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    Karnataka Election 2023: 1988 के बाद केवल एक CM ने पूरा किया पांच साल का कार्यकाल, छह बार लगा राष्ट्रपति शासन

    By Achyut KumarEdited By: Achyut Kumar
    Updated: Fri, 05 May 2023 01:30 PM (IST)

    कर्नाटक में 1988 के बाद से अब तक केवल एक मुख्यमंत्री ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया है जबकि छह बार राष्ट्रपति शासन लग चुका है। आइए जानते हैं कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों के बारे में दिलचस्प बातें... (फोटो- जागरण ग्राफिक्स)

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    Karnataka Assembly Election 2023: कर्नाटक में अब तक केवल चार मुख्यमंत्रियों ने पूरा किया अपना पांच साल का कार्यकाल

    नई दिल्ली, अच्युत कुमार द्विवेदी। Karnataka Assembly Election 2023: कर्नाटक में साल 1988 के बाद से अब तक केवल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. सिद्दरमैया ही अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर पाए हैं। उनके अलावा कोई और मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है। सिद्दरमैया 13 मई 2013 से 15 मई 2018 तक मुख्यमंत्री के पद पर आसीन रहे। इससे पहले, जनता पार्टी के नेता रामकृष्ण हेगड़े (10 जनवरी 1983 से 13 अगस्त 1988 तक) पांच साल तक मुख्यमंत्री थे। वे कुल 5 साल और 216 दिन तक मुख्यमंत्री रहे।

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    कर्नाटक में पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले मुख्यमंत्री

    कर्नाटक में पांच साल का कार्यकाल सबसे पहले एस निंजलिगप्पा ने पूरा किया था। उनका कार्यकाल 21 जून 1962 से 29 मई 1968 तक था। उसके बाद डी देवराज उर्स, रामकृष्ण हेगड़े और सिद्दरमैया ही अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर पाए हैं।

    कौन कितनी बार रहा मुख्यमंत्री

    एस निंजलिग्पा दो बार यानी 1 नवंबर 1956 से लेकर 16 मई 1958 तक और फिर 21 जून 1962 से  लेकर 29 मई 1968 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे। डी देवराज उर्स दो बार (20 मार्च 1972 से लेकर 31 दिसंबर 1977 तक और 28 फरवरी 1978 से लेकर 12 जनवरी 1980 तक), वीरेंद्र पाटिल दो बार (29 मई 1968-18 मार्च 1971, 30 नवंबर 1989-10 अक्टूबर 1990), एच डी कुमारस्वामी दो बार ( तीन फरवरी 2006- 8 अक्टूबर 2007, 23 मई 2018-36 जुलाई 2019) मुख्यमंत्री रहे। सबसे ज्यादा चार बार (12 नवंबर 2007- 19 नवंबर 2007, 30 मई 2008- पांच अगस्त 2011, 17 मई 2018- 23 मई 2018, 26 जुलाई 2019- 28 जुलाई 2021) बी एस येदियुरप्पा कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे।

    कर्नाटक में कितनी बार लगा राष्ट्रपति शासन

    कर्नाटक में अब तक छह बार राष्ट्रपति शासन लग चुका है। यहां पहली बार 19 मार्च 1971 में, जबकि आखिरी बार 20 नवंबर 2007 को राष्ट्रपति शासन लगा था।

    महत्वपूर्ण बातें:

    • वीरेंद्र पाटिल के दो कार्यकाल के बीच सबसे ज्यादा 17 साल का गैप रहा।
    • बी डी जत्ती ने कर्नाटक के पांचवें मुख्यमंत्री के अलावा, देश के पांचवें उपराष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।
    • कर्नाटक के 14वें मुख्यमंत्री एच डी देवेगौड़ा बाद में देश के प्रधानमंत्री बने।
    • एच डी देवेगौड़ा और एस आर बोम्मई के बाद उनके बेटे एच डी कुमारस्वामी और बसवराज बोम्मई भी मुख्यमंत्री बने।

    कर्नाटक के पहले मुख्यमंत्री कौन थे?

    कर्नाटक के पहले मुख्यमंत्री के. चेंगलराय रेड्डी थे। वे कांग्रेस पार्टी के नेता थे। उस समय कर्नाटक को मैसूर राज्य के नाम से जाना जाता था। रेड्डी 25 अक्टूबर 1947 से 30 मार्च 1952 तक मुख्यमंत्री रहे। तब से लेकर अब तक 23 मुख्यमंत्री हुए हैं।

    कर्नाटक का गठन कब हुआ?

    कर्नाटक का गठन 25 अक्टूबर 1947 को हुआ था। उस समय इसे मैसूर राज्य के नाम से जाना जाता था। एक नवंबर 1973 को इसे कर्नाटक नाम दिया गया। तब मुख्यमंत्री डी देवराज उर्स थे।

    सबसे कम कार्यकाल वाले कर्नाटक के मुख्यमंत्री कौन हैं?

    भारतीय जनता पार्टी यानी भाजपा के वरिष्ठ नेता बी एस येदियुरप्पा सबसे कम कार्यकाल (17 मई 2018-23 मई 2018) वाले कर्नाटक के मुख्यमंत्री हैं। वे चार बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे।

    सबसे ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री कौन रहे?

    कर्नाटक के आठवें मुख्यमंत्री डी देवराज उर्स सबसे ज्यादा समय (सात साल) तक मुख्यमंत्री रहे। वे पहली बार 20 मार्च 1972 से लेकर 31 दिसंबर 1977 तक और दूसरी बार 28 फरवरी 1978 से लेकर सात जनवरी 1980 तक मुख्यमंत्री रहे।