यम से हल करने की उम्मीद कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों और आम लोगों के हितों की रक्षा करेगी, जो इस बांध के निर्माण से प्रभावित होंगे।