कर्नाटक सरकार फिर से कराएगी जाति जनगणना, हाईकमान के साथ बैठक के बाद सीएम का फैसला
कांग्रेस ने कर्नाटक जाति जनगणना की रिपोर्ट को विवादों के चलते रोकने का फैसला किया है। पार्टी अब नए सिरे से जाति पुनर्गणना कराएगी ताकि समुदायों की चिंताओं को दूर किया जा सके। मुख्यमंत्री सिद्दरमैया को नए सिरे से जाति जनगणना कराने का सुझाव दिया गया है क्योंकि मौजूदा सर्वेक्षण को लेकर कुछ वर्गों में आशंकाएं हैं।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देशव्यापी जाति जनगणना की मुखर पैरोकारी कर रही कांग्रेस ने कर्नाटक के सामाजिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण (जाति जनगणना) पर गहराते विवाद को देखते हुए इसकी रिपोर्ट को संदूक में बंद करने का फैसला लिया है।
साथ ही पार्टी ने अब कर्नाटक में नए सिरे से जाति पुनर्गणना कराने का निर्णय लिया है, ताकि इसके खिलाफ मुखर कुछ प्रमुख समुदायों की चिंताओं को दूर किया जा सके। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तथा लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के साथ कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया तथा उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की हुई बैठक में यह अहम फैसला हुआ।
बेंगलुरु भगदड़ मामले पर भी हुई चर्चा
पार्टी हाईकमान ने इस बैठक में चिन्नास्वामी स्टेडियम बेंगलुरू के बाहर भगदड़ की घटना की जांच तथा जवाबदेही पर भी चर्चा हुई जिसमें खरगे और राहुल दोनों ने आईपीएल जीत के जश्न में राज्य सरकार की भागीदारी पर अपनी नाराजगी जताई। कांग्रेस के नए मुख्यालय इंदिरा भवन में तीन घंटे की हुई बैठक में कर्नाटक की जाति जनगणना की ताजा रिपोर्ट पर सूबे के दो सबसे प्रभावशाली वर्ग लिंगायत और वोक्कालिग्गा समुदाय के साथ कुछ अन्य वर्गों के मुखर विरोध को देखते हुए नए सिरे से यह सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया गया।
कर्नाटक सरकार फिर से कराएगी जाति जनगणना
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इसका एलान करते हुए कहा कि बैठक में जाति जनगणना के मुद्दे पर भी चर्चा हुई और कांग्रेस नेतृत्व ने मुख्यमंत्री सिद्दरमैया को सुझाव दिया है कि कर्नाटक सरकार निर्धारित समय के भीतर फिर से जाति जनगणना कराए क्योंकि जनता के एक वर्ग ने 2015 में किए गए मौजूदा सर्वेक्षण को लेकर कई आशंका जताई है।
12 जून को होगी कैबिनेट बैठक
कर्नाटक की कैबिनेट 12 जून को होने वाली विशेष कैबिनेट बैठक में जाति जनगणना रिपोर्ट को औपचारिक रूप से ठंडे बस्ते में डालने और नए सिरे से यह कसरत कराने का निर्णय करेगी। कांग्रेस नेतृत्व का आकलन है कि कर्नाटक सरकार ने जाति जनगणना पर जो कुछ भी किया है उस पर व्यापक सैद्धांतिक सहमति होनी चाहिए और कुछ समुदायों में रिपोर्ट के डेटा को लेकर कई तरह की आशंकाएं इसलिए हैं कि यह जाति जनगणना 10 साल पहले की गई थी और डेटा थोड़ा पुराना है।
कांग्रेस नेतृत्व ने सुझाव दिया है कि कर्नाटक सरकार एक निर्धारित समय जैसे 60- 80 दिन या एक निश्चित अवधि में फिर से जाति जनगणना कराए। कर्नाटक में विपक्षी दल भाजपा ही नहीं वोक्कालिग्गा तथा लिंगायत वर्ग के प्रमुख नेताओं वर्तमान जाति जनगणना डेटा को अवैज्ञानिक बताते हुए कड़ा विरोध कर रहे हैं। कर्नाटक की जाति जनगणना रिपोर्ट इसी साल अप्रैल में सिद्दरमैया सरकार ने जारी की, लेकिन राज्य कैबिनेट की अब तक इस पर हुई तीन बैठकों में समाधान का कोई रास्ता नहीं निकल पाया। इसलिए इसे पिटारे में बंद करना ही पार्टी को मुनासिब लग रहा है।
बेंगलुरु भगदड़ में गई थी 11 लोगों की जान
वहीं, चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ में 11 लोगों की हुई मृत्यु की घटना पर भी बैठक में चर्चा की पुष्टि करते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री को केंद्रीय नेतृत्व ने एक रिपोर्ट देने को कहा था। बताया जाता है कि सिद्दरमैया ने इस घटना से खुद को अलग करते हुए कहा कि सरकार ने स्टेडियम में कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया था और हादसे की उन्हें देर से जानकारी दी गई।
सीएम ने साफ इशारा करते हुए घटना की जवाबदेही शिवकुमार पर डाली। सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने सीएम तथा डिप्टी सीएम दोनों को इस पर नसीहत देते हुए कहा कि कांग्रेस के लिए मानवीय जीवन सबसे मूल्यवान है और सरकार को लोगों के प्रति उत्तरदायी होना चाहिए।
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