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    कांग्रेस की आंधी में उड़ गए BJP के 14 मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष, JDS का सपना भी चकनाचूर; अब CM पर टिकी नजरें

    By Jagran NewsEdited By: Anurag Gupta
    Updated: Sun, 14 May 2023 04:39 AM (IST)

    कांग्रेस को भारी बहुमत देकर कर्नाटक की जनता ने किंगमेकर की भूमिका में आने के एचडी कुमारस्वामी के जद(एस) के सपने को भी चकनाचूर कर दिया। इस बीच कांग्रेस ने रविवार शाम साढ़े पांच बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है।

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    कर्नाटक में कांग्रेस की दमदार जीत (फोटो: एएनआई)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। 'कांग्रेस मुक्त' भारत के भाजपा के सियासी एजेंडे को ध्वस्त करते हुए कांग्रेस ने दक्षिण भारत के बड़े राज्य कर्नाटक में भारी बहुमत से जीत हासिल कर सूबे की सत्ता में धमाकेदार वापसी की है। इस जीत के साथ ही कांग्रेस ने दक्षिणी राज्यों में सत्ता के अपने सूखे को जहां खत्म कर लिया है, वहीं दक्षिण में भाजपा का इकलौता सियासी दुर्ग उससे छीन लिया है।

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    विधानसभा अध्यक्ष ने भी गंवाया चुनाव

    कर्नाटक में सत्ता विरोधी लहर पर सवार कांग्रेस के सियासी तूफान में भाजपा सरकार के 14 मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष भी चुनाव हार गए। कांग्रेस की इस बड़ी जीत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने 224 सदस्यीय विधानसभा में 136 सीटें जीती हैं। भाजपा केवल 65 सीटों के आंकड़े के साथ कांग्रेस की संख्या के आधे से भी कम रह गई।

    कुमारस्वामी का सपना हुआ चकनाचूर

    कांग्रेस को भारी बहुमत देकर कर्नाटक की जनता ने किंगमेकर की भूमिका में आने के एचडी कुमारस्वामी के जद(एस) के सपने को भी चकनाचूर कर दिया। इस बीच कांग्रेस ने रविवार शाम साढ़े पांच बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है।

    पूर्व सीएम सिद्दरमैया मुख्यमंत्री पद के सबसे प्रबल दावेदार हैं। उधर, शनिवार देर शाम निवर्तमान मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया। कर्नाटक में कांग्रेस की जीत को 2024 के लिहाज से भी अहम माना जा रहा है। निवर्तमान विधानसभा में 79 सीटें पर रहने वाली कांग्रेस ने 136 के आंकड़े की छलांग मारी है तो भाजपा मौजूदा 104 सीटों की 2018 की संख्या के मुकाबले घटकर 65 पर आ टिकी है।

    1989 के बाद पहली बार कांग्रेस ने 130 से ज्यादा सीटें हासिल की

    बजरंग बली, आतंकवाद से लेकर संप्रभुता सरीखा भाजपा का कोई भी राष्ट्रीय दांव कर्नाटक में कांग्रेस की जीत की राह नहीं रोक पाया। जेडीएस का आंकड़ा भी 37 से घटकर 19 पर सिमट गया। कर्नाटक में वोट प्रतिशत के हिसाब से हमेशा बड़ी पार्टी के तौर पर रहने वाली कांग्रेस को वर्ष 1989 के बाद पहली बार 130 से ज्यादा सीटें मिली हैं।

    अगले कुछ महीनों बाद होने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को इस जीत से काफी उत्साह मिलने की संभावना है। हाल के वर्षों में चुनावों के बाद अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय में सन्नाटा पसरा होता था, लेकिन शनिवार को यहां का माहौल बदला हुआ था।

    ढोल-नगाड़ों के बीच पार्टी कार्यकताओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व नेता राहुल गांधी ने बधाई दी। साथ ही उन्होंने नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में पांच अहम वादों पर अमल का वादा किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इसे जनता जनार्दन की जीत बताया।

    ''राहुल 2024 में बनेंगे प्रधानमंत्री''

    राज्य में कांग्रेस के नए मुख्यमंत्री के सबसे मजबूत उम्मीदवार सिद्दरमैया ने कहा है कि यह जीत वर्ष 2024 के आम चुनाव में कांग्रेस को मिलने वाली जीत की नींव रखेगी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ही वर्ष 2024 में भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे।

    कांग्रेस के कर्नाटक प्रदेशाध्यक्ष डीके शिवकुमार ने इस जीत को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि जब भाजपा ने उन्हें गलत आरोप में जेल में बंद कर दिया था तब सोनिया गांधी उनसे मिलने वहां गई थीं। तभी उन्होंने सोनिया गांधी से वादा किया था कि वह कर्नाटक में पार्टी की जीत का तोहफा उन्हें देंगे।

    कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान यह तकरीबन तय था कि भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है। कांग्रेस ने शुरू से ही भाजपा सरकार को भ्रष्टाचार के आरोप में घेरने की रणनीति बना रखी थी और बोम्मई सरकार को 40 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार के तौर पर प्रचारित किया।

    ''अल्पसंख्यक समुदाय ने निभाई अहम भूमिका''

    कांग्रेस को मिली जीत में अल्पसंख्यक समुदाय की वोट की भी अहम भूमिका रही है। पार्टी के नेता बताते हैं कि 13 प्रतिशत मुस्लिम वोट एकमुश्त मिलने से जीत सुनिश्चित करने में मदद मिली है। कांग्रेस को मिले वोटों का प्रतिशत 38.04 से बढ़कर 43 प्रतिशत हो गया है, जबकि भाजपा का 36.22 प्रतिशत से घटकर 35.8 प्रतिशत रह गया है।

    कांग्रेस की इस जीत ने आगामी आम चुनाव से पहले विपक्षी दलों के बीच सहयोग को लेकर चल रहे प्रयासों को भी एक ठोस दिशा देने के संकेत दिए हैं। तृणमूल कांग्रेस, सपा, जेडीयू, माकपा, सपा, पीडीपी समेत तमाम विपक्षी नेताओं की इस जीत पर कांग्रेस को बधाई दी। विपक्षी खेमे के सभी दल कर्नाटक में कांग्रेस की जीत से खुद को भी जोड़ रहे हैं।