कपिल सिब्बल ने इंसाफ के मंच पर विपक्षी नेताओं को आने का दिया न्यौता, कहा- BJP के इशारे पर चलती हैं ऐजेंसियां
ईडी-सीबीआई की विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई को सिब्बल ने बताया लोकतंत्र को कब्जे में करने के प्रयास का हिस्सा। पूर्व कानून मंत्री ने कहा कि दुखद स् ...और पढ़ें

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने संवैधानिक संस्थाओं से लेकर सत्ता सियासत के हर तंत्र पर भाजपा-संघ की विचारधारा के गहराते प्रहार को रोकने के लिए शनिवार को जंतर-मंतर पर अपने अराजनीतिक मंच 'इंसाफ' का गठन कर दिया। इस मंच को राजनीतिक-सामाजिक और आर्थिक अन्याय के खिलाफ न्याय का प्रहरी बनाने की घोषणा करते हुए सिब्बल ने भाजपा-संघ की नीतियों से असहमत राजनीतिक दलों को भी इंसाफ से जुड़ने का न्यौता दिया। विपक्षी नेताओं के खिलाफ ईडी-सीबीआई के इस्तेमाल को लेकर मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि इसके जरिए देश के लोकतंत्र को भाजपा-संघ अपने कब्जे में लेने का प्रयास कर रहा है।
सिब्बल ने भारत के लिए अपना एक वैकल्पिक विजन किया पेश
कांग्रेस से अलग होने के बाद भी विपक्षी राजनीति को मुखर आवाज देने की अपनी कोशिश के क्रम में कपिल सिब्बल की इंसाफ की यह अराजनीतिक पहल बिखरे विपक्ष की सियासत को एक मंच देने की कोशिश के रूप में देखी जा रही है। जंतर-मंतर पर बड़ी संख्या में जुटे वकीलों, सिविल सोसाइटी के लोगों और बुद्धिजीवियों के बीच इंसाफ मंच का औपचारिक आगाज करते हुए कपिल सिब्बल ने भविष्य के भारत के लिए अपना एक वैकल्पिक विजन भी पेश किया।
इसमें युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए अनुसंधान और विकास पर बड़ी रकम खर्च करने से लेकर बेहतर ऑल इंडिया शिक्षक सेवा का गठन कर बेहतर शिक्षक नियुक्त करने का सुझाव दिया। साथ ही शिक्षकों के कम वेतन और अस्थाई स्वरुप को चिंताजनक बताते हुए कहा कि देश में किसी भी शिक्षक का वेतन 50000 रुपए से कम नहीं होना चाहिए तभी हमारे बच्चों को अच्छे शिक्षक मिलेंगे।
सिब्बल ने अपने वैकल्पिक विजन में ग्रामीण भारत की स्वास्थ्य चुनौतियों के समाधान के लिए गांवों के इलाके में मेडिकल कालेज खोलने से लेकर आम लोगों को न्याय सुलभ कराने के लिए देश के चार हिस्सों में चार कोर्ट ऑफ अपील बनाने का सरकार को सुझाव दिया। साथ ही कहा हाईकोर्ट के बाद कोर्ट ऑफ अपील होना चाहिए और सुप्रीम कोर्ट को केवल संवैधानिक मामलों की सुनवाई तक सीमित रहना चाहिए।
मौजूदा भारत भाजपा-संघ का भारत: सिब्बल
अपने सियासी विजन की चर्चा करते हुए सिब्बल ने कहा कि मौजूदा भारत भाजपा-संघ का भारत बन गया है और इसे आम लोगों का हिन्दुस्तान बनाने के लिए सबको मिलकर संसद से सड़क तक अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी होगी।
संसद में अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने नहीं दी जा रही और कार्यपालिका के सारे तंत्र कब्जे में हैं जो ईडी- सीबीआई जैसी एजेंसियों के हैरान करने वाले कदमों के तौर पर सामने आ रहे हैं। लालू प्रसाद और उनके परिवार के खिलाफ ताजा कार्रवाई को लेकर आड़े हाथों लेते हुए सिब्बल ने कहा कि ईडी और सीबीआई को देश के नक्शे में केवल वे ही राज्य दिखाई दे रहे जहां विपक्षी नेताओं के दलों की सरकारें हैं।
सिब्बल ने मंच का अगला कार्यक्रम मध्यप्रदेश में करने की घोषणा की
भाजपा शासित राज्य और उसके नेता तो एजेंसियों को दिखते ही नहीं। पूर्व कानून मंत्री ने इसे लोकतंत्र पर गंभीर प्रहार करार देते हुए कहा कि दुखद स्थिति यह है कि अदालतें भी इस अन्याय के खिलाफ अपनी उचित भूमिका नहीं निभा पा रही हैं और उनको भी कब्जे में लेने का प्रयास किया जा रहा है।
सिब्बल ने कहा कि जजों की निुयक्ति की कालिजियम प्रणाली में बेशक कमियां हैं मगर उनकी नियुक्ति सरकार के हाथ में चली जाए यह अस्वीकार्य है। कानून मंत्री रिजिजु के लगातार आ रहे बयान सरकार के इसी प्रयास का हिस्सा है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने बतौर वकील इंसाफ से जुड़ने का ऐलान किया तो कपिल सिब्बल ने मंच का अगला कार्यक्रम मध्यप्रदेश में करने की घोषणा की।

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